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9 मील की दरकती पहाड़ी की जियोटैगिंग इन्वेस्टिगेशन करवाएगा NHAI, लैंडस्लाइड के कारणों का लगाएगा पता - 9 MILE LANDSLIDE

मंडी जिले में एनएचएआई करवा रहा 9 मील में लैंडस्लाइड एरिया की जियोटैग इन्वेस्टिगेशन, ढूंढे जाएंगे विकल्प.

Geotagging investigation of 9 mile Landslide
9 मील की पहाड़ी की होगी जियोटैगिंग इन्वेस्टिगेशन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 19, 2024, 9:49 AM IST

Updated : Oct 19, 2024, 1:53 PM IST

मंडी: पिछले कुछ सालों से मंडी जिले में चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर 9 मील के पास पहाड़ी लगातार दरक रही है. प्रशासन व वाहन चालकों के लिए मुसीबत बन चुकी इस दरकती पहाड़ी का रहस्य व समाधान अब एनएचएआई ने खोजना शुरू कर दिया है. जिसके तहत एनएचएआई ने इस पहाड़ी की जियोटैगिंग इन्वेस्टिगेशन करवाने का फैसला लिया है. इस इन्वेस्टिगेशन के बाद यह पता चल पाएगा कि भविष्य में यहां पर दरकते पहाड़ को रोकने के कैसे प्रयास किए जाने चाहिए, सड़क को चौड़ा करने या फिर पुल बनाने की तरफ आगे बढ़ना चाहिए या नहीं.

NHAI के लिए मुसीबत बना 9 मील प्वाइंट

मंडी जिले में 9 मील का स्थान एनएचएआई के परेशानी का सबब बन गया है. हालांकि पिछले साल 6 और 7 मील भी परेशानी पैदा कर चुके हैं, लेकिन वहां पर एनएचएआई ने पहले ही टनल निर्माण की संभावनाएं तलाशना शुरू कर दिया है. मगर इस बार 9 मील के दरकते पहाड़ ने एनएचएआई के सामने एक और मुसीबत खड़ी कर दी है. अब इसके समाधान के लिए एनएचएआई ने जियोटैग इन्वेस्टिगेशन करवाना शुरू कर दिया है.

मंडी जिले में 9 मील की जियोटैगिंग इन्वेस्टिगेशन करवा रहा एनएचएआई (ETV Bharat)

एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर वरूण चारी ने बताया, "जियोटैग इन्वेस्टिगेशन की रिपोर्ट के बाद ही यह तय हो पाएगा कि मौके पर क्या करना बेहतर रहेगा. अभी यहां तीन विकल्प हैं, जिनमें पहला दरकती पहाड़ी को स्टेबल करना, दूसरा मौजूदा सड़क को चौड़ा करना और तीसरा यहां पर पुल बनाना है. जो रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी."

Geotagging investigation of 9 mile Landslide
चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे (ETV Bharat)

इस बार 9 मील के पास हुआ सबसे ज्यादा लैंडस्लाइड

बता दें कि मंडी से पंडोह के बीच इस बार 9 मील वाले प्वाइंट पर सबसे ज्यादा लैंडस्लाइड की घटनाएं देखने को मिली. यहां कई गाड़ियां पहाड़ी से गिरे मलबे की चपेट में आई. एचआरटीसी की एक बस पर तो पहाड़ी से पत्थर तक गिर गए थे. यहां हालत यह हो गए हैं कि सड़क हद से ज्यादा संकरी हो गई है. इसलिए एक समय में एकतरफा ट्रेफिक ही क्रॉस हो पाता है.

Geotagging investigation of 9 mile Landslide
मंडी जिले का 9 मील (ETV Bharat)

एक ओर दरकता पहाड़, दूसरी ओर गहरी खाई

एक तरफ दरकता पहाड़ है तो दूसरी तरफ ब्यास नदी की ओर ले जाने वाली गहरी खाई. अगर यहां सड़क का मौजूदा हिस्सा जरा सा भी धंसता है तो फिर हाईवे पर यातायात पूरी तरह से बंद भी हो सकता है. हालांकि अब बरसात का मौसम समाप्त हो गया है लेकिन यहां पर खतरा लगातार बना हुआ है. ऐसे में इसका स्थायी समाधान बेहद जरूरी है और इस ओर एनएचएआई ने कार्य करना शुरू भी कर दिया है.

ये भी पढ़ें: नया बस स्टॉप पसंद नहीं, पुराना बहाल करने की मांग, लोगों को नहीं भाया व्यवस्था परिवर्तन

ये भी पढ़ें: आदि बद्री सड़क निर्माण का रास्ता साफ, आपस में जुड़ेंगे हिमाचल-हरियाणा, महज 25 KM रह जाएगी दूरी

ये भी पढ़ें: हिमाचल में इतने हजार किलोमीटर है सड़कों की लंबाई, 15 हजार से अधिक गांवों में पहुंचे रोड

मंडी: पिछले कुछ सालों से मंडी जिले में चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर 9 मील के पास पहाड़ी लगातार दरक रही है. प्रशासन व वाहन चालकों के लिए मुसीबत बन चुकी इस दरकती पहाड़ी का रहस्य व समाधान अब एनएचएआई ने खोजना शुरू कर दिया है. जिसके तहत एनएचएआई ने इस पहाड़ी की जियोटैगिंग इन्वेस्टिगेशन करवाने का फैसला लिया है. इस इन्वेस्टिगेशन के बाद यह पता चल पाएगा कि भविष्य में यहां पर दरकते पहाड़ को रोकने के कैसे प्रयास किए जाने चाहिए, सड़क को चौड़ा करने या फिर पुल बनाने की तरफ आगे बढ़ना चाहिए या नहीं.

NHAI के लिए मुसीबत बना 9 मील प्वाइंट

मंडी जिले में 9 मील का स्थान एनएचएआई के परेशानी का सबब बन गया है. हालांकि पिछले साल 6 और 7 मील भी परेशानी पैदा कर चुके हैं, लेकिन वहां पर एनएचएआई ने पहले ही टनल निर्माण की संभावनाएं तलाशना शुरू कर दिया है. मगर इस बार 9 मील के दरकते पहाड़ ने एनएचएआई के सामने एक और मुसीबत खड़ी कर दी है. अब इसके समाधान के लिए एनएचएआई ने जियोटैग इन्वेस्टिगेशन करवाना शुरू कर दिया है.

मंडी जिले में 9 मील की जियोटैगिंग इन्वेस्टिगेशन करवा रहा एनएचएआई (ETV Bharat)

एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर वरूण चारी ने बताया, "जियोटैग इन्वेस्टिगेशन की रिपोर्ट के बाद ही यह तय हो पाएगा कि मौके पर क्या करना बेहतर रहेगा. अभी यहां तीन विकल्प हैं, जिनमें पहला दरकती पहाड़ी को स्टेबल करना, दूसरा मौजूदा सड़क को चौड़ा करना और तीसरा यहां पर पुल बनाना है. जो रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी."

Geotagging investigation of 9 mile Landslide
चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे (ETV Bharat)

इस बार 9 मील के पास हुआ सबसे ज्यादा लैंडस्लाइड

बता दें कि मंडी से पंडोह के बीच इस बार 9 मील वाले प्वाइंट पर सबसे ज्यादा लैंडस्लाइड की घटनाएं देखने को मिली. यहां कई गाड़ियां पहाड़ी से गिरे मलबे की चपेट में आई. एचआरटीसी की एक बस पर तो पहाड़ी से पत्थर तक गिर गए थे. यहां हालत यह हो गए हैं कि सड़क हद से ज्यादा संकरी हो गई है. इसलिए एक समय में एकतरफा ट्रेफिक ही क्रॉस हो पाता है.

Geotagging investigation of 9 mile Landslide
मंडी जिले का 9 मील (ETV Bharat)

एक ओर दरकता पहाड़, दूसरी ओर गहरी खाई

एक तरफ दरकता पहाड़ है तो दूसरी तरफ ब्यास नदी की ओर ले जाने वाली गहरी खाई. अगर यहां सड़क का मौजूदा हिस्सा जरा सा भी धंसता है तो फिर हाईवे पर यातायात पूरी तरह से बंद भी हो सकता है. हालांकि अब बरसात का मौसम समाप्त हो गया है लेकिन यहां पर खतरा लगातार बना हुआ है. ऐसे में इसका स्थायी समाधान बेहद जरूरी है और इस ओर एनएचएआई ने कार्य करना शुरू भी कर दिया है.

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Last Updated : Oct 19, 2024, 1:53 PM IST
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