नई दिल्ली: दिल्ली के करावल नगर के 17 वर्षीय रोहित कुमार ने इस दुनिया से जाते जाते कई लोगों को नया जीवन दिया है. रोहित की मौत के बाद भी वो कई लोगों के भीतर जीवित है. 17 बरस के रोहित का 12 जून को बल्लभगढ़ में एक भीषण एक्सीडेंट हो गया था जिसे गंभीर चोटों के बाद एम्स के डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया. इतनी कम उम्र में बेटे की ऐसी हालत देख कोई माता पिता खुद को संभाल भी नहीं पाते लेकिन रोहित के पिता ने रोहित के अंगदान करने का फैसला किया और आज इस फैसले की बदौलत कई लोगों को नई जिंदगी मिली है.
रोहित के अंगदान से चार लोगों को नया जीवन मिला है. एम्स ट्रॉमा सेंटर में यह इस साल का सातवां अंग दान हैं. साल 2023 में ट्रॉमा सेंटर में कुल 15 अंग दान हुए थे. रोहित के महत्वपूर्ण अंग हृदय(HEART), यकृत(LIVER) और गुर्दे(KIDNEYS) प्रत्यारोपण के लिए निकाले गए. एम्स में दान की प्रक्रिया पूरी की गई.
रोहित के पिता योगेश ने दुर्घटना में अपने बेटे की असामयिक मृत्यु के बारे में बताया कि ग्यारहवीं कक्षा का छात्र रोहित दुर्घटना के समय हरियाणा के मोहना गांव में अपने चाचा के साथ था. सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल रोहित को 12 जून को तुरंत एम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया. मेडिकल टीम के प्रयासों के बावजूद उसकी हालत बिगड़ती गई और 20 जून को उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया.
बेटे को खोने के गम के बीच योगेश और रोहित के चाचा ने अंगदान के लिए सहमति देने का फैसला किया. मजदूर योगेश ने कहा कि भले ही उनका बेटा अब उनके बीच नहीं रहा, लेकिन उसके अंग दूसरों के जीवन का सहारा बनते रहेंगे. उन्हें यह जानकर तसल्ली मिली कि भले ही रोहित का निधन हो गया हो, लेकिन उनका एक हिस्सा उन लोगों के शरीर में जिंदा रहेगा, जिन्हें अंग मिले हैं.
एम्स के ऑर्गन रिट्रीवल बैंकिंग ऑर्गनाइजेशन (ओआरबीओ) के ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर ने कहा कि डोनर के महत्वपूर्ण अंगों को विभिन्न अस्पतालों में सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया गया. कोऑर्डिनेटर ने कहा कि डोनर का दिल आर एंड आर आर्मी अस्पताल में 20 वर्षीय व्यक्ति में ट्रांसप्लांट किया गया. एम्स में एक किडनी 61 वर्षीय महिला में प्रत्यारोपित की गई, जबकि दूसरी किडनी आईएलबीएस भेजी गई. किडनी प्राप्तकर्ता एक 32 वर्षीय व्यक्ति था.
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