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भारत में पहला कौशल्याधाम : जयपुर में मां कौशल्या की मूर्ति का शिलापूजन, छत्तीसगढ़ से विश्व मंच तक धाम को पहचान दिलाने की पहल - FIRST KAUSHALYA DHAM PROJECT

भगवान श्रीराम की माता कौशल्या की प्रतिमा का शिला पूजन गुरुवार को जयपुर में किया गया.

Foundation stone laying ceremony of the statue of Maa Kaushalya in Jaipur
जयपुर में मां कौशल्या की प्रतिमा बनाने के लिए शिलापूजन (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : June 13, 2025 at 6:03 PM IST

5 Min Read

जयपुर: अयोध्या में श्रीरामलला की प्रतिष्ठा के बाद अब छत्तीसगढ़ की बेटी और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जननी माता कौशल्या के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है. इस दिशा में गुरुवार को जयपुर में ऐतिहासिक क्षण सामने आया, जब मां कौशल्या की प्रतिमा के शिलापूजन का शुभ कार्य सम्पन्न हुआ. यह प्रतिमा मंदिर के गर्भगृह में प्रतिष्ठित की जाएगी. कौशल्याधाम परियोजना के संचालक श्रीरामबालक दास महात्यागी ने बताया कि जिस प्रकार सालों के संघर्ष के बाद अयोध्या में श्रीरामलला विराजमान हुए हैं. ठीक उसी तरह तीन युगों के बाद कौशल प्रदेश की बेटी मां कौशल्या का यह भव्य धाम आकार ले रहा है. यह धाम जयपुर में तैयार हो रहा है, जिसे छोटी काशी भी कहा जाता है.

मां कौशल्या का कोई धाम नहीं, यह पहला: श्रीरामबालक दास महात्यागी ने बताया कि अब तक माता कौशल्या का न कोई मंदिर था और न कोई तीर्थ और धार्मिक प्रतीकात्मक स्थल. उन्होंने कहा कि मेरा जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ है. 'मेरे मन में यह विचार आया कि मातृभूमि और मां कौशल्या के लिए कुछ किया जाना चाहिए. इसी संकल्प से इस मंदिर की नींव रखी गई. 108 फीट ऊंचा यह मंदिर वर्ष 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगा'. निर्माण के लिए बंशी पहाड़ से खास पत्थर मंगवाए हैं. यह निर्माण कार्य भारतीय वास्तुकला, धर्म और मातृत्व की भावना को समर्पित है.

कौशल्याधाम प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए... (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें:अरुण योगीराज बोले- रामलला की मूर्ति बनाना प्रभु की कृपा थी, देश-दुनिया में मिली पहचान - ARUN YOGIRAJ IN BIKANER

कौशल्या धाम मंदिर की विशेषता

  • माता कौशल्या और रामलला की मूर्ति होगी स्थापित
  • मकराना के संगमरमर पत्थर से निर्मित होगी मूर्ति
  • मंदिर में कुल 108 मूर्तियां होगी स्थापित
  • 108 फीट ऊंचा बनेगा मंदिर
  • बंशी पहाड़ से मंदिर निर्माण के लिए जाएगा पत्थर

सत्यनारायण पांडे बनाएंगे प्रतिमा: श्रीरामबालक दास ने बताया कि जयपुर के प्रसिद्ध मूर्तिकार सत्यनारायण पांडे, जिन्होंने अयोध्या में राम दरबार की मूर्तियां तैयार की थी, उन्हें मां कौशल्या की प्रतिमा निर्माण का जिम्मा सौंपा है. जिस मां कौशल्या ने राम को जन्म दिया, उन्हें आज मूर्तिरूप में प्रकट किया जा रहा है. सत्यनारायण पांडे ने ईटीवी भारत को बताया कि इस प्रकार का भव्य स्वरूप अब तक कौशल्या मां की किसी प्रतिमा का नहीं बना है. इस प्रतिमा निर्माण की अनुभूति अलौकिक है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है.

Worship of the idol of Mother Kaushalya
मां कौशल्या की प्रतिमा बनाने के लिए शिला पूजन करते हुए. (ETV Bharat Jaipur)

माता कौशल्या की प्रतिमा की विशेषता

  • प्रतिमा निर्माण से पहले बनाया मॉडल
  • कलाकार सुनील विश्वकर्मा ने तैयार किया स्केच
  • गंगा की पवित्र मिट्टी से बनाया क्ले मॉडल
  • माता कौशल्या की गोद में नजर आएंगे भगवान राम बाल स्वरूप में

छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक और भौगोलिक भूमिका: श्रीरामबालक दास ने बताया कि वेदों में उल्लेख है कि मां कौशल्या का जन्म महाकौशल में हुआ था. एक प्रसंग के अनुसार महानदी तट पर उनका जन्मस्थान था. महानदी छत्तीसगढ़ में बहती है, इसलिए जब राम के मामा गांव का जिक्र आता है तो वह छत्तीसगढ़ से जुड़ता है. इसी भूमि पर भगवान राम ने अपने वनवास के 10 वर्ष बिताए. श्री रामबालकदास ने कहा कि शबरी के बेर, केवट की कथा, रामायण की कई घटनाएं इस क्षेत्र से जुड़ी हैं. यहां तक कि लव-कुश तक का संबंध भी छत्तीसगढ़ से रहा है.

पौराणिक मान्यता के अनुसार कौशल्या धाम

  • माता कौशल्या के नाम पर छत्तीसगढ़ में कौशलपुर का नाम
  • महानदी के तट पर हुआ माता कौशल्या का जन्म
  • रामायण के महत्वपूर्ण पात्रों का कौशलपुर से जुड़ाव
  • माता शबरी, केवट और लव कुश के प्रसंग इसी क्षेत्र से जुड़े
  • भगवान राम ने मिट्टी से बने शिवलिंग को किया यही स्थापित

पढ़ें: जिस चित्रकार ने रामलला को दिया स्वरूप, वही अब उज्जैन के महालोक की मूर्तियों का कर रहे चित्रण - Ujjain Mahakal Lok - UJJAIN MAHAKAL LOK

राम-कौशल्या की छवि की वर्षों से थी तलाश: श्रीरामबालक दास ने बताया कि वे सालों से मां कौशल्या की गोद में रामलला की प्रतिमा या चित्र की तलाश में थे. उन्होंने गीता प्रेस गोरखपुर और अन्य स्थानों पर भी तलाश की, लेकिन वह छवि नहीं मिली. ऐसे में अयोध्या की 85वर्ष पुरानी धर्मसभा की याद आई. इसमें तय किया था कि श्रीराम जन्मभूमि में रामलला को गोद में दिखाया जाएगा, क्योंकि पहले वह मां कौशल्या की गोद में ही आए. तुलसीदासजी ने भी अपनी प्रार्थना की शुरुआत "प्रकट भए कृपाला, दीनदयाला, कौशल्या हितकारी" से की थी. श्रीरामबालक दास ने बताया कि उनकी इस कल्पना को मूर्त रूप देने में सुनील विश्वकर्मा ने मदद की. उन्होंने रामलीला की छवि का स्कैच तैयार किया. फिर बंगाल के मायापुर के कलाकारों की सहायता से इस मूर्ति का मॉडल तैयार किया गया. यह मॉडल गंगाजी की मिट्टी से बनाया गया है और अब इसे जयपुर में स्थापित कर दिया गया है. इसी मॉडल के आधार पर मकराना के संगमरमर पत्थर की प्रतिमा तैयार की जाएगी. इसका 12 जून को विधिवत पूजन किया. कौशल्या धाम के संचालक ने कहा कि हम और सत्यनारायणजी तो केवल निमित्त हैं, क्योंकि जैसे भगवान राम मां कौशल्या के गर्भ में प्रकट हुए, वैसे ही अब यह प्रतिमा भी उसी भक्ति और इच्छा के साथ प्रकट होगी. उन्होंने इसे रामभक्तों का सामूहिक संकल्प बताया.

जयपुर: अयोध्या में श्रीरामलला की प्रतिष्ठा के बाद अब छत्तीसगढ़ की बेटी और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जननी माता कौशल्या के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है. इस दिशा में गुरुवार को जयपुर में ऐतिहासिक क्षण सामने आया, जब मां कौशल्या की प्रतिमा के शिलापूजन का शुभ कार्य सम्पन्न हुआ. यह प्रतिमा मंदिर के गर्भगृह में प्रतिष्ठित की जाएगी. कौशल्याधाम परियोजना के संचालक श्रीरामबालक दास महात्यागी ने बताया कि जिस प्रकार सालों के संघर्ष के बाद अयोध्या में श्रीरामलला विराजमान हुए हैं. ठीक उसी तरह तीन युगों के बाद कौशल प्रदेश की बेटी मां कौशल्या का यह भव्य धाम आकार ले रहा है. यह धाम जयपुर में तैयार हो रहा है, जिसे छोटी काशी भी कहा जाता है.

मां कौशल्या का कोई धाम नहीं, यह पहला: श्रीरामबालक दास महात्यागी ने बताया कि अब तक माता कौशल्या का न कोई मंदिर था और न कोई तीर्थ और धार्मिक प्रतीकात्मक स्थल. उन्होंने कहा कि मेरा जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ है. 'मेरे मन में यह विचार आया कि मातृभूमि और मां कौशल्या के लिए कुछ किया जाना चाहिए. इसी संकल्प से इस मंदिर की नींव रखी गई. 108 फीट ऊंचा यह मंदिर वर्ष 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगा'. निर्माण के लिए बंशी पहाड़ से खास पत्थर मंगवाए हैं. यह निर्माण कार्य भारतीय वास्तुकला, धर्म और मातृत्व की भावना को समर्पित है.

कौशल्याधाम प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए... (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें:अरुण योगीराज बोले- रामलला की मूर्ति बनाना प्रभु की कृपा थी, देश-दुनिया में मिली पहचान - ARUN YOGIRAJ IN BIKANER

कौशल्या धाम मंदिर की विशेषता

  • माता कौशल्या और रामलला की मूर्ति होगी स्थापित
  • मकराना के संगमरमर पत्थर से निर्मित होगी मूर्ति
  • मंदिर में कुल 108 मूर्तियां होगी स्थापित
  • 108 फीट ऊंचा बनेगा मंदिर
  • बंशी पहाड़ से मंदिर निर्माण के लिए जाएगा पत्थर

सत्यनारायण पांडे बनाएंगे प्रतिमा: श्रीरामबालक दास ने बताया कि जयपुर के प्रसिद्ध मूर्तिकार सत्यनारायण पांडे, जिन्होंने अयोध्या में राम दरबार की मूर्तियां तैयार की थी, उन्हें मां कौशल्या की प्रतिमा निर्माण का जिम्मा सौंपा है. जिस मां कौशल्या ने राम को जन्म दिया, उन्हें आज मूर्तिरूप में प्रकट किया जा रहा है. सत्यनारायण पांडे ने ईटीवी भारत को बताया कि इस प्रकार का भव्य स्वरूप अब तक कौशल्या मां की किसी प्रतिमा का नहीं बना है. इस प्रतिमा निर्माण की अनुभूति अलौकिक है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है.

Worship of the idol of Mother Kaushalya
मां कौशल्या की प्रतिमा बनाने के लिए शिला पूजन करते हुए. (ETV Bharat Jaipur)

माता कौशल्या की प्रतिमा की विशेषता

  • प्रतिमा निर्माण से पहले बनाया मॉडल
  • कलाकार सुनील विश्वकर्मा ने तैयार किया स्केच
  • गंगा की पवित्र मिट्टी से बनाया क्ले मॉडल
  • माता कौशल्या की गोद में नजर आएंगे भगवान राम बाल स्वरूप में

छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक और भौगोलिक भूमिका: श्रीरामबालक दास ने बताया कि वेदों में उल्लेख है कि मां कौशल्या का जन्म महाकौशल में हुआ था. एक प्रसंग के अनुसार महानदी तट पर उनका जन्मस्थान था. महानदी छत्तीसगढ़ में बहती है, इसलिए जब राम के मामा गांव का जिक्र आता है तो वह छत्तीसगढ़ से जुड़ता है. इसी भूमि पर भगवान राम ने अपने वनवास के 10 वर्ष बिताए. श्री रामबालकदास ने कहा कि शबरी के बेर, केवट की कथा, रामायण की कई घटनाएं इस क्षेत्र से जुड़ी हैं. यहां तक कि लव-कुश तक का संबंध भी छत्तीसगढ़ से रहा है.

पौराणिक मान्यता के अनुसार कौशल्या धाम

  • माता कौशल्या के नाम पर छत्तीसगढ़ में कौशलपुर का नाम
  • महानदी के तट पर हुआ माता कौशल्या का जन्म
  • रामायण के महत्वपूर्ण पात्रों का कौशलपुर से जुड़ाव
  • माता शबरी, केवट और लव कुश के प्रसंग इसी क्षेत्र से जुड़े
  • भगवान राम ने मिट्टी से बने शिवलिंग को किया यही स्थापित

पढ़ें: जिस चित्रकार ने रामलला को दिया स्वरूप, वही अब उज्जैन के महालोक की मूर्तियों का कर रहे चित्रण - Ujjain Mahakal Lok - UJJAIN MAHAKAL LOK

राम-कौशल्या की छवि की वर्षों से थी तलाश: श्रीरामबालक दास ने बताया कि वे सालों से मां कौशल्या की गोद में रामलला की प्रतिमा या चित्र की तलाश में थे. उन्होंने गीता प्रेस गोरखपुर और अन्य स्थानों पर भी तलाश की, लेकिन वह छवि नहीं मिली. ऐसे में अयोध्या की 85वर्ष पुरानी धर्मसभा की याद आई. इसमें तय किया था कि श्रीराम जन्मभूमि में रामलला को गोद में दिखाया जाएगा, क्योंकि पहले वह मां कौशल्या की गोद में ही आए. तुलसीदासजी ने भी अपनी प्रार्थना की शुरुआत "प्रकट भए कृपाला, दीनदयाला, कौशल्या हितकारी" से की थी. श्रीरामबालक दास ने बताया कि उनकी इस कल्पना को मूर्त रूप देने में सुनील विश्वकर्मा ने मदद की. उन्होंने रामलीला की छवि का स्कैच तैयार किया. फिर बंगाल के मायापुर के कलाकारों की सहायता से इस मूर्ति का मॉडल तैयार किया गया. यह मॉडल गंगाजी की मिट्टी से बनाया गया है और अब इसे जयपुर में स्थापित कर दिया गया है. इसी मॉडल के आधार पर मकराना के संगमरमर पत्थर की प्रतिमा तैयार की जाएगी. इसका 12 जून को विधिवत पूजन किया. कौशल्या धाम के संचालक ने कहा कि हम और सत्यनारायणजी तो केवल निमित्त हैं, क्योंकि जैसे भगवान राम मां कौशल्या के गर्भ में प्रकट हुए, वैसे ही अब यह प्रतिमा भी उसी भक्ति और इच्छा के साथ प्रकट होगी. उन्होंने इसे रामभक्तों का सामूहिक संकल्प बताया.

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