गोरखपुरः गोरखपुर के एयरपोर्ट को अयोध्या के एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है. ऐसा एयरपोर्ट तैयार होने में करीब दो साल का वक्त लगेगा. 2026 तक यहां नया टर्मिनल तैयार होने से न केवल विमानों का आवगमन बढ़ जाएगा बल्कि विमान सेवा और सस्ती होने की भी संभावना है. इससे यूपी के साथ ही बिहार के खाड़ी देशों को जाने वाले कामगारों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है.
अभी कुल 11 उड़ानें ही संचालित हो रहीः गोरखपुर के एयरपोर्ट से अभी कुल 11 उड़ानें ही संचालित हो रहीं हैं. इनमें दिल्ली, बंगलौैर, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई की उड़ाने शामिल हैं. नए प्रोजेक्ट के तहत गोरखपुर एयरपोर्ट पर विमानों की संख्या बढ़ाने की तैयारी है. अभी रोजाना करीब 2400 से 2700 यात्रियों का रोजाना आवागमन हो रहा है.
नया प्रोजेक्ट क्या हैः गोरखपुर एयरपोर्ट के विस्तार पर काम शुरू हो गया है. सेना ने इसके लिए 42.14 एकड़ जमीन भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को दे दी है. यहां पर नए टर्मिनल विकसित किया जा रहा है. इस टर्मिनल में 10 विमान खड़े हो सकेंगे. इससे गोरखपुर में दैनिक उड़ाने की संख्या बढ़कर करीब 21 तक हो जाएगी. गोरखपुर एयरपोर्ट को अयोध्या की तर्ज पर डेवलप किया जा रहा है. यहां कई देशों के विमानों के पार्क होने के लिए काफी जगह है.
गल्फ जाने वाले सबसे ज्यादाः अगर बात गोरखपुर एयरपोर्ट की करें तो यहां से बिहरा के छपरा, गोपालगंज, सीवन के यात्री गल्फ देशों का रुख करते हैं. इसके लिए वे गोरखपुर से कोलकाता या दिल्ली की उड़ाने पकड़ते हैं, इसके बाद वे गल्फ देशों के लिए निकल जाते हैं. गोरखपुर इनके लिए बेहद सुविधाजनक है. इसके अलावा महाराजगंज, देवरिया, बस्ती के लोग भी यहां की विमान सेवा का इस्तेमाल करते हैं.
अयोध्या से थोड़ी महंगी सेवाः अभी गोरखपुर में विमान कम होने के कारण अयोध्या की तुलना में टिकटों के रेट में थोड़ी अंतर है. इस वजह से कई यात्री अयोध्या जाकर विमान पकड़ते हैं. नया टर्मिनल शुरू हो जाने से उम्मीद है कि विमानों की संख्या बढ़ने के साथ ही किराए में भी कमी होगी. इसके बाद लोग अयोध्या का रुख न करके सीधे गोरखपुर से ही फ्लाइट पकड़कर गंतव्य को रवाना हो जाएंगे.
फ्लाइटों का सिग्नल सिस्टम तैयारः भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने नए टर्मिनल के लिए DVOR और DME की स्थापना का काम पूरा कर लिया. ये जहाजों की सिग्ननलिंग प्रणाली है. इसमें जहाज के उतरने और उन्हें सिगनल देने की व्यवस्था है. यह काम पूरा कर लिया गया है. गोरखपुर एयरपोर्ट के निदेशक विमान पत्तन आरके. पाराशर ने बताया है कि गोरखपुर हवाई अड्डे के लिए एक नये सिविल टर्मिनल के निर्माण हेतु, भारतीय वायु सेना द्वारा 42.14 एकड़ जमीन प्रदान की जा रही है.
इस जमीन के पास भारतीय वायु सेना द्वारा DVOR & DME लगाया गया था. इसके कारण प्रस्तावित भूमि पर 12 एकड़ भूमि निष्प्रयोज्य हो रही थी. इस जमीन के कारण एप्रन एरिया आदि के निर्माण में भी बाधा आ रही थी. DVOR और DME स्थापना हो चुकी है. उन्होंने बताया कि जल्द ही प्रणाली पूरी तरह से काम करने लगेगी. इससे नए टर्मिनल के निर्माण में काफी तेजी आ जाएगी. उन्होंने बताया कि इसे दिनेश कुमार गुप्ता, सहायक महाप्रबंधक (संचार), अरविन्द यादव, सहायक महाप्रबंधक (संचार) की टीम ने इसे स्थापित किया है.