मिर्जापुरः पूर्व सांसद और सपा नेता रमेश चंद बिंद पर कटरा थाना क्षेत्र के बरौंधा कचार पीली कोठी में सड़क किनारे की जमीन कब्जा करने के आरोप लगे हैं. इसको लेकर सदर तहसील के राजस्व टीम ने गुरुवार को जमीन की पैमाइश की है. दरअसल, बरकछा कला गांव के रहने वाले त्रिभुवन नाथ ने भारतीय जनता पार्टी के मंडल उपाध्यक्ष सिटी दक्षिणी धर्मेंद्र अग्रहरी के माध्यम से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि 2007 में नर्मदा सिंह पत्नी मुंशी सिंह मिशन कंपाउंड के रहने वालों से जमीन बैनामा कराई गई थी. इसी आराजी नंबर में पूर्व सांसद रमेश चंद बिंद ने अपनी पत्नी समुद्रा देवी के नाम बैनामा करा लिया. बसपा सरकार में विधायक रहते हुए जमीन पर रजिस्ट्री से ज्यादा कब्जा कर लिया. जमीन पर कब्जा रोकने के लिए न्यायालय का सहारा लिया. कोर्ट ने 2008 में कब्ज दखल से मना किया था. इसके बावजूद भी पूरे जमीन पर कब्जा कर के मकान बनवा लिया. विरोध करने पर सत्ता के बल पर कटरा थाने में 2008 मुकदमा भी दर्ज कराया था.
राजस्व विभाग की टीम ने की पैमाइश
त्रिभुवन नाथ ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को प्रार्थना पत्र दिया था. जिसको लेकर डिप्टी सीएम ने जिले के अधिकारियों को जांच करने का निर्देश दिया था. डिप्टी सीएम के निर्देश पर सदर तहसील के तहसीलदार हेमंत कुमार बिंद 6 सदस्यीय टीम गठित की. इसके बाद मौके पर जाकर जमीन की पैमाइश की. टीम का कहना है कि जल्द ही रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौप दी जाएगी. रमेश चंद्र बिंद पर जिस जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया जा रहा है. उस जमीन पर एक बिल्डिंग बनी है, जिसमें ज्योति हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर के नाम से 100 बेड का मल्टीस्पेशिलिटी अस्पताल चल रहा है. राजस्व की टीम के पहुंचने पर इलाके में हड़कंप बच गया था.
दबाव बनाने के लिए उठाया जा रहा मामलाः वहीं, पूर्व सांसद रमेश चंद बिंद ने कहा कि राजनीति से प्रेरित होकर यह मामला उठाया जा रहा है. अभी तक कोई नोटिस नहीं मिला है. मझवा विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है, जिसको लेकर दबाव बनवाया जा रहा है. जब वह बीजेपी में सांसद थे, तब कोई मामला सामने नहीं आया. हॉस्पिटल का नक्शा प्राधिकरण से पास है, खसरा खतौनी भी नाम से है. चार लोगों की जमीन खरीदी गई थी. जो भी कार्य हो, कोर्ट से से हो तो ज्यादा अच्छा होगा.
कौन है रमेश चंद बिंद?
रमेश चंद बिंद मझवा विधानसभा सीट से बसपा से 2002, 2007 और 2012 में विधायक चुने गए थे. भारतीय जनता पार्टी के लहर में 2017 विधानसभा चुनाव में चुनाव हार गए थे. 2 साल बाद 2019 के लोकसभा के चुनाव में बसपा छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था. 2019 के लोकसभा चुनाव में भदोही से सांसद चुन लिए गए थे. लेकिन 2024 के लोकसभा सीट से बीजेपी ने टिकट काट दिया तो समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर लिया और मिर्जापुर चुनाव लड़ा. हालांकि अपना दल एस पार्टी की प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल से चुनाव हार गए.