लखनऊ : राजधानी के लोकबंधु अस्पताल में आग के बाद वहां भर्ती करीब 253 मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है. इस हादसे के बाद मरीजों के परिजन बदहवास से हो गए थे. हालांकि, हालात अब सामान्य हैं, लेकिन सोमवार देर रात की वह घटना अब भी उनको कंपा देती है. हर तरफ शोर, धुआं, चीख...कुछ ऐसा ही मंजर प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं. आप भी सुनिए अस्पताल में आग लगने की घटना उन्हीं की जुबानी.
डॉक्टर ने बचाई मेरे पिता की जान: मेरे पिताजी प्रेमशंकर त्रिपाठी लोकबंधु अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे. रात करीब 10 बजे अस्पताल में धुआं फैल गया. आग शॉर्ट सर्किट की वजह से दूसरे तल से फैली थी. धुआं इतना फैला था कि कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. फॉयर विभाग की टीम, अस्पताल के चिकित्सक और स्टाफ धीरे-धीरे कर अस्पताल से मरीजों को बाहर निकाल रहे थे. प्रत्यक्षदर्शी पंकज कुमार बताते हैं कि, फिजिशियन डॉ. राजेश फॉयर विभाग की इमरजेंसी सीढ़ी से चढ़कर दूसरे तल से मेरे पिता जी को बाहर ले आए.
अफरातफरी में छूट गया सामान: बताते हैं, अंदर किसी को जाने की अनुमति नहीं थी. उस समय डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और अस्पताल के उच्च अधिकारी भी आ गए थे. घटना के बाद अभी वह अपना सामान और बाइक लेने के लिए आए हैं. क्योंकि इमरजेंसी में अनन-फानन में पिताजी को सिविल अस्पताल भेजा गया. उनके साथ मैं भी चला गया था. मेरी बाइक यही छूट गई थी, उसे लेने के लिए मैं आया हूं. अस्पताल के जो कागज हैं, वह अभी यहीं पर है.
आग की लपटें और हर तरफ धुआं: एक और प्रत्यक्षदर्शी एंबुलेंस चालक दीपक कुमार सिंह बताते हैं, अस्पताल में सोमवार रात करीब 9:30 बजे शॉर्ट सर्किट से आग लगी थी. आग विकराल थी. भयानक लपटें बाहर की तरफ आ रही थीं. अस्पताल के अंदर मरीज फंसे हुए थे. धीरे-धीरे कर फायर विभाग की टीम और अस्पताल का स्टाफ उन्हें बाहर निकाल रहे थे. बाहरी सीढ़ी लगाकर मरीज को इमरजेंसी से बाहर निकल गया. बहुत भयानक मंजर था. लग रहा था कि कोई नहीं बचेगा. शुक्र है कि सभी को बचा लिया गया. करीब 200 से अधिक एम्बुलेंस बुलाई गई थीं. यहां तक कि जो प्राइवेट एंबुलेंस थीं, उन्हें भी बुला लिया गया. सभी मरीजों को सिविल, बलरामपुर और केजीएमयू अस्पताल में भेजा जा रहा था. धुआं इतना अधिक था कि किसी को कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था.
सभी मरीज सकुशल बाहर निकाले गए: लोकबंधु अस्पताल के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि बीते दिन 253 मरीज अस्पताल में भर्ती थे. आग करीब 9 से 9.30 के बीच दूसरे तल की फॉल सीलिंग में लगी थी. सुचना मिलते ही सभी चिकित्सक एवं फायर विभाग की टीम आ गई थी. दूसरे तल पर आईसीयू, एचडीयू, प्रशासनिक भवन और महिला सर्जरी विभाग है. सबसे पहले दूसरे तल में फंसे मरीजों को बाहर निकाला गया. सभी मरीजों को लखनऊ के सिविल, बलरामपुर, केजीएमयू में भर्ती कराया गया. करीब 200 एंबुलेंस की व्यवस्था की गई. तुरंत मरीजों को अस्पताल में शिफ्ट कराया गया. अस्पताल में एक मरीज ऐसा था जिसकी मौत इस हादसे के पहले ही हो चुकी थी. मल्टीऑर्गन फेल्योर का मरीज था. उसकी डेथ सर्टिफिकेट भी बन चुका था. इस हादसे से कोई जन हानि नहीं हुई है. सभी को सकुशल बाहर निकाल कर दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया गया. जहां पर उनका इलाज चल रहा है. वहीं जो मरीज ठीक थे, उन्हें उनके घर एंबुलेंस से भिजवाया गया.
नहीं हो रही जांच : मंगलवार को अस्पताल में इलाज करने के लिए पहुंचीं दीप्ति कुमारी ने ईटीवी भारत से बातचीत की. बताया कि पिछले कुछ दिनों से लगातार बुखार आ रहा था. जिसके कारण वह अस्पताल में दिखाने के लिए पहुंची है. लेकिन, यहां पर डॉक्टर ने देखा तो मगर, जांच के लिए मना कर दिया गया है. पता चला कि यहां आग लग गई थी. जिसके कारण कुछ ओपीडी को इधर-उधर कर दिया गया है. वहीं, जांच की सुविधा को बंद कर दिया गया है.
चल रही इमरजेंसी : मंगलवार को सुबह स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. रतनपाल सिंह सुमन निरीक्षण के लिए पहुंचे. इसके अलावा फायर विभाग की टीम भी निरीक्षण के लिए पहुंची. फिलहाल, मंगलवार को इमरजेंसी सेवा संचालित हो रही है. दूसरे तल पर मौजूद ईएनटी और मेडिसिन विभाग की ओपीडी को ग्राउंड तल पर कर दिया गया है. अस्पताल में मरीज दिखाने के लिए पहुंच रहे हैं. ओपीडी संचालित हो रही है. इमरजेंसी संचालित हो रही है. हालांकि, जांच बाधित हैं.
108 एम्बुलेंस सेवा को किया गया अलर्ट: बता दें कि घटना के बाद तत्काल एम्बुलेंस सेवा 108 को अलर्ट किया गया था. एम्बुलेंस सेवा प्रभारी सुनील यादव ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही कई एम्बुलेस को लोकबंधु रवाना किया था. मरीजों को शिफ्ट कराने में मदद की गई. 102 और 108 की तीन दर्जन से अधिक एंबुलेंस मरीजों को शिफ्ट कराने में लगाई गईं.
जनरल ओपीडी शुरू : लोकबंधु अस्पताल की डायरेक्टर संगीता गुप्ता ने बताया कि जनरल ओपीडी शुरू की गई है. मरीजों का सामान्य रूप से इलाज किया जा रहा है. अभी अस्पताल जांच बंद है. जल्द जांच भी शुरू होगी. बता दें कि आग की घटना के बाद मंगलवार सुबह बड़ी संख्या में मरीजों के पहुंचने के बाद जनरल ओपीडी शुरू हुई. जांच के लिए आईसीयू और पीएनसी वार्ड को अभी सील रखा गया. जांच टीम के आने तक बंद सुविधाएं रहेंगी.
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