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राजस्थान में चार नए कानून लागू, विधानसभा में पारित विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी - FOUR NEW LAWS IN RAJASTHAN

विधानसभा में पारित चार नए विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी के बाद तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है.

राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े
राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े (ETV bharat)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : April 17, 2025 at 9:45 AM IST

3 Min Read

जयपुर : राजस्थान में चार नए कानून लागू हो गए हैं. राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े की मंजूरी के बाद प्रदेश की भजनलाल सरकार ने इन कानून को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. बता दें कि राज्य विधानसभा के बीते सत्र में पारित चार विधेयकों को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई थी, जिसके बाद इस संबंध में राज्य सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी. इसके साथ ही अब यह चारों कानून तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं. इसमें प्रमुख रूप से आपातकाल के दौरान जेलों में बंद रहे लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान से जुड़ा विधेयक भी शामिल है. इसे राज्य सरकार ने अपने पहले ही बजट सत्र में रख दिया था, लेकिन पास दूसरे बजट सत्र में हो सका. इसी तरह प्रदेश की 33 सरकारी विश्वविद्यालयों में कुलपति का नाम बदलकर अब कुलगुरु हो गया है.

ये विधेयक बने कानून :

राजस्थान लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक 2024 : यह कानून आपातकाल के दौरान जेल में बंद रहे लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित करने के उद्देश्य से लाया गया है. वर्तमान में राजस्थान में 1,140 लोकतंत्र सेनानी या उनके आश्रित हैं. इन्हें हर महीने 20000 रुपए पेंशन, 4000 रुपए मेडिकल भत्ता और रोडवेज बसों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा मिलेगी. मृत्यु के बाद, उनके जीवनसाथी को आजीवन ये सुविधाएं मिलती रहेंगी. इन्हें राष्ट्रीय पर्वों पर भी आमंत्रित किया जाएगा. पहले यह सुविधा नियमों के तहत दी जा रही थी, जिसे कांग्रेस सरकार ने 2019 में बंद कर दिया था. अब बीजेपी सरकार ने इसे फिर से लागू कर दिया है.

पढ़ें. मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान में भी विश्वविद्यालय के कुलपति कहलाएंगे कुलगुरु!

राजस्थान विश्वविद्यालय विधियां संशोधन विधेयक 2025 : राज्य की 33 राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपति का नाम अब 'कुलगुरु' और प्रति-कुलपति का नाम 'प्रति-कुलगुरु' कर दिया गया है. सरकार का तर्क है कि विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण का कार्य गुरु करता है और 'कुलपति' शब्द प्रशासनिक स्वामित्व का बोध कराता है.

राजस्थान विधियां निरसन अधिनियम 2025: इस कानून के तहत राजस्थान के 45 अप्रचलित और पुराने कानूनों को समाप्त कर दिया गया है. इनमें अधिकतर पंचायतीराज विभाग से संबंधित हैं, जिनका अब कोई उपयोग नहीं रहा. सरकार का कहना है कि इससे प्रशासनिक प्रक्रियाएं सरल होंगी और अनावश्यक जटिलताएं खत्म होंगी.

पढ़ें. राजस्थान विधियां निरसन विधेयक 2025 विधानसभा में ध्वनि से पारित, 45 अनुपयोगी कानून खत्म

राजस्थान विधियां संशोधन अधिनियम 2025 : अब राज्य के नगर सुधार न्यासी और प्राधिकरणों में न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं होगी. जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर और अजमेर विकास प्राधिकरणों में न्यायाधीशों की आवश्यकता को समाप्त करने वाला विधेयक पारित कर दिया गया है. यह विधेयक सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम निर्णय के बाद लाया गया. इससे प्राधिकरणों की शक्तियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और राज्य सरकार एक समान सेवा-शर्तें निर्धारित कर सकेगी.

जयपुर : राजस्थान में चार नए कानून लागू हो गए हैं. राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े की मंजूरी के बाद प्रदेश की भजनलाल सरकार ने इन कानून को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. बता दें कि राज्य विधानसभा के बीते सत्र में पारित चार विधेयकों को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई थी, जिसके बाद इस संबंध में राज्य सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी. इसके साथ ही अब यह चारों कानून तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं. इसमें प्रमुख रूप से आपातकाल के दौरान जेलों में बंद रहे लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान से जुड़ा विधेयक भी शामिल है. इसे राज्य सरकार ने अपने पहले ही बजट सत्र में रख दिया था, लेकिन पास दूसरे बजट सत्र में हो सका. इसी तरह प्रदेश की 33 सरकारी विश्वविद्यालयों में कुलपति का नाम बदलकर अब कुलगुरु हो गया है.

ये विधेयक बने कानून :

राजस्थान लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक 2024 : यह कानून आपातकाल के दौरान जेल में बंद रहे लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित करने के उद्देश्य से लाया गया है. वर्तमान में राजस्थान में 1,140 लोकतंत्र सेनानी या उनके आश्रित हैं. इन्हें हर महीने 20000 रुपए पेंशन, 4000 रुपए मेडिकल भत्ता और रोडवेज बसों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा मिलेगी. मृत्यु के बाद, उनके जीवनसाथी को आजीवन ये सुविधाएं मिलती रहेंगी. इन्हें राष्ट्रीय पर्वों पर भी आमंत्रित किया जाएगा. पहले यह सुविधा नियमों के तहत दी जा रही थी, जिसे कांग्रेस सरकार ने 2019 में बंद कर दिया था. अब बीजेपी सरकार ने इसे फिर से लागू कर दिया है.

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