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गुरुग्राम में स्ट्रीट वेंडर से हफ्ता वसूली करने वाले चार पुलिसकर्मी गिरफ्तार, किए गए निलंबित - GURUGRAM POLICE CORRUPTION

गुरुग्राम में स्ट्रीट वेंडर से हर हफ्ते 15 से 20 हजार की वसूली करने वाले चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर गिरफ्तार कर लिया गया है.

GURUGRAM POLICE CORRUPTION
स्ट्रीट वेंडर से हफ्ता वसूली करने वाले चार पुलिसकर्मी गिरफ्तार (Etv bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : April 11, 2025 at 7:40 PM IST

3 Min Read

गुरुग्राम: गुरुग्राम में स्ट्रीट वेंडर से हर हफ्ते 15 से 20 हजार रुपये की वसूली करने वाले चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर गिरफ्तार कर लिया गया है. इनमें एक एएसआई, एक मुख्य सिपाही, एक सिपाही और एक एसपीओ शामिल हैं. पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा ने इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करवाया. स्ट्रीट वेंडर ने सीसीटीवी कैमरे में रिश्वत लेते हुए इन पुलिसकर्मियों को रिकॉर्ड कर लिया था. कोर्ट में पेशी के बाद चारों आरोपियों को भोंडसी जेल भेज दिया गया.

झोपड़ी में चलाता था चाय-सिगरेट की दुकान

बिहार के दरभंगा जिले के गांव बथिया निवासी गुलाब सिंह साहू गुरुग्राम के सेक्टर-18 में क्यू बिल्डिंग के सामने खाली जमीन पर झोपड़ी डालकर चाय, पराठे और सिगरेट की दुकान चलाता है. गुलाब सिंह ने बताया कि उसकी दुकान पर पहले सेक्टर-17/18 थाने से मुख्य सिपाही राजबीर सिंह (निवासी गांव पिथनवास, थाना कसौला, जिला रेवाड़ी) पहुंचा और उसे दुकान बंद करने की धमकी दी. कई बार दुकान बंद करवाई गई और सामान भी उठा लिया गया. राजबीर ने गुलाब सिंह से कहा कि यदि वह दुकान चलाना चाहता है तो हर हफ्ते 5,000 रुपये देने होंगे. मजबूरी में गुलाब सिंह ने उसे पैसे देने शुरू कर दिए.

बाकी पुलिसकर्मियों ने भी शुरू कर दी वसूली

कुछ समय बाद ईआरवी स्टाफ से सिपाही अजय (निवासी गांव बिंधरौली, थाना कुंडली, जिला सोनीपत) और एसपीओ अनिल (निवासी माली टीबा मोहल्ला, नारनौल) भी दुकान पर पहुंचने लगे. दोनों ने भी दुकान बंद करने की धमकी दी और गुलाब सिंह को मजबूर कर दिया कि वह उन्हें भी हफ्ते के हिसाब से पैसे दे. गुलाब सिंह ने उन्हें कभी 1,000 तो कभी 500 रुपये देने शुरू कर दिए.

10 हजार की मांग कर दुकान बंद करवाने की दी धमकी : इसके बाद एएसआई बिजेंद्र (निवासी गांव निमड़ीवाली, थाना सदर, जिला भिवानी) भी वसूली के लिए आने लगा. वह हर हफ्ते 10,000 रुपये की मांग करता था और दुकान बंद करवाने की धमकी देता था. गुलाब सिंह ने बताया कि एक बार उसने बिजेंद्र के बैंक खाते में भी रिश्वत की राशि ट्रांसफर की. एसपीओ अनिल को भी एक बैंक खाते में पैसे डलवाए गए.

सीसीटीवी कैमरे से जुटाए पुख्ता सबूत

लगातार हो रही परेशानियों के चलते गुलाब सिंह ने अपनी दुकान पर सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए. जब-जब ये पुलिसकर्मी पैसे लेने आते थे, वह उन्हें कैमरे के सामने पैसे देता था ताकि रिकॉर्डिंग में सब कुछ कैद हो जाए. इन रिकॉर्डिंग्स को गुलाब सिंह ने एक पेन ड्राइव में सेव किया और पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा को सौंप दिया.

सख्त कार्रवाई: गिरफ्तारी और जेल भेजा गया

गुलाब सिंह की शिकायत और पुख्ता सबूतों के आधार पर थाना सेक्टर-17/18 में 8 अप्रैल को चारों पुलिसकर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया. इसके बाद पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें भोंडसी जेल भेज दिया गया. गुरुग्राम पुलिस की इस कार्रवाई ने स्पष्ट संदेश दिया है कि पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें : अंबाला में फर्जी इंस्पेक्टर गिरफ्तार, लोगों से करता था वसूली, पहले टाटा मोटर्स में था मैनेजर

गुरुग्राम: गुरुग्राम में स्ट्रीट वेंडर से हर हफ्ते 15 से 20 हजार रुपये की वसूली करने वाले चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर गिरफ्तार कर लिया गया है. इनमें एक एएसआई, एक मुख्य सिपाही, एक सिपाही और एक एसपीओ शामिल हैं. पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा ने इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करवाया. स्ट्रीट वेंडर ने सीसीटीवी कैमरे में रिश्वत लेते हुए इन पुलिसकर्मियों को रिकॉर्ड कर लिया था. कोर्ट में पेशी के बाद चारों आरोपियों को भोंडसी जेल भेज दिया गया.

झोपड़ी में चलाता था चाय-सिगरेट की दुकान

बिहार के दरभंगा जिले के गांव बथिया निवासी गुलाब सिंह साहू गुरुग्राम के सेक्टर-18 में क्यू बिल्डिंग के सामने खाली जमीन पर झोपड़ी डालकर चाय, पराठे और सिगरेट की दुकान चलाता है. गुलाब सिंह ने बताया कि उसकी दुकान पर पहले सेक्टर-17/18 थाने से मुख्य सिपाही राजबीर सिंह (निवासी गांव पिथनवास, थाना कसौला, जिला रेवाड़ी) पहुंचा और उसे दुकान बंद करने की धमकी दी. कई बार दुकान बंद करवाई गई और सामान भी उठा लिया गया. राजबीर ने गुलाब सिंह से कहा कि यदि वह दुकान चलाना चाहता है तो हर हफ्ते 5,000 रुपये देने होंगे. मजबूरी में गुलाब सिंह ने उसे पैसे देने शुरू कर दिए.

बाकी पुलिसकर्मियों ने भी शुरू कर दी वसूली

कुछ समय बाद ईआरवी स्टाफ से सिपाही अजय (निवासी गांव बिंधरौली, थाना कुंडली, जिला सोनीपत) और एसपीओ अनिल (निवासी माली टीबा मोहल्ला, नारनौल) भी दुकान पर पहुंचने लगे. दोनों ने भी दुकान बंद करने की धमकी दी और गुलाब सिंह को मजबूर कर दिया कि वह उन्हें भी हफ्ते के हिसाब से पैसे दे. गुलाब सिंह ने उन्हें कभी 1,000 तो कभी 500 रुपये देने शुरू कर दिए.

10 हजार की मांग कर दुकान बंद करवाने की दी धमकी : इसके बाद एएसआई बिजेंद्र (निवासी गांव निमड़ीवाली, थाना सदर, जिला भिवानी) भी वसूली के लिए आने लगा. वह हर हफ्ते 10,000 रुपये की मांग करता था और दुकान बंद करवाने की धमकी देता था. गुलाब सिंह ने बताया कि एक बार उसने बिजेंद्र के बैंक खाते में भी रिश्वत की राशि ट्रांसफर की. एसपीओ अनिल को भी एक बैंक खाते में पैसे डलवाए गए.

सीसीटीवी कैमरे से जुटाए पुख्ता सबूत

लगातार हो रही परेशानियों के चलते गुलाब सिंह ने अपनी दुकान पर सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए. जब-जब ये पुलिसकर्मी पैसे लेने आते थे, वह उन्हें कैमरे के सामने पैसे देता था ताकि रिकॉर्डिंग में सब कुछ कैद हो जाए. इन रिकॉर्डिंग्स को गुलाब सिंह ने एक पेन ड्राइव में सेव किया और पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा को सौंप दिया.

सख्त कार्रवाई: गिरफ्तारी और जेल भेजा गया

गुलाब सिंह की शिकायत और पुख्ता सबूतों के आधार पर थाना सेक्टर-17/18 में 8 अप्रैल को चारों पुलिसकर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया. इसके बाद पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें भोंडसी जेल भेज दिया गया. गुरुग्राम पुलिस की इस कार्रवाई ने स्पष्ट संदेश दिया है कि पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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