महासमुंद: महासमुंद जिले में तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों की करतूत सुनकर कोई भी हैरान रह जाएगा. आपको जानकर हैरानी होगी कि इन आरोपियों ने बिजली कर्मचारी बनकर ठगी की.
महासमुंद क्षेत्र के ग्राम केशवा, साल्हेभाठा, शेर, मोरधा, कनेकेरा, पचेड़ा और धनसुली में जब लगातार ठगी की घटनाएं होने लगीं, तब ग्रामीणों ने बिजली विभाग में शिकायत की. जांच करने पर पता चला कि यह पूरी तरह से ठगी का मामला है. इसके बाद कनिष्ठ यंत्री पीआर वर्मा ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई.
लगातार गांवों में वसूली हो रही थी, जिसके बाद पुलिस से शिकायत दर्ज कराई गई, पुलिस ने संज्ञान में लिया और उसके बाद कार्रवाई की है-पीआर वर्मा, कनिष्ठ यंत्री, महासमुंद
16 ग्रामीणों से ठगी: पुलिस अनुविभागीय अधिकारी अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि जांच में सामने आया कि आरोपियों ने 16 ग्रामीणों से कुल 75 हजार रुपये की ठगी की थी.
बिजली कर्मचारी बनकर पहुंचते थे ठग: दरअसल ठगों ने बिजली बिल का बकाया भुगतान नहीं करने पर कनेक्शन काटने की धमकी देकर लोगों से हजारों रुपये ऐंठे. पुलिस ने बताया कि आरोपी गांवों में बिजली विभाग के अधिकारी या कर्मचारी बनकर पहुंचते थे और उपभोक्ताओं को बताते थे कि उनका बिजली बिल बकाया है.
बिजली काटने की धमकी: पुलिस ने बताया कि लोगों को यह कहकर डराया जाता था कि यदि तुरंत भुगतान नहीं किया गया तो उनका कनेक्शन काट दिया जाएगा. इस डर से ग्रामीण इन पर भरोसा कर लेते थे और आरोपी उनसे 1000 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक की रकम वसूल लेते थे. इसके बाद आरोपी यह कहकर गायब हो जाते थे कि रसीद कार्यालय से मिलेगी.
पुलिस ने ठगों को दबोचा: महासमुंद पुलिस ने आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे मोबाइल नंबर को ट्रेस किया और मुख्य आरोपी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया. जिन 3 आरोपियों को पकड़ा गया है, उनकी पहचान लेखन निर्मलकर (फिंगेश्वर) गणेश भोई (महासमुंद) और सुमन धीवर (महासमुंद) के रूप में की गयी है.
आरोपियों से पूछताछ: कोतवाली पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा 318(4) और 319(2) के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने और कितने ग्रामीणों को ठगी का शिकार बनाया है.
ग्रामीणों से अपील: पुलिस और बिजली विभाग ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अनजान व्यक्ति को बिजली विभाग का कर्मचारी समझकर पैसे न दें. कोई भी संदेह होने पर तुरंत बिजली विभाग के अधिकृत कार्यालय में संपर्क करें या पुलिस को सूचना दें.