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श्रीडूंगरगढ़ के पूर्व विधायक किशनाराम नाई का निधन, किसान नेता कुंभाराम आर्य को हराकर आए थे चर्चा में - KISHANARAM NAI PASSED AWAY

बीकानेर जिले की राजनीति में जमीन नेता के रूप में पहचाने जाने वाले किशनाराम का निधन हो गया. वे श्रीडूंगरगढ़ से तीन बार विधायक रहे.

Kishanaram Nai, former MLA Sridungargarh
किशनाराम नाई, पूर्व विधायक श्रीडूंगरगढ़ (ETV Bharat Bikaner)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : April 8, 2025 at 8:54 AM IST

Updated : April 8, 2025 at 9:23 AM IST

2 Min Read

बीकानेर: श्रीडूंगरगढ़ के पूर्व विधायक एवं नगर पालिका अध्यक्ष रहे किशनाराम नाई का सोमवार देर रात निधन हो गया. वे 93 साल के थे और कुछ समय से बीमार चल रहे थे. भाजपा के किशनाराम तीन बार डूंगरगढ़ के विधायक रहे. किशनाराम पहली बार किसान नेता कुंभाराम को हराकर विधायक बनकर चर्चा में आए थे. वे एक भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर डूंगरगढ़ से निर्दलीय भी विधानसभा चुनाव लड़ चुके थे. पौत्र नीतिन ने बताया कि किशनाराम कुछ अर्से से बीमार थे.

भाजपा में किशनाराम नाई को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल का नजदीकी माना जाता था. बीकानेर जिले में धरातल से जुड़े नेता के तौर पर किशनाराम की पहचान थी. किशनाराम नाई ने 1993 में भैरोंसिंह शेखावत सरकार पर आए राजनीतिक संकट में संकटमोचक की भूमिका निभाई थी. इसके बाद से ही वे पूर्व मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत के खास माने जाते थे. किशनाराम भाजपा के बीकानेर देहात और चूरू में संगठन के जिलाध्यक्ष भी रहे थे.

पढ़ें:'15 दिन में दोनों को खत्म कर दूंगा', पूर्व विधायक जयराम और उनके बेटे को मिली जान से मारने की धमकी

खांटी नेता किशनाराम के निधन से विधानसभा क्षेत्र में शोक की लहर है.पूर्व विधायक किशनाराम नाई के निधन की सूचना मिलने के बाद भाजपा और कांग्रेस नेताओं ने शोक जताया है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने दो दिन पहले ही उनकी सेहत की जानकारी ली थी. उनके निधन पर केंद्रीय मंत्री मेघवाल, भाजपा विधायक विश्वनाथ, देहात भाजपा अध्यक्ष श्याम पंचारिया, पूर्व अध्यक्ष जालम सिंह भाटी समेत विभिन्न नेताओं ने शोक जताया है.

बीकानेर: श्रीडूंगरगढ़ के पूर्व विधायक एवं नगर पालिका अध्यक्ष रहे किशनाराम नाई का सोमवार देर रात निधन हो गया. वे 93 साल के थे और कुछ समय से बीमार चल रहे थे. भाजपा के किशनाराम तीन बार डूंगरगढ़ के विधायक रहे. किशनाराम पहली बार किसान नेता कुंभाराम को हराकर विधायक बनकर चर्चा में आए थे. वे एक भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर डूंगरगढ़ से निर्दलीय भी विधानसभा चुनाव लड़ चुके थे. पौत्र नीतिन ने बताया कि किशनाराम कुछ अर्से से बीमार थे.

भाजपा में किशनाराम नाई को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल का नजदीकी माना जाता था. बीकानेर जिले में धरातल से जुड़े नेता के तौर पर किशनाराम की पहचान थी. किशनाराम नाई ने 1993 में भैरोंसिंह शेखावत सरकार पर आए राजनीतिक संकट में संकटमोचक की भूमिका निभाई थी. इसके बाद से ही वे पूर्व मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत के खास माने जाते थे. किशनाराम भाजपा के बीकानेर देहात और चूरू में संगठन के जिलाध्यक्ष भी रहे थे.

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खांटी नेता किशनाराम के निधन से विधानसभा क्षेत्र में शोक की लहर है.पूर्व विधायक किशनाराम नाई के निधन की सूचना मिलने के बाद भाजपा और कांग्रेस नेताओं ने शोक जताया है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने दो दिन पहले ही उनकी सेहत की जानकारी ली थी. उनके निधन पर केंद्रीय मंत्री मेघवाल, भाजपा विधायक विश्वनाथ, देहात भाजपा अध्यक्ष श्याम पंचारिया, पूर्व अध्यक्ष जालम सिंह भाटी समेत विभिन्न नेताओं ने शोक जताया है.

Last Updated : April 8, 2025 at 9:23 AM IST
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