झालावाड़: जिले के झालावाड़ बारां मेगा हाईवे स्थित कोलाना एयरपोर्ट के रनवे पर शुक्रवार को पांच छोटे विमानों को पायलेट प्रशिक्षण के लिए उतारा गया. एयरपोर्ट पर इतनी संख्या में विमान देखकर लोग हैरत में पड़ गए. वहां विमान देखने के लिए लोगों का तांता लग गया. सुरक्षा की दृष्टि से इस मौके पर पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद रहे.
सावर्जनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता हुकुमचंद मीणा ने बताया कि कोलाना एयरपोर्ट पर ये पांचों विमान पायलेट प्रशिक्षण के लिए आए थे. यहां प्रशिक्षकों ने ट्रेनी पायलेट्स को प्लेन उड़ाने के गुर सिखाए. ये सभी विमान निजी कम्पनी के हैं. पायलेट ट्रेनिंग अकादमी ने एयरपोर्ट रनवे पर प्रशिक्षु पायलेट के प्रशिक्षण के लिए अनुमति ली थी. इसका शुल्क भी लिया गया है. यहां 4 सीटर के कुल 5 विमान उतारे गए हैं.
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तीन सौ सीटर विमान भी उतर सकता है: एक्सईएन ने बताया कि कोलाना एयरपोर्ट का रनवे 3000 मीटर लंबा तथा 45 मीटर चौड़ा है. ऐसे में यहां 300 सीटर बड़े विमान को भी आसानी से उतर जा सकता है. प्रदेश सरकार ने यहां फ्लाइंग स्कूल खोलने की घोषणा की है. ऐसे में जल्द ही झालावाड़ जिले में फ्लाइंग स्कूल संचालित होगा. उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट पर लंबी स्ट्रिप होने के कारण यहां पर एक साथ चार फ्लाइंग स्कूलों को संचालित किया जा सकता है. झालावाड़ का कोलाना एयरपोर्ट का रनवे उत्तर भारत का तीसरा सबसे बड़ा रनवे है. ऐसे में आने वाले समय में इसके सफल होने की भी उम्मीद है.
हवाई पट्टी पर लाइटिंग का काम होगा : अधिकारियों के मुताबिक झालावाड़ एयरपोर्ट रनवे पर दिन में हवाई यान उतारने में कोई समस्या नहीं है. रात के समय या खराब मौसम होने पर हवाई पट्टी पर लाइटिंग की आवश्यकता होती है. हुकुमचंद ने बताया कि इस संबंध में एयरपोर्ट अथॉरिटी को लिख चुके हैं.