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पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने क्यों की सीएम सुक्खू की तारीफ ? भाजपाइयों को दी ये नसीहत - SHANTA KUMAR ON SHANAN PROJECT

पूर्व सीएम शांता कुमार ने शानन प्रोजेक्ट को लेकर सीएम सुक्खू के प्रयासों को सराहा. वहीं, पीएम से हिमाचल का हक दिलाने की अपील की.

शांता कुमार ने शानन प्रोजेक्ट पर CM सुक्खू के प्रयास को सराहा
शांता कुमार ने शानन प्रोजेक्ट पर CM सुक्खू के प्रयास को सराहा (FILE)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 21, 2024, 1:28 PM IST

शिमला: शानन प्रोजेक्ट की 99 साल की लीज पूरी होने के बावजूद हिमाचल को इसका मालिकाना हक नहीं मिला है. अभी भी इस प्रोजेक्ट पर पंजाब का अधिकार है. हालांकि, इसको लेकर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार हिमाचल की हक में आवाज उठा रहे हैं. ऐसे में पूर्व सीएम शांता कुमार ने सीएम सुक्खू के इन प्रयासों की तारीफ की है और बीजेपी नेताओं को शानन प्रोजेक्ट को लेकर हिमाचल की हक में आवाज उठाने की नसीहत दी है. वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी से हिमाचल का उसका हक दिलाने की अपील की है.

हिमाचल को शानन प्रोजेक्ट का मालिकाना हक नहीं मिलने को लेकर पूर्व सीएम शांता कुमार ने सोशल मीडिया पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट डाला है. इस पोस्ट में जहां उन्होंने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रयासों की तारीफ की है. वहीं, उन्होंने पूर्व सीएम जयराम ठाकुर, केंद्रीय मंत्री प्रकाश नड्डा और हमीरपुर सांसद अनुराग ठाकुर को पीएम मोदी से मिलकर हिमाचल के अधिकार के लिए पैरवी करने की नसीहत दी है.

पूर्व सीएम शांता कुमार ने अपने पोस्ट में लिखा, "हिमाचल प्रदेश के साथ करीब 60 सालों से बड़ा अन्याय हो रहा है. जबकि पिछले 10-12 वर्षों से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है, जो हिमाचल प्रदेशको अपना दूसरा घर कहते हैं. जोगिंदरनगर की शानन बिजली परियोजना 110 मैगावाट की हिमाचल प्रदेश में है. हिमाचल के पानी से हिमाचल की धरती पर बिजली पैदा होती है और उस पर अधिकार पंजाब सरकार का है. इस प्रकार का भयंकर अन्याय और कहीं नहीं होता है".

शांता कुमार ने शानन प्रोजेक्ट पर CM सुक्खू के प्रयास को सराहा
शांता कुमार ने शानन प्रोजेक्ट पर CM सुक्खू के प्रयास को सराहा (@Shanta Kumar Post)

शांता कुमार ने कहा, "1966 में पंजाब पुनर्गठन कानून बना. उसमें साफ निर्देश दिए गए थे कि उस कानून के बाद सांझे पंजाब की जो संपत्ति जिस नये प्रदेश में होगी, वह उसी प्रदेश की मलकीयत बनेगी. इस दृष्टि से 1966 में शानन बिजली परियोजना हिमाचल को मिलनी चाहिए थी. 1977 में मैंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के सामने यह सवाल रखा था. उन्होंने इसका समर्थन किया और सुब्रमण्यम कमेटी बनाई. बाद में उनकी सरकार चली गई और मामले में कुछ नहीं हुआ. जबकि अब तो मंडी रियासत के साथ अंग्रेजी सरकार से की गई लीज-डीड की अवधि भी समाप्त हो गई. हर दृष्टि से शानन बिजली परियोजना हिमाचल प्रदेश की मलकीयत में आनी चाहिए. इतने सालों से होने वाला यह अन्याय दुर्भाग्यपूर्ण है".

शांता कुमार ने कहा, "मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शानन प्रोजेक्ट को लेकर प्रयत्न कर रहे हैं. ऐसे में मेरा आग्रह है कि हिमाचल के प्रमुख नेताओं में से पूर्व सीएम जयराम ठाकुर, केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा और सांसद और अनुराग ठाकुर शानन प्रोजेक्ट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेे और सर्वोच्च न्यायालय में भी जबरदस्त पैरवी करें".

ये भी पढ़ें: "शानन प्रोजेक्ट की लीज हो चुकी है खत्म, अब पंजाब को अपने छोटे भाई को सौंप देनी चाहिए परियोजना"

शिमला: शानन प्रोजेक्ट की 99 साल की लीज पूरी होने के बावजूद हिमाचल को इसका मालिकाना हक नहीं मिला है. अभी भी इस प्रोजेक्ट पर पंजाब का अधिकार है. हालांकि, इसको लेकर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार हिमाचल की हक में आवाज उठा रहे हैं. ऐसे में पूर्व सीएम शांता कुमार ने सीएम सुक्खू के इन प्रयासों की तारीफ की है और बीजेपी नेताओं को शानन प्रोजेक्ट को लेकर हिमाचल की हक में आवाज उठाने की नसीहत दी है. वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी से हिमाचल का उसका हक दिलाने की अपील की है.

हिमाचल को शानन प्रोजेक्ट का मालिकाना हक नहीं मिलने को लेकर पूर्व सीएम शांता कुमार ने सोशल मीडिया पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट डाला है. इस पोस्ट में जहां उन्होंने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रयासों की तारीफ की है. वहीं, उन्होंने पूर्व सीएम जयराम ठाकुर, केंद्रीय मंत्री प्रकाश नड्डा और हमीरपुर सांसद अनुराग ठाकुर को पीएम मोदी से मिलकर हिमाचल के अधिकार के लिए पैरवी करने की नसीहत दी है.

पूर्व सीएम शांता कुमार ने अपने पोस्ट में लिखा, "हिमाचल प्रदेश के साथ करीब 60 सालों से बड़ा अन्याय हो रहा है. जबकि पिछले 10-12 वर्षों से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है, जो हिमाचल प्रदेशको अपना दूसरा घर कहते हैं. जोगिंदरनगर की शानन बिजली परियोजना 110 मैगावाट की हिमाचल प्रदेश में है. हिमाचल के पानी से हिमाचल की धरती पर बिजली पैदा होती है और उस पर अधिकार पंजाब सरकार का है. इस प्रकार का भयंकर अन्याय और कहीं नहीं होता है".

शांता कुमार ने शानन प्रोजेक्ट पर CM सुक्खू के प्रयास को सराहा
शांता कुमार ने शानन प्रोजेक्ट पर CM सुक्खू के प्रयास को सराहा (@Shanta Kumar Post)

शांता कुमार ने कहा, "1966 में पंजाब पुनर्गठन कानून बना. उसमें साफ निर्देश दिए गए थे कि उस कानून के बाद सांझे पंजाब की जो संपत्ति जिस नये प्रदेश में होगी, वह उसी प्रदेश की मलकीयत बनेगी. इस दृष्टि से 1966 में शानन बिजली परियोजना हिमाचल को मिलनी चाहिए थी. 1977 में मैंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के सामने यह सवाल रखा था. उन्होंने इसका समर्थन किया और सुब्रमण्यम कमेटी बनाई. बाद में उनकी सरकार चली गई और मामले में कुछ नहीं हुआ. जबकि अब तो मंडी रियासत के साथ अंग्रेजी सरकार से की गई लीज-डीड की अवधि भी समाप्त हो गई. हर दृष्टि से शानन बिजली परियोजना हिमाचल प्रदेश की मलकीयत में आनी चाहिए. इतने सालों से होने वाला यह अन्याय दुर्भाग्यपूर्ण है".

शांता कुमार ने कहा, "मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शानन प्रोजेक्ट को लेकर प्रयत्न कर रहे हैं. ऐसे में मेरा आग्रह है कि हिमाचल के प्रमुख नेताओं में से पूर्व सीएम जयराम ठाकुर, केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा और सांसद और अनुराग ठाकुर शानन प्रोजेक्ट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेे और सर्वोच्च न्यायालय में भी जबरदस्त पैरवी करें".

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