पटना: नीतीश सरकार ने पटना के दूजरा दियारा क्षेत्र में अपने पहले ड्राई डॉक के निर्माण का फैसला किया है. यह परियोजना गंगा के किनारे 5 एकड़ में स्थापित की जाएगी. जिससे क्षेत्र में जल परिवहन की सुविधाएं और बेहतर होंगी. नीतीश सरकार ने भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के साथ 25 साल के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता किया है.
पहला ड्राई डॉक पटना में बनेगा: दरअसल, वर्तमान में जहाजों की मरम्मत के लिए व्यापारियों को कोलकाता और अन्य राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता था. लेकिन नए ड्राई डॉक के निर्माण से अब पटना में ही जहाजों की मरम्मत की सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी. इस नई परियोजना से न केवल स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि पूरे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे.
नीतीश सरकार का फैसला: पटना में ड्राई डॉक केंद्र सरकार के इनलैंड वाटर ट्रांसपोर्ट के साथ 25 साल का समझौता. इसमें लीज के नवीकरण का भी विकल्प रखा गया है. 21 लाख सलामी और 5% राशि यानी एक लाख पांच हजार वार्षिक लगान के भुगतान पर 5 एकड़ जमीन दी गई. शुरू में जहाज की मरम्मत का काम होगा. 1 साल में ड्राई डॉक बनकर तैयार होने की संभावना है.
ड्राई डॉक होता क्या है?: ड्राई डॉक एक विशेष प्रकार का शिपबिल्डिंग और शिप रिपेयरिंग की सुविधा होती है. जहां जहाजों को पानी से बाहर निकलकर उनकी मरम्मत, रखरखाव और निर्माण का काम किया जाता है. इसे आम तौर पर एक संरचना के रूप में डिजाइन किया जाता है जिसमें एक बड़ी पानी की गहरी खाई होती है, जिसे पानी भरने और निकालने की सुविधा होती है. जहाज का निर्माण भी ड्राई डॉक पर ही किया जाता है. जहाज के मरम्मत के बाद उसे वापस पानी में छोड़ दिया जाता है.

उद्योग जगत को लगेंगे पंख: बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष केपीएस केसरी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह विकास न केवल जल परिवहन को बढ़ावा देगा, बल्कि उद्योग जगत को भी इससे लाभ होगा. उन्होंने बताया कि वाटर ट्रांसपोर्ट सबसे सस्ता और प्रभावी परिवहन साधन है और इसके विकास से बिहार के लोगों को भी अनेक लाभ मिलेंगे.

ट्रांसपोर्ट नेटवर्क का महत्वपूर्ण हिस्सा ड्राई डॉक: केपीएस केसरी ने बताया कि बिहार में गायघाट में स्थित रिवर पोर्ट के कारण जहाज पटना तक आते हैं, जो जल मार्ग के माध्यम से सामान की लाने-ले जाने की सुविधाएं प्रदान करता है. उन्होंने यह भी कहा कि इलाहाबाद से हल्दिया तक का नेशनल वॉटरवेज, जिसे वन नंबर का वॉटरवे कहा जाता है. यह ट्रांसपोर्ट नेटवर्क का महत्वपूर्ण हिस्सा है. केपीएस केसरी ने इसे सरकार की एक सकारात्मक पहल बताया जो राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

जल परिवहन अन्य परिवहन माध्यमों की तुलना में सबसे सस्ता है, जिससे व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिलता है. इस नई परियोजना से न केवल स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि पूरे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे."- केपीएस केसरी, अध्यक्ष, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
सुशील मोदी ने दिया था जोर: उन्होंने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इस क्षेत्र की आवश्यकताओं की ओर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया था. इनलैंड वाटर ट्रांसपोर्ट की पहल केंद्र सरकार की ओर से हुई है, लेकिन बिहार भी इस विकास का सहयोग कर रहा है.केपीएस केसरी ने यह भी बताया कि आने वाले समय में पटना में वेसल निर्माण की गतिविधियां भी शुरू हो सकती हैं उन्होंने विश्वास कहा कि 1 साल के भीतर ड्राई डॉक का काम शुरू हो जाएगा.

बिहार की अर्थव्यवस्था होगी मजबूत: केपीएस केसरी ने कहा कि "यदि परिवहन लागत में कमी आती है और हम एक स्थान से दूसरे स्थान पर सामान ले जाने में खर्च कम कर पाते हैं, तो उद्योग को भी इसका लाभ मिलेगा" उन्होंने कहा कि कि औद्योगिकरण उसके बाद की बात है, लेकिन इससे निश्चित रूप से बिहार के लोगों को फायदा होगा. इस प्रारंभिक विकास के जरिए नए औद्योगिक अवसर खुलेंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान होगी.

ड्राई डॉक बनाने की क्यों जरूरत पड़ी: भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण को बिहार सरकार ने जमीन उपलब्ध कराया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह का कहना है कि 5 एकड़ जमीन दियारा में उपलब्ध कराया गया है जिससे जहाज की मरम्मत का काम कर सकेंगे, क्योंकि जहाज की रिपेयरिंग का काम अभी बिहार में नहीं होता है और पटना के गायघाट में रिवर पोर्ट होने के कारण कई बार बिहार आने वाले जहाज में यदि कोई खराबी हो जाती है तो उसे ठीक करने दूसरे स्थान पर ले जाना पड़ता है.
"सऊदी अरब में इंपोर्ट के काम के अनुभव से पता चलता है कि इस तरह के विकास से व्यवसाइयों को बहुत लाभ मिलेगा. यह कदम न केवल स्थानीय उद्योगों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि संपूर्ण राज्य की अर्थव्यवस्था को भी सशक्त करेगा. ड्राई डॉक की स्थापना से बिहार में जल परिवहन के क्षेत्र में नई संभावनाएं खुलेंगी." - सलीम परवेज, पूर्व उपसभापति विधान परिषद

बिहार के लोगों को रोजगार मिलेगा: बता दें कि बिहार में रिवर पोर्ट पहले से था लेकिन ड्राई डॉक की सुविधा नहीं थी. हल्दिया से लेकर इलाहाबाद तक नेशनल वाटर ट्रांसपोर्ट वे के कारण बड़ी संख्या में जहाज का आना-जाना हो रहा है, लेकिन विशेषज्ञों की माने तो अब ड्राई डॉक के बनकर तैयार होने के बाद जहाज की संख्या में और इजाफा होगा और यहां के लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार भी मिलेगा.
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