खगड़िया: बिहार में स्वास्थ्य विभाग की एक हैरान करने वाली तस्वीर सामने आयी है. मामला खगड़िया का है, जहां स्कूली बच्चों को खिलाने वाली दवा कूड़े के ढेर पर दिखाई दी. इन दवा में कुछ तो एक्सपायर हैं, लेकिन ज्यादातर दवा की एक्सपायरी 2026 तक लिखी हुई है.
बच्चों को देनी थी दवा: यह दृश्य खगड़िया परबता थाना क्षेत्र के अनुसुचित प्राथमिक विद्यालय मोजाहिदपुर से सटे एक गढ्ढे में देखने को मिला. यहां काफी मात्रा में सरकारी दवा फेंकी हुई मिली. बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्कूल की बच्चों को खिलाने के लिए आइरन और एल्बेंडाजोल की टेबलेट स्कूल में दिया गया था.
कूड़े के ढेर में विटामिन: दवा बच्चों को खिलाने के बजाय कूड़े में फेंक दिया गया. कूड़े में पड़े दवा का वीडियो सामने आया है. कई तरह के बीमारी में काम आने वाली दवा मौजूद है. विटामिन और मिनरल की टेबलेट बड़ी मात्रा कूड़े के ढेर में फेंकी गई थी.
आनन फानन में इकट्ठा किया: आश्चर्य की बात है कि इसमें एक्सपायरी के साथ-साथ कई ऐसी दवा भी थी जो कि अभी काफी समय तक उपयोग में लाई जा सकती है. बरहाल इस मामले की जैसे ही सूचना स्वास्थ्य विभाग को मिला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर कशिश के निर्देश पर सारी दवा को आनन फानन में इकट्ठा किया.

दवा बीआरसी से दी गयी है. अब जांच की जा रही है की दवा कैसे कूड़े में फेंका गया और किसके द्वारा फेंका गया है. मामले की जांच कराकर कार्रवाई करेंगे.'
लोगों ने की कार्रवाई की मांग: स्थानीय लोग बताते हैं कि 'अस्पताल में जाने पर मरीज को कई दफा यह कहा जाता है कि यह दवा अस्पताल में नहीं है, बाहर से लीजिए.' अब सारा माजरा सबके सामने है. स्थानीय नटवर सिंह ने कहा कि इस मामले को स्वाथ्य विभाग को गंभीरता से लेनी चाहिए.

'नॉट फॉर सेल': लोगों ने बताया कि इन दवा के ऊपर नॉट फॉर सेल लिखा हुआ है. इसका अर्थ हुआ कि यह केवल सरकारी अस्पतालों को सप्लाई दी जाने वाली दवा है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर किनके इशारे पर कर्मियों ने ऐसी जगह दवा को फेंका गया.?
"सीएससी प्रभारी को सुचना दिया गया जिसके बाद दवा को कूड़े से उठा कर सीएचसी लाया गया. ऐसे लापरवाह लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए." -नटवर सिंह, स्थानीय
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