गांव करा रहा नक्सलगढ़ के बोर्ड टॉपर स्टूडेंट्स को फ्री हवाई यात्रा, मुहिम से बदली शिक्षा की तस्वीर
नक्सलगढ़ कांकेर के एक गांव में टॉपर स्टूडेंट्स को देश विदेश की सैर करने का मौका मिल रहा है. पढ़िए ये पूरी रिपोर्ट

By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : October 9, 2025 at 11:59 AM IST
तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट
कांकेर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित उत्तर बस्तर के कांकेर जिले में एक ऐसा गांव है, जहां शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक अनोखा प्रयोग किया गया है. इस गांव के बच्चों को 80 प्रतिशत से ज्यादा नंबर लाने पर हवाई सैर कराई जा रही है.
मुसुरपुट्टा गांव के लोगों ने बदली शिक्षा की तस्वीर: कांकेर जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर मुसुरपुट्टा गांव है. यहां कोई बच्चा बोर्ड परीक्षा में 80 प्रतिशत से ज्यादा नम्बर लाता है तो उसे हवाई जहाज से देश की विभिन्न जगहों की यात्रा कराई जाती है. इतना ही नहीं जो बच्चे बोर्ड परीक्षा में छत्तीसगढ़ में टॉप टेन में आते हैं, तो उन्हें विदेश यात्रा तक कराई जाती है.
मुसुरपुट्टा गांव के लोग उठाते हैं खर्च: बच्चों की हवाई यात्रा का पूरा खर्च गांव के ही अधिकारी कर्मचारी उठाते हैं. गांव के मुखिया मुनि राम ने बताया कि हमारे यहां अधिकारी कर्मचारी एक प्रकोष्ठ है. इसकी शुरुआत पहले गांव में एक दो अधिकारी-कर्मचारी ने की थी. आज से 10-12 साल पहले दीवाली के दिन इन कर्मचारियों ने पहले बच्चों का सम्मान करना शुरू किया. उन्हें देखकर गांव के बाहर जो सरकारी सेवा दे रहे लोग हैं, वो जुड़ने लगे.

मुसुरपुट्टा गांव के मुखिया ने क्या कहा ?: मुसुरपुट्टा गांव के मुखिया मुनि राम ने बताया कि इस तरह की व्यवस्था की शुरुआत साल 2013 से हुई. साल 2008 से 2013 तक दिवाली के दिन गांव में अच्छे नंबर लाने वाले बच्चों का सम्मान किया जाता था. उन्हें साइकिल, पुस्तक, किताब देकर सम्मनित किया जाता था. साल 2013 से अधिकारी कर्मचारी प्रकोष्ठ ने हवाई यात्रा की घोषणा की.

शिक्षकों ने मुहिम को बताया लाभकारी: गांव के सरकारी शिक्षक डीके भास्कर कहते हैं कि पढ़ाई के प्रति रुचि लाने और कॉम्पिटिशन की भावना पैदा करने के लिए हवाई यात्रा की शुरुआत की गई. हमारे दुर्गम क्षेत्र के बच्चों ने कभी हवाई जहाज और ट्रेन नहीं देखा था. उन बच्चों में पढ़ाई के प्रति कैसे ललक लाई जाए, बस इसी सोच को लेकर हवाई यात्रा की शुरुआत की गई.

सरकारी शिक्षक डीके भास्कर बताते हैं कि साल 2013 में अधिकारी-कर्मचारी प्रकोष्ठ में करीब 50 सदस्य थे. वर्तमान में 100 सदस्य हैं. यह सभी सदस्य सरकारी नौकरी में हैं. साल 2013 से अबतक 13 साल में लगभग 50 बच्चों को हवाई यात्रा कराई गई है. हर साल दो से तीन बच्चों को यात्रा पर ले जाया जाता है, जिनके 10 वीं,12 वीं में अच्छे प्रतिशत आते हैं.

छात्रों को इस पहल से हो रहा फायदा: साल 2025 के अक्टूबर महीने में 2 बच्चे, जिन्होंने 10 वीं बोर्ड एग्जाम में 90 प्रतिशत अंक हासिल किए थे, उन्हें रायपुर से ओडिशा हवाई यात्रा कराई गई. दोनों छात्र डेविड साहू और तोषण कुमार साहू हवाई यात्रा से काफी खुश हैं.

छात्र तोषण कुमार साहू ने बताया, ''हमारी हवाई यात्रा की शुरुआत रायपुर हवाई अड्डे से हुई. हम प्लेन से भुवनेश्वर पहुंचे. फिर ओडिशा के पुरी, कोणार्क मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, चिलका झील, उदय गिरी पहाड़ी जैसी जगहों में घूमे. फिर वहां से पुरी से रायपुर ट्रेन से वापस आए. हमें नई नई जगह देखने को मिली. बहुत कुछ सीखने मिला.''

पढ़ाई में पिछड़ रहे बच्चे कर रहे टॉप: सरकारी शिक्षक डीके भास्कर बताते हैं हवाई यात्रा की पहल का सकारात्मक असर दिख रहा है. पहले यहां के बच्चे काफी पिछड़े थे. पहले साठ से सत्तर प्रतिशत तक ही रिजल्ट रहता था, लेकिन अब हमारे गांव के बच्चे 90 प्रतिशत से ज्यादा ला रहे हैं. उन्होंने बताया कि हम विद्यार्थियों को देश के विभिन्न पर्यटन स्थलों का भ्रमण करा रहे हैं. हमने उन्हें दिल्ली, कोलकाता, पुरी, मुंबई, द्वारिकापुर, जम्मू-कश्मीर समेत अन्य जगहों के अलावा नेपाल तक की यात्रा कराई है. शिक्षक डीके भास्कर ने कहा कि हमारे गांव के बच्चे छत्तीसगढ़ की मेरिट लिस्ट में जगह बनाते हैं तो उन्हें सिंगापुर की भी यात्रा कराई जाएगी.

हवाई यात्रा करने वाले स्टूडेट डेविड साहू ने बताया कि इस यात्रा से गांव के बच्चों को प्रेरणा मिल रही है. बच्चे चाहते हैं कि उनका रिजल्ट अच्छा आए. डेविड कहते हैं, ''मैं चाहता हूं कि 12वीं में अब छत्तीसगढ़ की मेरिट लिस्ट में मेरा नाम आए ताकि विदेश यात्रा का मौका मिल सके.''

मुसुरपुट्टा गांव के लोगों की मुहिम अब रंग ला रही है. बच्चों की शिक्षा का स्तर सुधरा है. सीजी बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट में भी इसका असर दिख रहा है. जो बच्चे बोर्ड परीक्षा में पहले कभी 50 फीसदी और 64 फीसदी तक अंक लाते थे. अब बोर्ड परीक्षा में अंकों का यह प्रतिशत 88 से 93 फीसदी तक पहुंच चुका है.



