गोपालगंज: सऊदी अरब में भारत के दो दर्जन से अधिक कामगार फंस गए हैं. जिस कंपनी में काम कर रहे थे, वह उन्हें जबरन रोक रखा है. बिहार के गोपालगंज के रहने वाले शाह आलम को भी कंपनी देश लौटने नहीं दे रही है. इन लोगों को पिछले 8 महीने से वेतन भी नहीं मिल रहा है. बेटे की याद में माता-पिता दिन-रात आंसू बहा रहे हैं. परिवार का कहना है कि एंबेसी से मदद मांगी थी लेकिन सहायता नहीं मिली.
गोपालगंज के शाह आलम सऊदी में फंसे: जिले के मांझा प्रखंड के कविलाशपुर गांव निवासी इम्तियाज आलम के बेटे शाह आलम साढ़े पांच साल पहले सऊदी अरब इस उम्मीद से कमाने गए थे कि आकर घर बनाएंगे और परिवार के साथ हंसी-खुशी से रहेंगे लेकिन अब वह वहां की कंपनी के चंगुल में फंस गए हैं. शादी तय होने के बावजूद कंपनी ने आने की इजाजत नहीं दी. आलम ये है कि उनके परिवार के लोग वतन वापसी के लिए सरकार और जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
क्या बोले पिता?: शाह आलम के पिता इम्तियाज आलम ने बताया कि 5 साल 5 महीने पहले उनका बेटा सेंडन इंटरनेशनल कंपनी लिमिटेड में काम करने के लिए सऊदी अरब गया था. शुरू में सब कुछ ठीक चल रहा था. कंपनी की ओर से समय पर वेतन के साथ खाने-पीने और ठहरने की भी बेहतर व्यवस्था की गई थी. कुछ पैसे कमाने के बाद उसने यहां अपना घर भी बनवाया लेकिन कर्ज हो जाने के कारण वह पिछले पांच साल से नहीं आया ताकि पैसा कमाकर कर्ज चुकाएंगे और शादी करेंगे.

न वेतन और न अच्छा खाना मिल रहा: पिता के मुताबिक इसी बीच पिछले आठ माह से उसे और उसके साथ काम करने वाले लोगों का वेतन बंद हो गया. दो माह बीतने के बाद जब पैसे देने से कंपनी ने इंकार कर दिया तब मजदूरों ने इसका विरोध किया लेकिन बावजूद वेतन नहीं मिला. अब कंपनी मजदूरों को न तो घर भेज रही है और न ही बढ़िया खाना दे रही है. चावल और दाल खाकर किसी तरह सभी लोग दिन काट रहे हैं. वहां से सभी कामगारों ने वीडियो बनाकर भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
शादी में आने की भी नही मिली इजाजत: शाह आलम के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. पिता ने बताया कि ईद के बाद उसकी शादी तय थी. इसके लिए उसने कंपनी से छुट्टी मांगी लेकिन आने नहीं दिया. लड़की वालों ने रिश्ता तोड़ दिया. एंबेसी से भी बात हुई लेकिन एंबेसी भी कुछ नहीं कर रही है. समझ में नहीं आता कि बेटा कब घर लौटेगा?

"5 साल 5 महीना हो गया बेटा को गए हुए लेकिन पिछले आठ महीने से वेतन को रोक दिया है. खाना-पीना भी अच्छा से नहीं दिया जा रहा है. कब आने देगा, कोई गारंटी नहीं है. ईद के बाद उसका शादी होने वाली थी. शादी के लिए छुट्टी का आवेदन भी लगाया था लेकिन छुट्टी नहीं मिली. जिस वजह से शादी कैंसिल हो गई."- इम्तियाज आलम, शाह आलम के पिता
मां बोलीं- मेरा बेटा लौटा दो: वहीं, शाह आलम की मां शायदा खातून बेटे की याद में दिन-रात आंसू बहा रही हैं. बस एक ही रट लगाती रहती हैं कि मेरे बेटे को लौटा दो, उसे किसी तरह घर ला दो. वह रोते-रोते कहती हैं कि मकान बनाने और परिवार की खुशी के लिए मेरा बेटा परदेस गया था. सोचा था कि शादी में घर आएगा लेकिन कंपनी वाले नहीं आने दे रहे हैं. सरकार से गुजारिश है कि मेरे बेटो को वापस लाने में मदद करें.

"पांच साल से मेरा बेटा वहीं (सऊदी) है. वह घर का एकलौता कमाने वाला था. उसी के बल पर कर्ज लिया था. कर्ज लेकर घर बनाया गया. सोचा था कि घर बन जाने के बाद शादी में घर जाएंगे. ईद बाद शादी थी लेकिन अब शादी भी कैंसिल हो गई. लड़की के पिता नहीं है. इस लिए हम लोग उससे शादी कराना चाहते थे लेकिन अब तो वह फंस गया, अब कैसे शादी होगी. सरकार से हाथ जोड़कर बेटा के लिए सरकार से गुहार लगा रही हूं कि मेरे बेटे को वापस बुला दिया जाए."- शायदा खातून, शाह आलम की मां
किस कंपनी में काम करते हैं शाह?: कविलाशपुर गांव निवासी शाह आलम सऊदी अरब में सेंडन इंटरनेशनल कंपनी लिमिटेड में काम करते हैं. बिहार और यूपी के 300 से अधिक श्रमिक वहां कार्यरत हैं. यह एक निर्माण और संबंधित संबद्ध सेवाओं की कंपनी है, जो तेल, गैस, उर्वरक, बिजली और परिवहन जैसे क्षेत्रों में काम करती है. इस कंपनी की स्थापना 1994 में हुई थी और इसका मुख्यालय सऊदी अरब के यानबू में है.
दर्जनों लोग फंसे हैं सऊदी में: फंसे हुए मजदूरों में शाह आलम के अलावे फतेहपुर निवासी छगुंर चौहान के बेटे दिलीप कुमार चौहान, दहीभत्ता निवासी महंथ प्रसाद के बेटे शलेश कुमार, मांझा गढ़ धमापाकड़ निवासी बैजनाथ साह, बालेपुर बथुआ निवासी, लाल बाबू सिंह के बेटे ओमप्रकाश, एकडंगा भगवानपुर निवासी रामसरन सिंह के बेटे बलिंदर सिंह और राजेंद्र नगर मोहल्ले के शैलेश कुमार चौहान समेत अन्य कई युवा शामिल हैं.

श्रमिकों ने जारी किया वीडियो: श्रमिकों ने भी एक वीडियो शेयर कर सरकार से मदद की गुहार लगाई है. इन लोगों ने वीडियो में कहा, 'भारतीय दूतावास से भी मेल और फोन के माध्यम से कई बार संपर्क किया लेकिन अब तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है. अगर जल्द मदद नहीं मिली तो उनकी स्थिति और खराब हो सकती है.'
क्या बोले अधिकारी?: इस बारे में श्रम अधीक्षक सुबोध कुमार ने इस मामले में मदद का भरोसा दिलाया है. उन्होंने कहा कि संभी फंसे मजदूरों के नियोजक की पहचान कर ली गई है. जल्द से जल्द सभी फंसे हुए श्रमिकों को वापस लाने के लिए विभागीय स्तर पर प्रक्रिया भी शुरू हो गई है.
"विभागीय निर्देशानुसार जो विदेश में फंसे हुए लोग हैं, उनके बारे में नियोजक का पता लगाना था. नियोजक का पता लगा लिया गया है. विभाग को सूचित भी कर दिया गया है. अब वापस बुलाने की प्रक्रिया की जा रही है."- सुबोध कुमार, श्रम अधीक्षक
सांसद ने दिलाया भरोसा: वहीं, गोपालगंज के जेडीयू सांसद आलोक कुमार सुमन ने भी सऊदी में फंसे श्रमिकों की घर वापसी का भरोसा दिलाया है. उन्होंने बताया कि श्रमिकों के परिजनों की ओर से दिए गए आवेदन को विदेश मंत्रालय को भेज दिया गया है. परिजनों से जरूरी कागजात मिलते ही उन लोगों की वापसी की कार्यवाही शुरू हो जाएगी.

"सऊदी अरब की एक निजी कम्पनी में कार्यरत एवं परेशान गोपालगंज एवं पड़ोसी जिले के श्रमिक भाइयों से वीडियो कॉल के द्वारा मैंने बातें की और उनकी सकुशल वतन वापसी के लिए उन्हें आश्वस्त किया. श्रमिकों के परिजनों द्वारा दिए गए कई आवेदन को विदेश मंत्रालय को भेज दिया हूं तथा उनसे बाकी बचे परिजनों से अपील की कि वे जल्द से जल्द जरूरी दस्तावेज उपलब्ध करा दे ताकि सकुशल वापसी के लिए आगे की कार्यवाही कर सकूं."- डॉ. आलोक कुमार सुमन, जेडीयू सांसद, गोपालगंज
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