पटना: बिहार में विधि व्यवस्था सरकार के लिए चुनौती बन गई है. ऐसे में सरकार ने अपराध पर प्रभावी नियंत्रण के लिए रणनीति तैयार की है. पिछले दिनों कई कुख्यात अपराधियों की गिरफ्तारी बिहार के अलग-अलग जिलों से हुई है. वहीं कई कुख्यात अपराधियों का एनकाउंटर भी हुआ है. अब हर जिले से टॉप 10 अपराधियों की लिस्ट तैयार की जा चुकी है.
पुलिस ले रही एनकाउंटर का सहारा: बिहार सरकार ने बेलगाम अपराधियों पर नकेल डालने के लिए प्लान तैयार कर लिया है. पुलिस मुख्यालय के स्तर पर टॉप 10 और टॉप 20 अपराधियों की लिस्ट जिला और थाने के स्तर पर तैयार करने के आदेश निर्गत कर दिए गए हैं. कुख्यात अपराधियों का एनकाउंटर भी किया जा रहा है. पिछले 15 दिनों के अंदर चार एनकाउंटर की घटना हुई है, जिसमें कुख्यात अपराधी ढेर किए गए हैं.
27 इनामी अपराधी हो चुके गिरफ्तार: बिहार पुलिस अपराधियों से अब सख्ती से निपट रही है. हाल के दिनों में राज्य में चार महत्वपूर्ण एनकाउंटर की घटना हुई है. जिसमें 50 हजार के दो इनामी अपराधी ढेर कर दिए गए हैं. इसके अलावा 227 कुख्यात अपराधियों की गिरफ्तारी भी हुई है. 227 में 29 अपराधी ऐसे हैं जिस पर सरकार ने इनाम घोषित कर रखा था.
पुलिस कर रही है अपराधियों का डाटाबेस: पुलिस की नजर वैसे अपराधियों पर भी है जो जेल के अंदर बंद है या फिर बिहार के बाहर से अपराध को संचालित कर रहे हैं. ऐसे अपराध कर्मियों की पुलिस डाटाबेस तैयार कर रही है और पहले टॉप 20 अपराध कर्मियों की सूची तैयार की जा रही है. उसके बाद टॉप 10 अपराधियों का भी डेटाबेस जिला और थाना के स्तर पर तैयार किया जा रहा है और उन पर नजर रखी जा रही है.
जमानत पर छूटे उग्रवादियों पर पुलिस की नजर: पिछले दिनों कई उग्रवादियों की गिरफ्तारी भी हुई है. उग्रवादियों की गिरफ्तारी, रिजनल कमांडर और 15 लाख के इनामी विवेक यादव की संदिग्ध मृत्यु की घटना सामने आई है. इसके अलावा जमानत पर छूटे उग्रवादियों पर भी नजर रखी जा रही है. झारखण्ड राज्य के सीमावर्ती जंगली पहाड़ी क्षेत्रों में अंतर्राज्यीय सहयोग से उग्रवादियों के शरणस्थली, पुनर्गठन के प्रयासों एवं गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करने की योजना पर कार्य चल रहा है.
कैसे लगेगा अपराध पर लगाम: पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास का मानना है कि सरकार ने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है. कई एनकाउंटर भी हुए हैं जिसमें अपराधी ढेर हुए हैं. पुलिस को ऐसे सरगना को भी चिन्हित करना चाहिए जो सिंडिकेट चलाते हैं.
"जेल में बंद अपराधियों को बिहार से बाहर या तिहाड़ जेल भी भेजने पर सरकार को विचार करना चाहिए. बड़े अपराधियों के एनकाउंटर होंगे तो छोटे-मोटे अपराधी खुद ही शांत पड़ जाएंगे."-अमिताभ कुमार दास, पूर्व आईपीएस
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