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हिमाचल में कॉन्ट्रैक्ट पर नहीं ट्रेनी के तौर पर भर्ती होंगे नए कर्मचारी, रेगुलर होने के लिए ये नियम रहेगा लागू - HIMACHAL NEW EMPLOYEES POLICY

प्रदेश में अनुबंध पर दी जाने वाली नौकरी की व्यवस्था को खत्म किया गया है. इसकी जगह अब इसे ट्रेनी नाम दिया गया है.

ट्रैनी के तौर पर भर्ती होंगे नए कर्मचारी
ट्रैनी के तौर पर भर्ती होंगे नए कर्मचारी (कॉन्सेप्ट इमेज)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 15, 2025 at 1:46 PM IST

3 Min Read

शिमला: हिमाचल में अब अनुबंध व्यवस्था को लेकर सरकार ने बड़ा बदलाव किया है. प्रदेश में अब कई सालों से अनुबंध पर दी जाने वाली नौकरी की व्यवस्था को खत्म किया गया है. इसकी जगह अब इस सिस्टम को ट्रेनी नाम दिया गया है. यानी भविष्य में अब जो भी भर्तियां होंगी वो ट्रेनी की रूप की होंगी. पिछली बार मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित हुई कैबिनेट की बैठक में ये निर्णय लिया गया था. ऐसे में इस निर्णय को धरातल पर उतारने के लिए कार्मिक विभाग ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों और प्रबंध निदेशकों को ट्रेनी भर्ती को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. वहीं, प्रदेश में सभी भर्तियों पर कर्मचारी सेवा शर्तें अधिनियम 2024 लागू होगा.

हिमाचल में अनुबंध व्यवस्था का सिर्फ नाम बदला गया है, लेकिन कर्मचारियों के नियमित होने के नियम पहले की तरह ही लागू रहेंगे. यानी ट्रेनी भर्ती होने के बाद कर्मचारियों को पहले की ही तरह दो साल में नियमित किया जाएगा. वहीं नई व्यवस्था में जो अनुबंध पर कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं, वो भी ट्रेनी में ही आएंगे. नई भर्तियों के तहत पहले की तरह संबंधित पद पर लागू वेतन मैट्रिक्स स्तर के पहले स्केल का 60 फीसदी ही प्रतिमाह मिलेगा.

नहीं मिलेंगे ये लाभ

ट्रेनी को नियमित कर्मचारियों की तरह पेंशन, जीपीएफ और छुट्टी के लाभ नहीं दिए जाएंगे. इन कर्मचारियों को मेडिकल बिलों के भुगतान की सुविधा भी नहीं मिलेगी. इसी तरह से न ही एलटीसी मिलेगा. सरकार ने भर्ती और सरकारी कर्मचारियों की सेवा शर्तें अधिनियम 2024 लागू करने के बाद अनुबंध आधार पर नियुक्तियों की प्रणाली को आधिकारिक रूप से समाप्त कर दिया है. 20 फरवरी को लागू इस कानून में 12 दिसंबर 2003 से पूर्व के प्रावधान भी शामिल किए गए हैं, जो अनुबंध नियुक्तियों को नियमितीकरण द्वारा नियुक्तियों से प्रतिस्थापित करते हैं.

ट्रेनी के तौर पर होगी भर्ती

प्रदेश में पहले से चल रहीं भर्तियों और आगामी भर्तियां ट्रेनी आधार पर होंगी. इसको लेकर ट्रेनी और सरकार के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. ट्रेनी अवधि के दौरान कोई भी ईपीएफ/जीपीएफ या बीमा योजना लागू नहीं होगी. सरकार ने ये भी स्पष्ट किया कि पिछले नियमों के तहत लंबित भर्ती आवश्यकताएं और चल रहे चयन, जहां पहले से ही ऑफर लेटर जारी किए जा चुके हैं, वो भी 20 फरवरी से प्रभावी इन नए नियमों के दायरे में आएंगे. वहीं छुट्टी के प्रावधानों में प्रति माह 1 दिन की आकस्मिक छुट्टी, 10 दिन की चिकित्सा छुट्टी, 5 दिन की विशेष छुट्टी और 180 दिनों तक की मातृत्व छुट्टी शामिल हैं, जिसमें गर्भपात के मामलों के लिए अतिरिक्त प्रावधान किया गया है. अनधिकृत अनुपस्थिति होने पर सेवाओं को समाप्त कर दिया जाएगा. चिकित्सा आधार पर उचित प्रमाणन पर ही छुट्टी मिल सकेगी. दो साल बाद इन कर्मचारियों को रेगुलर किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: शिमला से PCCF कार्यालय को धर्मशाला में किया गया शिफ्ट, जानें क्यों लिया सरकार ने ये फैसला

शिमला: हिमाचल में अब अनुबंध व्यवस्था को लेकर सरकार ने बड़ा बदलाव किया है. प्रदेश में अब कई सालों से अनुबंध पर दी जाने वाली नौकरी की व्यवस्था को खत्म किया गया है. इसकी जगह अब इस सिस्टम को ट्रेनी नाम दिया गया है. यानी भविष्य में अब जो भी भर्तियां होंगी वो ट्रेनी की रूप की होंगी. पिछली बार मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित हुई कैबिनेट की बैठक में ये निर्णय लिया गया था. ऐसे में इस निर्णय को धरातल पर उतारने के लिए कार्मिक विभाग ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों और प्रबंध निदेशकों को ट्रेनी भर्ती को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. वहीं, प्रदेश में सभी भर्तियों पर कर्मचारी सेवा शर्तें अधिनियम 2024 लागू होगा.

हिमाचल में अनुबंध व्यवस्था का सिर्फ नाम बदला गया है, लेकिन कर्मचारियों के नियमित होने के नियम पहले की तरह ही लागू रहेंगे. यानी ट्रेनी भर्ती होने के बाद कर्मचारियों को पहले की ही तरह दो साल में नियमित किया जाएगा. वहीं नई व्यवस्था में जो अनुबंध पर कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं, वो भी ट्रेनी में ही आएंगे. नई भर्तियों के तहत पहले की तरह संबंधित पद पर लागू वेतन मैट्रिक्स स्तर के पहले स्केल का 60 फीसदी ही प्रतिमाह मिलेगा.

नहीं मिलेंगे ये लाभ

ट्रेनी को नियमित कर्मचारियों की तरह पेंशन, जीपीएफ और छुट्टी के लाभ नहीं दिए जाएंगे. इन कर्मचारियों को मेडिकल बिलों के भुगतान की सुविधा भी नहीं मिलेगी. इसी तरह से न ही एलटीसी मिलेगा. सरकार ने भर्ती और सरकारी कर्मचारियों की सेवा शर्तें अधिनियम 2024 लागू करने के बाद अनुबंध आधार पर नियुक्तियों की प्रणाली को आधिकारिक रूप से समाप्त कर दिया है. 20 फरवरी को लागू इस कानून में 12 दिसंबर 2003 से पूर्व के प्रावधान भी शामिल किए गए हैं, जो अनुबंध नियुक्तियों को नियमितीकरण द्वारा नियुक्तियों से प्रतिस्थापित करते हैं.

ट्रेनी के तौर पर होगी भर्ती

प्रदेश में पहले से चल रहीं भर्तियों और आगामी भर्तियां ट्रेनी आधार पर होंगी. इसको लेकर ट्रेनी और सरकार के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. ट्रेनी अवधि के दौरान कोई भी ईपीएफ/जीपीएफ या बीमा योजना लागू नहीं होगी. सरकार ने ये भी स्पष्ट किया कि पिछले नियमों के तहत लंबित भर्ती आवश्यकताएं और चल रहे चयन, जहां पहले से ही ऑफर लेटर जारी किए जा चुके हैं, वो भी 20 फरवरी से प्रभावी इन नए नियमों के दायरे में आएंगे. वहीं छुट्टी के प्रावधानों में प्रति माह 1 दिन की आकस्मिक छुट्टी, 10 दिन की चिकित्सा छुट्टी, 5 दिन की विशेष छुट्टी और 180 दिनों तक की मातृत्व छुट्टी शामिल हैं, जिसमें गर्भपात के मामलों के लिए अतिरिक्त प्रावधान किया गया है. अनधिकृत अनुपस्थिति होने पर सेवाओं को समाप्त कर दिया जाएगा. चिकित्सा आधार पर उचित प्रमाणन पर ही छुट्टी मिल सकेगी. दो साल बाद इन कर्मचारियों को रेगुलर किया जाएगा.

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