जयपुर: राजस्थान में पहली बार सभी नगरीय निकायों के चुनाव एक साथ कराए जाने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. सब कुछ योजना के अनुसार चला तो इस साल नवंबर में प्रदेश के सभी नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पालिकाओं में एक साथ मतदान कराया जाएगा. हालांकि यूडीएच मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि एक साथ चुनाव का मतलब ये नहीं कि एक ही दिन में सभी जगह चुनाव होंगे. राज्य निर्वाचन आयोग दो से तीन चरणों में भी चुनाव करा सकता है, लेकिन ये तय है कि चुनाव 15-20 दिन की अवधि में ही होंगे.
राज्य के सभी नगरीय निकायों में वार्ड परिसीमन और पुनर्गठन का कार्य तेजी से किया जा रहा है. जिला प्रशासन की ओर से तैयार प्रस्ताव पर आम जनता से आपत्तियां मांगी गई थी. अब इन आपत्तियों के निस्तारण का काम अंतिम चरण में है. माना जा रहा है कि जुलाई तक परिसीमन की अंतिम शक्ल सामने आ जाएगी. सभी निकायों में एक साथ चुनाव कराना राज्य निर्वाचन आयोग के लिए एक बड़ी चुनौती होगी. संसाधनों का समुचित प्रबंधन, सुरक्षाबलों की तैनाती और कार्मिकों की उपलब्धता जैसे कई पहलुओं को लेकर मंथन भी चल रहा है.
यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि अभी मई माह का पहला पखवाड़ा चल रहा है. इसके बाद जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर के पहले पखवाड़े तक का समय है. इस दौरान वार्डों का परिसीमन भी हो जाएगा और मतदाता सूची बनाने का काम भी पूरा हो जाएगा. उसके बाद राजस्थान के नगरीय निकायों के चुनाव एक साथ कर दिए जाएंगे. इसका मतलब ये है कि राज्य निर्वाचन आयोग यदि सक्षम होगा तो एक चरण में चुनाव करवा देगा या फिर वो चाहेगा तो दो-तीन चरण में चुनाव हो जाएंगे. ये निश्चित है कि 15-20 दिन की अवधि में सभी नगरीय निकायों के चुनाव एक साथ हो जाएंगे.
संसाधनों की होगी बचत: बहरहाल, सभी निकायों में एक साथ चुनाव होने से न केवल समय और संसाधनों की बचत होगी, बल्कि शासन-प्रशासन की दक्षता भी बढ़ेगी. साथ ही मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित कर लोकतंत्र को और अधिक मजबूत किया जा सकेगा. सब कुछ यूडीएच मंत्री के दावे के अनुसार चला तो अक्टूबर के अंत तक चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है. नामांकन प्रक्रिया, जांच, नाम वापसी और मतदान का कार्य नवंबर के पहले-दूसरे सप्ताह में संपन्न कराया जाएगा. सभी निकायों में एक ही चरण में चुनाव हो जाते हैं तो चुनाव परिणाम नवंबर के अंतिम सप्ताह तक घोषित किए जा सकते हैं.