मुरैना: मुरैना में केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन के तहत संचालित नल जल योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां ठेकेदारों ने फर्जी रिपोर्ट पेश कर पीएचई विभाग से लाखों रुपये का भुगतान करवा लिया. विभाग से फर्जी भुगतान का यह खेल दो-चार महीने से नहीं, बल्कि पूरे साढ़े चार साल से चल रहा था लेकिन अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी. सत्यापन के दौरान मामला सामने आया तो एसई ने आनन-फानन में पांच फर्मो को ब्लैक लिस्टेड कर थाने में FIR कराई है.
हल्की गुणवत्ता के पाइप खरीदकर महंगे पाइपों का करवा लिया भुगतान
यहां नल-जल योजना के तहत पानी की बोरिंग करवाने से लेकर पाइप बिछाने और बिजली के ट्रांसफार्मर रखवाने के लिए पांच ठेकेदारों को जिले के अलग-अलग ब्लॉकों में काम दिया गया था. उन्होंने हल्की गुणवत्ता के पाइप खरीदकर महंगे पाइपों का भुगतान करवा लिया. इस खेल को अंजाम देने के लिए ठेकेदारों ने सरकार से मान्यता प्राप्त संस्था सेंटर फोर स्किलिंग एंड टेक्निकल सपोर्ट भोपाल की जांच रिपोर्ट में कांट-छांट कर फर्जी जांच रिपोर्ट पीएचई में जमा कर दी.
पांचों फर्मो को ब्लैक लिस्टेड कर कोतवाली थाने में दर्ज कराया गया है मामला
प्रथम दृष्टया इससे पीएचई विभाग को करीब 50 से 60 लाख का नुकसान हुआ है. फर्जी सिपेट रिपोर्ट से पैसे निकालने का यह खेल पूरे साढ़े चार साल से चल रहा था. सत्यापन के दौरान फर्जीवाड़ा पकड़ में आया तो आनन-फानन में पांचों फर्मो को ब्लैक लिस्टेड कर कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया गया है.
इस मामले में सिटी कोतवाली थाने के एसआई शिवम चौहान का कहना है "पीएचई विभाग के एसई ने एक शिकायती आवेदन दिया था, इसमे पांच फर्मों के खिलाफ धोखाधड़ी से पैसे निकालने की बात कही गई थी. जांच के बाद फर्म मालिको के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है."
पांच ठेकेदारों से विभाग ने आहरण की 60% राशि की वसूली की
इस मामले में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर संतोषी लाल बाथम का कहना है "ब्लैकलिस्ट किए ठेकेदारों से पाइप खरीदी के बकाया अंतर की राशि वसूल की गई है. साथ ही पीएचई विभाग ने जलजीवन मिशन के लिए काम कर रहे 5 ठेकेदारों मीरा धाकड़, दीनदयाल तिवारी, सूरज शर्मा, पुरुषोत्तम धाकड़ व प्रजाबंधु तिवारी का कॉन्ट्रैक्ट तत्काल प्रभाव से समाप्त करते हुए तीन साल के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया है. साथ ही मामले में FIR कराई गई है." मुरैना लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग संभाग के अनुबंध पर नल-जल योजनाओं का निर्माण कर रहे पांच ठेकेदारों से विभाग ने आहरण की 60% राशि की वसूली की है.