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यूपी के मैंगोलैंड में लौटी रौनक; बौर देखकर बागवानों के चेहरे पर आई मुस्कान, 75 फीसदी फसल अच्छी - MANGO CROP IN MALIHABAD

निदेशक टी. दामोदरन ने बताया कि पिछले दो साल की तुलना में इस साल की बेहतर फसल.

बागों में बौर
बागों में बौर (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : March 11, 2025 at 5:07 PM IST

Updated : March 11, 2025 at 10:18 PM IST

4 Min Read

लखनऊ : नए साल की शुरुआत से ही मलिहाबाद क्षेत्र में रौनक का दौर शुरू हो जाता है, क्योंकि विश्व भर के लोग मलिहाबादी दशहरी आम का स्वाद लेने के लिए आतुर हो जाते हैं. इस सीजन अभी तक के मौसम ने आम की अच्छी फसल होने का ठप्पा लगाया है. आम की फसल को रोग से बचाने के लिए किसान दवा के छिड़काव की भी तैयारी कर रहे हैं, जिससे लोग आम का लुत्फ उठा सकें.

मलिहाबाद फलपट्टी क्षेत्र में नवंबर माह में 10 से 15 फीसदी बागों में निकले बौर में आए कालेपन ने कुछ समय के लिए बागवानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी थीं. मलिहाबाद के किसान मुश्लिहूदीन ने बताया कि पिछली बार की तुलना में इस बार बौर अच्छा आ रहा है. पिछली बार जो नुकसान हुआ था, इस बार की फसल को देखकर लग रहा है कि इसकी भरपाई हो जाएगी. जिस कारण किसानों में खुशहाली है और इससे किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी.

बागवानों ने दी जानकारी (Video credit: ETV Bharat)

आम की बागवानी पूर्ण रूप से मौसम पर ही निर्भर होती है. इस सीजन में सर्दियों के समय अधिक कोहरा और पाला न पड़ने के कारण समय से पहले निकले बौर के लिए संजीवनी का काम कर गया, जबकि अधिक कोहरा पड़ने के कारण शुरुआती दौर में निकला बौर खराब हो जाता है. साथ ही कई वर्षों बाद ऐसा दिख रहा है कि समय से पहले निकला बौर 60 फीसदी तक सुरक्षित है.

75 फीसदी फसल अच्छी : अवध आम उत्पादक बागवानी समिति के महासचिव व बागवान उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इस सीजन में सर्दियों के समय मौसम लगभग एक समान ही रहा, जिस कारण बागों में निकला ज्यादातर एडवांस बौर भी कामयाब दिख रहा है. उन्होंने कहा कि अभी तक बागवानों के लिए खुशी की बात है कि कोई नुकसान नहीं दिख रहा है. पिछले साल बौर ही कम था, जिस कारण फसल भी कमजोर थी. इस वर्ष मलिहाबाद के बागवानों के पास 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र आम बागवानों के पास है, जो पिछले साल इतना नहीं हुआ था. इस वर्ष 75 फीसदी फसल अच्छी है.

80 प्रतिशत तक बागों में फ्लॉवरिंग : उन्होंने कहा कि 80 प्रतिशत तक बागों में फ्लॉवरिंग हो चुकी है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 1 लाख से सवा लाख मैट्रिक टन आम हुआ था, लेकिन इस वर्ष ढाई लाख मीट्रिक टन के ऊपर आम होने की उम्मीद है, जो सुखद संदेश किसानों के लिए है. आने वाले दिन आम की फसल के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं. अगर अच्छी धूप खिली रही तो बागवानों की बल्ले-बल्ले और अगर मौसम खराब रहा तो बागवानों को नुकसान हो सकता है.



इस साल की फसल बेहतर : केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमान खेड़ा लखनऊ के निदेशक टी. दामोदरन ने बताया कि पिछले दो साल की तुलना में इस साल की फसल बेहतर है. पिछले साल की फ्लॉवरिंग में तापमान अचानक से बढ़ गया, जिससे पेड़ों पर फ्लॉवरिंग सही ने नहीं हो पाई. उससे एक साल पहले जब फ्लॉवरिंग का समय आया तो बारिश आ गई, जिससे नुकसान अधिक हो गया. इस तरह दोनों साल फसल पर मौसम का बुरा प्रभाव पड़ा.



90 प्रतिशत हुई फ्लॉवरिंग : उन्होंने बताया कि इस वर्ष आम की फसल के लिए अभी तक का मौसम फसल के अनुकूल ही रहा है. इस बार पेड़ों में 90 फीसदी बौर आ रहा है. रात का तापमान अभी भी ज्यादा नहीं हो रहा है. अभी भी 15 से 18 के आस-पास रह गया, जिससे वह फायदेमंद है. दिन में भले ही तामपान थोड़ा बढ़ रहा हो, लेकिन तेज हवाओं से उसका असर नहीं हो रहा है. किसान के बाग की पैदावार आज की तुलना में दो गुना ज्यादा हो रहा है.

बेवजह स्प्रे करने से बचें किसान : उन्होंने बताया कि यह समय फ्लॉवरिंग का है, इसमें अभी कोई रोग नहीं है. मौसम अनुकूल मिल रहा है. ऐसे में देखने को मिल रहा है कि किसान जल्दबाजी में बागों में स्प्रे कराने लग जाते हैं. इससे यह होता है कि जो फ्लॉवरिंग हो रही है होती है, उस पर बुरा प्रभाव पड़ता है. आने वाले दिनों में जब आम सेट हो जाए और तामपान बढ़ने लगे, अगर जरूरत लगे की रोग पनप रहे हैं तो स्प्रे करा सकते हैं.



यह भी पढ़ें : लखनऊ कमिश्नर ने डीआरएम को लिखा पत्र; दशहरी आम निर्यात करने के लिए अलग से रेफ्रिजरेटेड वैगन उपलब्ध कराने की मांग - DUSSEHRI MANGO EXPORT

लखनऊ : नए साल की शुरुआत से ही मलिहाबाद क्षेत्र में रौनक का दौर शुरू हो जाता है, क्योंकि विश्व भर के लोग मलिहाबादी दशहरी आम का स्वाद लेने के लिए आतुर हो जाते हैं. इस सीजन अभी तक के मौसम ने आम की अच्छी फसल होने का ठप्पा लगाया है. आम की फसल को रोग से बचाने के लिए किसान दवा के छिड़काव की भी तैयारी कर रहे हैं, जिससे लोग आम का लुत्फ उठा सकें.

मलिहाबाद फलपट्टी क्षेत्र में नवंबर माह में 10 से 15 फीसदी बागों में निकले बौर में आए कालेपन ने कुछ समय के लिए बागवानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी थीं. मलिहाबाद के किसान मुश्लिहूदीन ने बताया कि पिछली बार की तुलना में इस बार बौर अच्छा आ रहा है. पिछली बार जो नुकसान हुआ था, इस बार की फसल को देखकर लग रहा है कि इसकी भरपाई हो जाएगी. जिस कारण किसानों में खुशहाली है और इससे किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी.

बागवानों ने दी जानकारी (Video credit: ETV Bharat)

आम की बागवानी पूर्ण रूप से मौसम पर ही निर्भर होती है. इस सीजन में सर्दियों के समय अधिक कोहरा और पाला न पड़ने के कारण समय से पहले निकले बौर के लिए संजीवनी का काम कर गया, जबकि अधिक कोहरा पड़ने के कारण शुरुआती दौर में निकला बौर खराब हो जाता है. साथ ही कई वर्षों बाद ऐसा दिख रहा है कि समय से पहले निकला बौर 60 फीसदी तक सुरक्षित है.

75 फीसदी फसल अच्छी : अवध आम उत्पादक बागवानी समिति के महासचिव व बागवान उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इस सीजन में सर्दियों के समय मौसम लगभग एक समान ही रहा, जिस कारण बागों में निकला ज्यादातर एडवांस बौर भी कामयाब दिख रहा है. उन्होंने कहा कि अभी तक बागवानों के लिए खुशी की बात है कि कोई नुकसान नहीं दिख रहा है. पिछले साल बौर ही कम था, जिस कारण फसल भी कमजोर थी. इस वर्ष मलिहाबाद के बागवानों के पास 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र आम बागवानों के पास है, जो पिछले साल इतना नहीं हुआ था. इस वर्ष 75 फीसदी फसल अच्छी है.

80 प्रतिशत तक बागों में फ्लॉवरिंग : उन्होंने कहा कि 80 प्रतिशत तक बागों में फ्लॉवरिंग हो चुकी है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 1 लाख से सवा लाख मैट्रिक टन आम हुआ था, लेकिन इस वर्ष ढाई लाख मीट्रिक टन के ऊपर आम होने की उम्मीद है, जो सुखद संदेश किसानों के लिए है. आने वाले दिन आम की फसल के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं. अगर अच्छी धूप खिली रही तो बागवानों की बल्ले-बल्ले और अगर मौसम खराब रहा तो बागवानों को नुकसान हो सकता है.



इस साल की फसल बेहतर : केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमान खेड़ा लखनऊ के निदेशक टी. दामोदरन ने बताया कि पिछले दो साल की तुलना में इस साल की फसल बेहतर है. पिछले साल की फ्लॉवरिंग में तापमान अचानक से बढ़ गया, जिससे पेड़ों पर फ्लॉवरिंग सही ने नहीं हो पाई. उससे एक साल पहले जब फ्लॉवरिंग का समय आया तो बारिश आ गई, जिससे नुकसान अधिक हो गया. इस तरह दोनों साल फसल पर मौसम का बुरा प्रभाव पड़ा.



90 प्रतिशत हुई फ्लॉवरिंग : उन्होंने बताया कि इस वर्ष आम की फसल के लिए अभी तक का मौसम फसल के अनुकूल ही रहा है. इस बार पेड़ों में 90 फीसदी बौर आ रहा है. रात का तापमान अभी भी ज्यादा नहीं हो रहा है. अभी भी 15 से 18 के आस-पास रह गया, जिससे वह फायदेमंद है. दिन में भले ही तामपान थोड़ा बढ़ रहा हो, लेकिन तेज हवाओं से उसका असर नहीं हो रहा है. किसान के बाग की पैदावार आज की तुलना में दो गुना ज्यादा हो रहा है.

बेवजह स्प्रे करने से बचें किसान : उन्होंने बताया कि यह समय फ्लॉवरिंग का है, इसमें अभी कोई रोग नहीं है. मौसम अनुकूल मिल रहा है. ऐसे में देखने को मिल रहा है कि किसान जल्दबाजी में बागों में स्प्रे कराने लग जाते हैं. इससे यह होता है कि जो फ्लॉवरिंग हो रही है होती है, उस पर बुरा प्रभाव पड़ता है. आने वाले दिनों में जब आम सेट हो जाए और तामपान बढ़ने लगे, अगर जरूरत लगे की रोग पनप रहे हैं तो स्प्रे करा सकते हैं.



यह भी पढ़ें : लखनऊ कमिश्नर ने डीआरएम को लिखा पत्र; दशहरी आम निर्यात करने के लिए अलग से रेफ्रिजरेटेड वैगन उपलब्ध कराने की मांग - DUSSEHRI MANGO EXPORT

Last Updated : March 11, 2025 at 10:18 PM IST
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