गौरेला पेंड्रा मरवाही : पेंड्रा के बम्हनी गांव में आज भी दर्जन भर प्रधानमंत्री आवास अधूरे हैं. पीएम आवास के हितग्राहियों को आज भी अपने आवास पूरे होने की उम्मीद है. पर अधिकारी कर्मचारी और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा कूटरचना कर फर्जी फोटो अपलोड कर आवास को पूरा होना बताते हुए पूरी राशि आहरित कर ली. हालांकि इस बार भी अधिकारी जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.
पीएम आवास हैं अधूरे : पेंड्रा के ग्राम पंचायत बम्हनी में 2019-20 वर्ष के स्वीकृत लगभग एक दर्जन से अधिक प्रधानमंत्री आवास अधूरे हैं. 5 साल बीत जाने के बाद भी हितग्राहियों के आवास नहीं बन सके हैं. हितग्राहियों का आरोप है कि गांव के सरपंच रामरतन पेंद्रो ने धोखाधड़ी करके कूटरचना से अच्छा आवास बनाने का झांसा दिया.इसके बाद उनके खातों से पैसे निकाल लिए.इसके बाद किसी का भी आवास पूरा नहीं किया. पीड़ितों का आरोप है कि सरपंच हमेशा कल से काम लगेगा की बात कहता है,लेकिन आवास नहीं बना.
गांव के सरपंच के पास अपने आवास को पूरा बनाने के लिए बोलने पर उसके द्वारा कहा जाता है आज से काम लगेगा कल से काम लगेगा. पर आज दिनांक तक आवास पूरे नहीं हो सके. सरपंच आवास के पैसे को बैंक से निकालकर खा लिया गया है. बैंक पासबुक भी सरपंच ने रखा है. सीपत कुंवर,हितग्राही

घासी राम लोहार 4 साल बीत गए पर उसका आवास आज भी अधूरा है. गांव का सरपंच राम रतन पेंद्रों उनके आवास का निर्माणकार्य करा रहा था. जब भी सरपंच के पास जाओ तब वो कहता है जल्द बनवा दूंगा. आज 4 से 5 साल बीत गए आवास नही बना और पैसा भी निकाल लिया गया है - घासी राम लोहार,हितग्राही
कुछ ऐसी ही हालत गांव में रहने वाले इंदर सिंह आर्मो की है. इंदर सिंह आर्मो के आवास के अंदर एक बड़ा पेड़ उग गया है.आवास नहीं बनने पर वो गांव में दूसरे व्यक्ति के घर में रह रहा है. वो जब भी सरपंच के पास जाता है तो उसके द्वारा आवास को पूरा करवाने की बात पर गोल मोल जवाब मिलता है,लेकिन आज तक आवास पूरा नहीं करवाया.
जांच में अफसर जनप्रतिनिधि पाए गए दोषी : पिछले वर्ष तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ ने मामले की जानकारी मिलने पर जांच टीम बनाई और जांच भी की.इस जांच में पुष्टि भी हुई कि अधिकारी कर्मचारी और जनप्रतिनिधियों ने मामले में फर्जीवाड़ा कर हितग्राहियों के आवास का पूरा पैसा हजम कर लिया है. पर एक साल बीतने के बाद भी स्थिति जस की तस ही है. हालांकि एक बार फिर वर्तमान जिला पंचायत सीईओ ने मामले की जांच करवाने और दोषियों पर एफआईआर दर्ज करवाने का आश्वासन दिया है.
बम्हनी गांव के आवास कागजों में पूरे : वहीं जब इस मामले में हम जिला पंचायत कार्यालय के प्रधानमंत्री आवास शाखा में जाकर बम्हनी गाव के आवासों की स्थिति जानी तो हमारे भी होश उड़ गए. यहां पर कंप्यूटर में जो हितग्राहियों के मकानों के फोटो अपलोड थी वो पूरे मकानों की थी. जिससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस पूरे मामले में बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया है. गाव के सरपंच से लेकर जनपद पंचायत के अधिकारियों की भी मामले में संलिप्तता है. क्योंकि प्रधानमंत्री आवास को लेकर शासन स्तर पर जो राशि का भुगतान किया जाता है वो हितग्राहियों के मकानों के अलग-अलग निर्माणाधीन के अनुसार भुगतान किया जाता था. मकानों के फोटो को जिओ टेक कर उस अनुसार भुगतान की सुविधा थी पर कूटरचना करने वाले लोगो ने पूरे योजना को भ्रष्टाचार में संलिप्त कर दिया है
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