रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अलग अलग तरीके से ठगी की कई वारदात हो चुकी है. आम लोग लगातार ठगी के शिकार होते जा रहे हैं. अभी हाल में एक ऐसे ठगी के केस का खुलासा हुआ है. जिसे जानकर आप भी हैरान होंगे कि कैसे लोगों को ठग अपने जाल में फंसा रहे हैं.
निजी कंपनी की स्कीम में फंसे लोग: रायपुर में एक प्राइवेट कंपनी के स्कीम के चक्कर में फंसकर लोगों ने अपने पैसे गंवा दिए.इसमें असिस्टेंट प्रोफेसर सहित सैकड़ों लोग फंस गए हैं. पहले तो इस निजी कंपनी ने प्रोफेसर साहब को घर बैठे अलग अलग बैंकों से लोन दिलवाया. लोन की यह रकम 72 लाख रुपये की थी. उसके बाद फिर निवेश का झांसा देकर आधी रकम वापस ले ली. पीड़ित ने पुलिस को बताया कि कंपनी वालों ने यह तर्क दिया कि अब लोन की यह रकम कंपनी चुकाएगी.
रायपुर पुलिस ने क्या कहा ? : रायपुर कोतवाली थाना प्रभारी सुधांशु बघेल ने बताया कि "पीड़ित त्रिभुवन सिंह जो कि रायपुर शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. मार्च 2024 में उनके पास एक अनजान नंबर से कॉल आया था. कॉल करने वाले व्यक्ति ने उनसे कहा कि क्या आपको लोन की जरूरत है, हमारी कंपनी लोन दिलाती है.
असिस्टेंट प्रोफेसर को आरवी ग्रुप एडवाइजर प्राइवेट लिमिटेड छोटा पारा रायपुर ऑफिस का पता दिया गया. वहां मौजूद स्टाफ ने लोन के संबंध में असिस्टेंट प्रोफेसर को जानकारी दी. इस तरह से लोगों को झांसे में लेकर ठगी की गई है. अब तक ऐसे चार से पांच पीड़ित सामने आए हैं. आगे चलकर पीड़ितों की संख्या और भी बढ़ सकती है. पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश में जांच शुरू कर दी है."- सुधांशु बघेल, थाना प्रभारी, कोतवाली थाना
पीड़ित ने क्या कहा ?: इस ठगी पर पीड़ित त्रिभुवन सिंह ने पूरी कहानी बताई. उन्होंने कहा कि जब मैं बताए गए कंपनी में गया तो वहां के स्टाफ ने मुझे लोन के बारे में पूरी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कंपनी के सदस्य ने कहा कि आपको कंपनी की गारंटी पर लोन मिल जाएगा. आपको केवल डॉक्यूमेंट देने होंगे. लोन लेने के लिए बैंक भी जाने की जरूरत आपको नहीं पड़ेगी.
कंपनी के एक पार्टनर अभय गुप्ता ने पर्सनल लोन के नाम पर 5 अलग-अलग बैंकों से 72 लाख रुपए का लोन दिला दिया. जिसमें यस बैंक, आदित्य बिरला बैंक, चोलामंडलम बैंक, ICICI बैंक, और इंडसइंड बैंक शामिल हैं. -त्रिभुवन सिंह, पीड़ित
"लोन मिलने के बाद हुई बड़ी ठगी": पीड़ित त्रिभुवन सिंह ने बताया कि लोन की राशि मिलने के बाद कंपनी ने उन्हें एक स्कीम की जानकारी दी. उसे झांसे में लेकर बताया कि 50% राशि कंपनी में जमा करने पर उसे इन्वेस्ट किया जाएगा. फिर उससे जो लाभ मिलेगा उसे आपकी लोन की किस्त चुका दी जाएगी. इसके बाद प्रोफेसर ने चेक के माध्यम से लगभग 36 लाख रुपए AMM सोल्यूशन के नाम से अभय गुप्ता को दे दिए.
"कंपनी ने किस्त जमा करना बंद किया": पीड़ित त्रिभुवन सिंह ने जो आगे की जानकारी दी. वह सुनकर आपके भी होश उड़ जाएंगे. त्रिभुवन सिंह ने कंपनी पर आरोप लगाया कि कंपनी ने सितंबर 2024 तक लगभग 4 से 5 लोन की किस्त बैंक में जमा कर दिए थे, फिर उसके बाद बैंक में किस्त की राशि जमा करनी बंद कर दी.
पीड़ित त्रिभुवन सिंह ने जब कंपनी के लोगों से संपर्क किया तो उन्होंने गोलमोल जवाब देना शुरू कर दिया. इस दौरान पीड़ित को कई चक्कर काटने के बाद पता चला कि ऐसी घटना लगभग 140 लोगों के साथ हुई है. फिर उसके बाद वह रायपुर पुलिस के पास पहुंचे.