नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम की स्थाई समिति का गठन होने के बाद अब उसकी पहली बैठक की तारीख तय हो गई है. अगले सप्ताह में यह बैठक होगी. बैठक का एजेंडा तैयार करने की जोर शोर पर तैयारी चल रही है.
करीब ढाई साल बाद दिल्ली नगर निगम में स्थाई समिति का गठन होने के बाद 100 से भी ज्यादा प्रस्ताव लंबित पड़े हैं. उनको पहली बैठक में रखे जाने की चर्चा है. स्थाई समिति की नवनिर्वाचित अध्यक्ष सत्या शर्मा ने बताया कि अगले सप्ताह 27 जून दिन शुक्रवार को दोपहर 2 से निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में स्थाई समिति की बैठक होनी तय हुई है. यह नवगठित स्थाई समिति की पहली बैठक होगी. हमारा प्रयास अधिक से अधिक प्रस्तावों को पास करने पर होगा ताकि ढाई वर्षो से लंबित कामों को गति दी जा सके.

स्वास्थ्य और सफाई व्यवस्था से संबंधित प्रस्तावों होंगे प्राथमिकता में
स्थाई समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा ने बताया कि वैसे तो 100 से भी ज्यादा प्रस्ताव लंबित हैं. सभी प्रस्ताव महत्वपूर्ण हैं. लेकिन फिर भी हमारा पहला प्रयास हेल्थ और सफाई व्यवस्था से संबंधित प्रस्तावों, लंबित टेंडर और प्रक्रियाओं को पहली बैठक में ही पूरा कराने पर होगा.
सत्या शर्मा ने बताया कि बैठक का दिन और तारीख तय होने के बाद अब बैठक का एजेंडा तैयार किया जा रहा है. विस्तृत एजेंडे की जानकारी बैठक में दी जाएगी. दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम सभी मिलकर के दिल्ली को साफ स्वच्छ बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. पहली बैठक में इन प्रयासों को गति देने के लिए काम किया जाएगा.
उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने ढाई साल तक स्थाई समिति का गठन नहीं होने दिया और दिल्ली की जनता के साथ अन्याय किया. स्थाई समिति का गठन न होने से निगम के सभी बड़े काम रुके रहे, अब ढाई साल में रुके हुए कामों को बचे हुए समय में पूरा करके अब तक हुए नुकसान की भरपाई करने का हमारा प्रयास रहेगा.
बता दें कि स्थाई समिति दिल्ली नगर निगम की सबसे महत्वपूर्ण समिति होती है. स्थाई समिति के बिना 5 करोड़ रुपए से ज्यादा का कोई भी टेंडर पास नहीं हो सकता है. इसलिए निगम में 5 करोड़ से ज्यादा के सभी टेंडर और उसे संबंधित काम ढाई साल से लंबित पड़े हुए हैं.
12 जून को हुआ है स्थाई समिति का गठन
बता दें कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की सर्वोच्च समिति यानी स्थायी समिति के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन पद के लिए 12 जून को चुनाव की प्रक्रिया संपन्न हुई थी. अध्यक्ष के बाद उपाध्यक्ष पद का चुनाव हुआ था.
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच इस चुनाव को लेकर सीधा मुकाबला देखा गया. दोनों ही दलों ने अपने-अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था और स्थाई समिति के सदस्यों को अपने पाले में करने की रणनीति में जुटे थे.
भाजपा ने चेयरमैन पद के लिए पूर्वी दिल्ली के गौतमपुरी वार्ड से पार्षद सत्या शर्मा को उम्मीदवार बनाया था तो वहीं, आम आदमी पार्टी ने जनकपुरी वेस्ट से पार्षद प्रवीण कुमार राजपूत को मैदान में उतारा था. उधर डिप्टी चेयरमैन पद के लिए भाजपा ने दक्षिणी दिल्ली के भाटी वार्ड से पार्षद सुंदर सिंह को, जबकि AAP की ओर से पूर्वी दिल्ली के ही सुंदरनगरी वार्ड से पार्षद मोहिनी जीनवाल को मैदान में उतारा था.
अध्यक्ष पद पर भाजपा की सत्या शर्मा और उपाध्यक्ष पद पर भी भाजपा के सुंदर सिंह ने जीत दर्ज की थी. भाजपा प्रत्याशियों को 11-11 और आम आदमी पार्टी प्रत्याशियों को सात सात वोट मिले थे.
ये भी पढ़ें- MCD के खाते में पहुंचे 820 करोड़, अब कर्मचारियों को मिलेगी सैलरी; AAP ने भाजपा पर साधा निशाना
ये भी पढ़ें- दिल्ली के महापौर ने MCD के 200 दैनिक वेतनभोगी सफाई कर्मचारियों को नियमित करने का पत्र दिया