गया: बिहार के गया में रामशिला पहाड़ पर भगवान राम का प्राचीन मंदिर स्थित है. रामशिला पहाड़ के नामकरण के पीछे यहां से भगवान राम से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित है. माना जाता है कि यहां भगवान राम सपरिवार विराजमान है. राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के अलावा माता लक्ष्मी की शंख अवतार मानी जाने वाली और भरत की पत्नी मांडवी की भी प्रतिमा है. जानते हैं, रामशिला पहाड़ से जुड़ी भगवान राम की गाथा.
रामशिला मंदिर में सपरिवार विराजमान है भगवान राम: भगवान राम से रामशिला का बड़ा जुड़ाव रहा है. कहा जाता है कि त्रेता युग में भगवान राम यहां आए थे. पितरों के लिए यहां अनुष्ठान किया था. यहां भगवान राम, माता सीता के अलावे उनके भाइयों के भी आने के प्रमाण मिलते हैं. कहा जाता है कि इस मंदिर में भगवान श्री राम सपरिवार विराजमान है और यहां दर्शन करने से सारे पाप मिट जाते हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
रामशिला पर्वत पर साक्षात चरण चिन्ह विराजमान: यहां भगवान राम, उनके भक्त हनुमान की बड़ी विशाल प्रतिमाएं हैं, जो अलौकिक रूप में है. भगवान राम और उनके परिवार से जुड़े इस मंदिर में रामनवमी के दिनों में भक्तों की आस्था का सैलाब उमड़ता है. यहां देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी लोग दर्शन करने के लिए आते हैं. रामशिला मंदिर काफी प्रसिद्ध मंदिर है. यहां त्रेता युग में रामशिला पहाड़ की चोटी पर भगवान राम ने अनुष्ठान किया था. उस समय के भगवान राम के साक्षात चरण पादुका के चिन्ह आज भी यहां मौजूद है. यह चरण पादुका देखने के लिए पहाड़ की चोटी पर 374 सीढ़ियों से होकर गुजरना पड़ता है.

रामशिला मंदिर के सामने रामकुंड सरोवर: रामशिला मंदिर के सामने रामकुंड सरोवर है. भगवान राम जब राजा दशरथ का पिंडदान करने आए थे, तो वे रामशिला पर्वत को पहुंचे थे. यहां पर स्थित रामकुंड सरोवर में उन्होंने स्नान किया था. उसके बाद पिंडदान किया था. रामशिला अति प्राचीन मंदिर है. भगवान राम ने यहां भोलेनाथ के पातालेश्वर महादेव के स्वरूप की पूजा की थी, जो कि आज भी शिवलिंग के रूप में विराजमान है. गया में पहुंचने वाले श्रद्धालु भगवान राम के दर्शन करने को आते हैं और उनके पादुका के दर्शन कर धन्य हो जाते हैं.

रामशिला मंदिर का इतिहास कितना पुराना: रामशिला मंदिर के पुजारी लक्ष्मण पांडे बताते हैं, कि रामशिला मंदिर अति पौराणिक काल से है. इस प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार टिकारी महाराज गोपाल शरण ने कराया था. यहां भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण जी, भरत जी, इनकी पत्नी मांडवी, हनुमान जी सभी की प्रतिमाएं हैं. यूं कहें, कि यहां भगवान राम सपरिवार विराजमान है. भगवान राम से जुड़ी यह अत्यंत ही पौराणिक और धार्मिक स्थान है, जिसका जिक्र शास्त्र पुराणों में भी है.

"गया में प्राचीन रामशिला मंदिर स्थित है, इसके पास ही रामकुंड सरोवर है. भगवान राम यहां सपरिवार विराजमान हैं. इस मंदिर का काफी महत्व है, जो भी भक्त यहां दर्शन करने को आते हैं, उनके पाप कट जाते हैं और मन्नतें पूरी होती है. रामनवमी में यहां भक्तों के रूप में आस्था का सैलाब उमड़ता है. राम भक्त हनुमान की विशाल प्रतिमा रामशिला मंदिर में स्थापित है. इस मंदिर से कई तरह की मान्यताएं जुड़ी हुई है."-लक्ष्मण पांडे, पुजारी रामशिला मंदिर
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