नई दिल्ली: नेशनल जूलॉजिकल पार्क दिल्ली (चिड़ियाघर) में इन दिनों खुशी का माहौल है. यहां रहने वाले शेर- महेश्वर और शेरनी- महागौरी ने चार नन्हे शावकों को जन्म दिया है. इससे न केवल दिल्ली के चिड़ियाघर का वातावरण जीवंत हो गया है, बल्कि शेरों की संख्या भी अब बढ़कर आठ हो गई है.
दिल्ली चिड़ियाघर में मौजूदा समय में चार शेर हैं. इनके नाम महेश्वर, महागौरी, सुंदरम और शैलजा हैं. महेश्वर-महागौरी और सुंदरम- शैलजा की जोड़ी है. महेश्वर, महागौरी और शैलजा को गुजरात के जूनागढ़-जू से साल 2021 में लाया गया था. इन तीनों का जन्म 2020 में हुआ था, जबकि सुंदरम 2009 में दिल्ली जू में ही पैदा हुआ था.

सीसीटीवी कैमरों के जरिए चारों शावकों पर नजर: महेश्वर और महागौरी को एक ही बाड़े में रखा जाता है. रविवार सुबह तड़के करीब 4 बजे महागौरी ने चार शावकों को जन्म दिया. चिड़ियाघर के अधिकारियों ने बताया कि मां और उसके शावक स्वस्थ हैं. उनकी हालत फिलहाल स्थिर है. चिड़ियाघर प्रशासन द्वारा उन पर 24 घंटे सीसीटीवी कैमरों के जरिए नजर रखी जा रही है.

चिड़ियाघर में शेरों की संख्या बढ़कर हुई आठ: अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली चिड़ियाघर में इससे पहले शेरों का सफल प्रजनन वर्ष 2009 में हुआ था. जब सुंदरम और शैलजा के जोड़े ने दो शावकों को जन्म दिया था. सुंदरम-शैलजा के साथ-साथ महेश्वर-महागौरी के परिवार से दिल्ली चिड़ियाघर में शेरों की संख्या बढ़कर अब आठ हो गई है.

'महागौरी' शावकों की कर रही अच्छी तरह देखभाल: चिड़ियाघर के निदेशक संजीत कुमार के मुताबिक, यह एक बेहद सुखद क्षण है. शेरनी महागौरी अपने शावकों की बहुत अच्छी तरह देखभाल कर रही है. आगे चलकर शावकों की स्वास्थ्य जांच भी की जाएगी, जिससे उनकी वृद्धि सही तरीके से हो सके.

संजीत कुमार के मुताबिक, दिल्ली चिड़ियाघर में शेरों का प्रजनन बढ़ाने के लिए महेश्वर और महागौरी के खानपान उनके स्वास्थ्य की पिछले एक साल से निगरानी की जा रही थी. कई तरह की जांच भी की गईं थी, जिससे शरीर में किस चीज की मात्रा कितनी है और किस जीच की जरूरत है, इसका पता चल सके. महागौरी ने चार शावकों को जन्म देकर मेहनत को सफल किया है.

सुंदरम शेर काफी दिनों से चल रहा बीमार: दिल्ली चिड़ियाघर में सुंदरम और शैलजा नाम के शेरों की जोड़ी है, जो 2009 में पैदा हुए थे. सुंदरम लंबे समय से अस्वस्थ है और एक पैर से दिव्यांग है. अब वह बुजुर्ग हो गया है. ऐसे में सुंदरम और शैलजा से प्रजनन नहीं हो सकता है. महेश्वर और महागौरी की जोड़ी से ही शेरों का कुनबा बढ़ने की उम्मीद थी.
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