गढ़वा: देश का मशहूर बूढ़ा पहाड़ कभी विस्फोटों के लिए जाना जाता था लेकिन अब यहां की फिजा बदल गई है. जहां कल तक भाकपा माओवादियों का राज था, आज वहां विकास की रफ्तार बढ़ रही है. यह पहाड़ कभी भाकपा माओवादियों का ट्रेनिंग सेंटर हुआ करता था, लेकिन अब हालात बदल गए हैं. आज उसी जगह बच्चों के लिए स्कूल खुल गए हैं और अब वहां वर्णमाला की आवाज सुनाई देती है.
कल तक जहां इस पेड़ के नीचे माओवादियों की जन अदालत लगती थी, आज वहां बच्चे पढ़ रहे हैं और वो भी आदिम जनजाति के बच्चे जिन्होंने कभी कॉपी-किताब के बारे में सोचा भी नहीं होगा, आज वर्णमाला सीख रहे हैं, जिसकी आवाज इन पहाड़ों की वादियों में गूंज रही है. ऐसे में अगर समझा जाए तो नक्सलियों के दिन लद गए हैं, अब विकास की रोशनी एक नई सुबह के रूप में इन पहाड़ों तक पहुंच गई है.
चार दशक से पिछड़ा यह इलाका महज एक साल में विकास की राह पर चल पड़ा है. आदिम जनजाति समुदाय के ग्रामीणों को अब बाहरी दुनिया की समझ आने लगी है. ग्रामीणों ने बताया कि पहले पार्टी के लोग उन्हें परेशान करते थे, लेकिन अब सब ठीक है, सभी तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं, अब कोई परेशानी नहीं है और विकास हो रहा है. केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है.
मुखिया बिनको टोप्पो ने कहा कि आज यहां विकास बोल रहा है, पहले काफी कठिनाई होती थी लेकिन आज बूढ़ा पहाड़ पर रहने वाले सभी ग्रामीणों को योजनाओं से आच्छादित किया जा रहा है. इसी उद्देश्य से डीसी और एसपी ने संयुक्त रूप से बरगढ़ प्रखंड के बूढ़ा पहाड़ के सुदूर क्षेत्र का दौरा किया ताकि गढ़वा जिले के सबसे सुदूर नक्सल मुक्त बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं और विकास कार्यों से अवगत हो सकें और क्षेत्र के आम लोगों की समस्याओं का उचित समाधान कर सकें.
सभी योजनाओं से आच्छादित होंगे ग्रामीण
इस दौरान उपायुक्त शेखर जमुआर ने बूढ़ा पहाड़ विकास परियोजना को लेकर बरगढ़ प्रखंड अंतर्गत बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र के टेहरी पंचायत के विकास कार्यों और अन्य की समीक्षा की. उन्होंने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को सुना और सरकार द्वारा चलाए जा रहे सभी विकास योजनाओं से ग्रामीणों को आच्छादित करने की बात कही.
उपायुक्त ने कहा कि उक्त क्षेत्रों के योग्य लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं जैसे मनरेगा, आवास, सर्वजन पेंशन, केसीसी, वन अधिकार पट्टा, बाल विकास, शिक्षा, योजना पूर्णता, स्वास्थ्य, पोषण एवं आधार सीडिंग, पेयजल, बिजली सहित अन्य योजनाओं से शत-प्रतिशत आच्छादित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र के पंचायतों में बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सड़क आदि के क्षेत्र में समुचित विकास कार्य किए जाएंगे. उपायुक्त ने कहा कि बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में पहले की अपेक्षा अब अधिक सतत विकास कार्य किए जा रहे हैं.
सुरक्षा बलों ने बनाया भयमुक्त माहौल
पुलिस अधीक्षक दीपक पांडेय ने कहा कि बूढ़ा पहाड़ पहले नक्सल प्रभावित क्षेत्र था, जिसे अब जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं सीआरपीएफ बलों द्वारा भयमुक्त वातावरण का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए पूर्ण रूप से नक्सल मुक्त बना दिया गया है. उन्होंने वहां रहने वाले आम लोगों के साथ-साथ सुरक्षा बलों (सीआरपीएफ बटालियन) की समस्याओं से भी अवगत हुए.
उन्होंने कहा कि बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में सम्पूर्ण विकास कार्य के साथ-साथ सुरक्षा बलों ने इस सुदूरवर्ती क्षेत्र में कठिन परिस्थितियों में रहकर आम लोगों को भयमुक्त वातावरण उपलब्ध कराया है, जिसमें सीआरपीएफ जवानों की अहम भूमिका है. इसलिए वहां रह रहे सुरक्षा बल के जवानों की समस्याओं से अवगत होकर व्याप्त समस्याओं का समुचित समाधान निकाला जाएगा.
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