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पूर्व बीएसपी नेता दद्दू प्रसाद सपा में हुए शामिल, बोले- आंकड़ों की बाजीगरी में बीजेपी से कोई नहीं जीत सकता - DADDU PRASAD JOINS SAMAJWADI PARTY

पूर्व बहुजन समाज पार्टी नेता दद्दू प्रसाद एक बार फिर समाजवादी पार्टी में सोमवार को शामिल हुए. इस मौके पर उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधा.

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दद्दू प्रसाद सपा में शामिल हुए (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : April 7, 2025 at 1:31 PM IST

Updated : April 7, 2025 at 2:16 PM IST

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लखनऊ: बहुजन मुक्ति वाहिनी पार्टी के संस्थापक दद्दू प्रसाद सोमवार को समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये. लखनऊ पार्टी मुख्यालय में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में पूर्व मंत्री दद्दू प्रसाद,पूर्व चेयरमैन व बसपा के लखनऊ मंडल के कॉर्डिनेटर रहे सलाउद्दीन, देव रंजन नागर और जगन्नाथ कुशवाहा शामिल हुए.

कभी बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती की आंख के तारे रहे दद्दू प्रसाद ने साल 2021 में मायावती को ही झटका दे दिया था. हाथी की सवारी छोड़ दद्दू प्रसाद ने साइकिल की सवारी कर ली थी. हालांकि वर्तमान में सामाजिक परिवर्तन मिशन नाम का संगठन चल रहे थे.

लखनऊ पार्टी मुख्यालय में सपाअध्यक्ष अखिलेश यादव (Video Credit- ETV Bharat)

बहुजन समाज पार्टी ने अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान उन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया था. बसपा से निकलने के बाद उन्होंने बहुजन मुक्ति वाहिनी पार्टी गठित की थी. इससे चुनाव भी लड़ा था, लेकिन बाद में सामाजिक परिवर्तन मिशन मोर्चा बनाकर 21 पार्टियों को अपने साथ ले आए. हालांकि इसका कोई फायदा उन्हें नहीं मिला. यही वजह है कि वह एक बार फिर सपा में शामिल हो गये.

बांदा के रहने वाले दद्दू प्रसाद बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक सदस्य माने जाते हैं. वह 1983 से डीएस-4 में कांशी समय से जुड़े रहे. पार्टी ने उन्हें तमाम महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी. मानिकपुर (सुरक्षित) सीट से चार बार चुनाव लड़ाया. इनमें तीन बार जीते. वर्ष 2007 से वर्ष 2012 तक बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे.

दद्दू प्रसाद को बसपा मुखिया मायावती ने 28 जनवरी 2015 को पार्टी से निकाल बाहर किया था. उन पर अनुशासनहीनता का आरोप था. पार्टी से निष्कासन के बाद दद्दू ने बहुजन मुक्ति पार्टी गठित की और उसके अध्यक्ष बन गए. बहुजन मुक्ति पार्टी से मानिकपुर (चित्रकूट) से चुनाव लड़े. 9670 वोट पाकर चौथे नंबर पर रहे. दद्दू प्रसाद 2016 में फिर से वापस बसपा में लौट आए. 2020 में फिर से बसपा ने उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया था.

दद्दू प्रसाद का राजनीतिक करियर:
1993 - मानिकपुर से पहला विधान सभा चुनाव लड़े लेकिन हार गए.
1996 - मानिकपुर से चुनाव लड़े और जीते.
2002 - मानिकपुर से चुनाव लड़े और जीते.
2007 - मानिकपुर से चुनाव लड़ने के बाद जीते और फिर मंत्री बने.

इन जगहों के रहे थे कोऑर्डिनेटर: बसपा कोआर्डिनेटर के रूप में बुंदेलखंड, कानपुर, गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़, बनारस मंडलों समेत उत्तराखंड, एमपी, दिल्ली, हिमाचल की जिम्मेदारी निभाई थी.

बसपा के ये नेता हो चुके हैं सपा में शामिल: बहुजन समाज पार्टी के नेता रहे दद्दू प्रसाद ने सोमवार को समाजवादी पार्टी कार्यालय पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की उपस्थिति में पार्टी का दामन थामा. उनसे पहले बहुजन समाज पार्टी के कई कद्दावर नेता समाजवादी पार्टी में शामिल हो चुके हैं. अखिलेश यादव खुद इन नेताओं को पार्टी में शामिल करवा रहे हैं.

कभी बसपा में रहे बाबू सिंह कुशवाहा, इंद्रजीत सरोज, लाल जी वर्मा, आरके चौधरी, राम अचल राजभर, सीएल चौधरी जैसे नेता अब सपा में हैं. माना ये भी जा रहा है कि दद्दू प्रसाद के बाद कुछ और पुराने बसपा समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं. दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 में अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूले को जीत मिली थी. दलित-पिछड़ा और अल्पसंख्यक समीकरण अखिलेश यादव के पक्ष में गया था.

ऐसे में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अब अपने इस पीडीए फॉर्मूले को और मजबूती दे रहे हैं. साल 2027 विधानसभा चुनाव में वे पीडीए फॉर्मूले को अपना सबसे मजबूत सियासी हथियार बनाना चाहते हैं. ऐसे में वह बड़े दलित-बहुजन चेहरे वाले नेताओं को सपा में लाकर बड़ा सियासी संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं.

निश्चित तौर से दद्दू प्रसाद के समाजवादी पार्टी के साथ जुड़ने से समाजवादी पार्टी को तो फायदा मिलेगा ही, साथ ही दद्दू प्रसाद को भी खोई हुई सियासी जमीन वापस मिल सकती है.

ये भी पढ़ें- हौंसलों की उड़ान: बनारस की सीमा ने 300 रुपए से शुरू किया फूलों का कारोबार, लाखों कमाने के साथ 20 लोगों को दे रहीं रोजगार

लखनऊ: बहुजन मुक्ति वाहिनी पार्टी के संस्थापक दद्दू प्रसाद सोमवार को समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये. लखनऊ पार्टी मुख्यालय में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में पूर्व मंत्री दद्दू प्रसाद,पूर्व चेयरमैन व बसपा के लखनऊ मंडल के कॉर्डिनेटर रहे सलाउद्दीन, देव रंजन नागर और जगन्नाथ कुशवाहा शामिल हुए.

कभी बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती की आंख के तारे रहे दद्दू प्रसाद ने साल 2021 में मायावती को ही झटका दे दिया था. हाथी की सवारी छोड़ दद्दू प्रसाद ने साइकिल की सवारी कर ली थी. हालांकि वर्तमान में सामाजिक परिवर्तन मिशन नाम का संगठन चल रहे थे.

लखनऊ पार्टी मुख्यालय में सपाअध्यक्ष अखिलेश यादव (Video Credit- ETV Bharat)

बहुजन समाज पार्टी ने अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान उन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया था. बसपा से निकलने के बाद उन्होंने बहुजन मुक्ति वाहिनी पार्टी गठित की थी. इससे चुनाव भी लड़ा था, लेकिन बाद में सामाजिक परिवर्तन मिशन मोर्चा बनाकर 21 पार्टियों को अपने साथ ले आए. हालांकि इसका कोई फायदा उन्हें नहीं मिला. यही वजह है कि वह एक बार फिर सपा में शामिल हो गये.

बांदा के रहने वाले दद्दू प्रसाद बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक सदस्य माने जाते हैं. वह 1983 से डीएस-4 में कांशी समय से जुड़े रहे. पार्टी ने उन्हें तमाम महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी. मानिकपुर (सुरक्षित) सीट से चार बार चुनाव लड़ाया. इनमें तीन बार जीते. वर्ष 2007 से वर्ष 2012 तक बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे.

दद्दू प्रसाद को बसपा मुखिया मायावती ने 28 जनवरी 2015 को पार्टी से निकाल बाहर किया था. उन पर अनुशासनहीनता का आरोप था. पार्टी से निष्कासन के बाद दद्दू ने बहुजन मुक्ति पार्टी गठित की और उसके अध्यक्ष बन गए. बहुजन मुक्ति पार्टी से मानिकपुर (चित्रकूट) से चुनाव लड़े. 9670 वोट पाकर चौथे नंबर पर रहे. दद्दू प्रसाद 2016 में फिर से वापस बसपा में लौट आए. 2020 में फिर से बसपा ने उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया था.

दद्दू प्रसाद का राजनीतिक करियर:
1993 - मानिकपुर से पहला विधान सभा चुनाव लड़े लेकिन हार गए.
1996 - मानिकपुर से चुनाव लड़े और जीते.
2002 - मानिकपुर से चुनाव लड़े और जीते.
2007 - मानिकपुर से चुनाव लड़ने के बाद जीते और फिर मंत्री बने.

इन जगहों के रहे थे कोऑर्डिनेटर: बसपा कोआर्डिनेटर के रूप में बुंदेलखंड, कानपुर, गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़, बनारस मंडलों समेत उत्तराखंड, एमपी, दिल्ली, हिमाचल की जिम्मेदारी निभाई थी.

बसपा के ये नेता हो चुके हैं सपा में शामिल: बहुजन समाज पार्टी के नेता रहे दद्दू प्रसाद ने सोमवार को समाजवादी पार्टी कार्यालय पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की उपस्थिति में पार्टी का दामन थामा. उनसे पहले बहुजन समाज पार्टी के कई कद्दावर नेता समाजवादी पार्टी में शामिल हो चुके हैं. अखिलेश यादव खुद इन नेताओं को पार्टी में शामिल करवा रहे हैं.

कभी बसपा में रहे बाबू सिंह कुशवाहा, इंद्रजीत सरोज, लाल जी वर्मा, आरके चौधरी, राम अचल राजभर, सीएल चौधरी जैसे नेता अब सपा में हैं. माना ये भी जा रहा है कि दद्दू प्रसाद के बाद कुछ और पुराने बसपा समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं. दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 में अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूले को जीत मिली थी. दलित-पिछड़ा और अल्पसंख्यक समीकरण अखिलेश यादव के पक्ष में गया था.

ऐसे में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अब अपने इस पीडीए फॉर्मूले को और मजबूती दे रहे हैं. साल 2027 विधानसभा चुनाव में वे पीडीए फॉर्मूले को अपना सबसे मजबूत सियासी हथियार बनाना चाहते हैं. ऐसे में वह बड़े दलित-बहुजन चेहरे वाले नेताओं को सपा में लाकर बड़ा सियासी संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं.

निश्चित तौर से दद्दू प्रसाद के समाजवादी पार्टी के साथ जुड़ने से समाजवादी पार्टी को तो फायदा मिलेगा ही, साथ ही दद्दू प्रसाद को भी खोई हुई सियासी जमीन वापस मिल सकती है.

ये भी पढ़ें- हौंसलों की उड़ान: बनारस की सीमा ने 300 रुपए से शुरू किया फूलों का कारोबार, लाखों कमाने के साथ 20 लोगों को दे रहीं रोजगार

Last Updated : April 7, 2025 at 2:16 PM IST
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