नैनीताल: गर्मियों के मौसम में जंगलों में आग न लगे, इसको लेकर वन विभाग अलर्ट मोड में आ गया है. नैनीताल वन प्रभाग के अंतर्गत 70 क्रू स्टेशन बनाए गए हैं. जहां पर इन दिनों फायर लाइन काटने का कार्य किया गया है. इसके अलावा जंगलों की निगरानी के लिए मास्टर कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है. जहां पर वन रक्षक लगातार अपडेट कर रहे हैं.
जानकारी देते हुए नैनीताल वन प्रभाग के डीएफओ चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि जंगल की आग वन विभाग के लिए चुनौती बनी रहती है. जंगलों की आग से प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए की अमूल्य प्राकृतिक संपदा समेत जीव जंतुओं को भी नुकसान होता है. जिसको देखते हुए 15 दिसंबर से 15 फरवरी तक जंगलों में फायर लाइन काटने का कार्य किया.
नैनीताल वन प्रभाग के अंतर्गत मनौरा में 10, दक्षिणी गौला में 7, बडौन में 8, कोसी में 9, नैना में 8, भवाली में 10, उत्तरी गौला में 10, नगर पालिका रेंज में 6 जबकि लीसा डिपो में 2 क्रू स्टेशन बनाए गए हैं. जिसमें आग का खतरा बना रहता है. इन क्षेत्रों के जंगलों को आग से बचाया जा सके, इसके लिए 280 वन रक्षकों को तैनात किया गया है. इसके अलावा जंगलों की निगरानी के लिए ग्राम प्रहरियों, मंगल दलों को लगाया गया है. स्थानीय लोगों को भी जंगल में आग लगने की घटना के दौरान सूचना विभाग को देने और आग बुझाने में मदद के लिए ली जाएगी. जल्द ही ग्राम स्तर में विभाग ग्रामीणों को आग बुझाने की ट्रेनिंग भी जाएगी.
नैनीताल समेत आसपास के जंगलों में हर साल लगने वाली आग के कारण राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक को हस्ताक्षर करना पड़ता है. कई बार भारतीय वायु सेना को भी जंगलों की आग बुझाने के लिए उतरना पड़ा. जंगलों में विकराल होती आग को देखते हुए इस बार वन विभाग पहले से सतर्क है और जंगलों को बचाने की जुगत में लगा हुआ है.
वायरलेस सेट से लैस होंगे वन कर्मी: जंगलों में आग की घटना के दौरान सूचनाओं का आदान-प्रदान आसानी से हो सके, इसके लिए वन कर्मियों को रेंज के आधार पर वायरलेस सेट उपलब्ध कराई गई है.
फॉरेस्ट एप के माध्यम से मिलेगी जंगलों में लगी आग और बुझाने की जानकारी: नैनीताल के डीएफओ चंद्रशेखर जोशी ने बताया जंगलों में लगने वाली आग की घटनाओं पर निगरानी रखने के लिए राज्य स्तर पर फॉरेस्ट एप बनाया गया है. जिसमें वन विभाग कर्मी और स्थानीय लोग आग लगने की घटनाएं और आग बुझाने की जानकारी दे सकेंगे. किसी भी स्थान पर आग लगने की घटना का अलर्ट एप के माध्यम से कंट्रोल रूम को प्राप्त होगा. जिसके बाद जंगलों की आग को जल्द बुझाया जा सकेगा.
वनों को आग से बचाने के लिए वन विभाग ने क्रू सेंटर बनाए हैं. जिसमें करीब 280 वन रक्षक, वन दारोगा समेत अन्य कर्मी तैनात किए हैं. ताकि जंगलों को सुरक्षित रखा जा सके.
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