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चतरा के रैयतों के अधिकारों पर डाका, 22 फर्जी कोल कर्मियों पर गिरी गाज, जांच में खुलासा - FRAUD IN CHATRA

चतरा में फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है. फर्जी तरीके से जमीन का मुआवजा और नियोजन पाने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.

FIR lodged against fake CCL employees
चतरा सीसीएल (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : April 1, 2025 at 5:07 PM IST

6 Min Read

चतरा: जिले के कोयलांचल टंडवा अंचल में सीसीएल के पिपरवार क्षेत्र में नियोजन और जमीन के मुआवजे में बड़ी अनियमितता की शिकायत के बाद सिमरिया एसडीओ सन्नी राज के नेतृत्व में उपायुक्त रमेश घोलप द्वारा गठित छह सदस्यीय टीम की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इसके बाद जांच टीम ने फर्जी तरीके से नौकरी व मुआवजा पाने वाले 22 सीसीएलकर्मियों व जांच के दायरे में आए अज्ञात सफेदपोश साजिशकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है.

साथ ही सीसीएल में जमीन के बदले नियोजन नीति के तहत नौकरी व मुआवजा पाने वालों की सूची तैयार कर उनके कागजात की दोबारा जांच की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. मामले में अनियमितता के खुलासे के बाद डीसी रमेश घोलप ने अंचल से जारी सभी नियोजन कागजात की जांच की जिम्मेदारी अपर महाधिवक्ता अरविंद कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम को सौंपी है.

जानकारी देते चतरा डीसी (Etv Bharat)

दरअसल, किसानों ने डीसी से शिकायत की थी कि टंडवा अंचल कार्यालय ने सीसीएल पिपरवार क्षेत्र के लिए जारी वंशावली, भूमि सत्यापन प्रमाण पत्र व भू नक्शा में छेड़छाड़ कर बाहरी लोगों से अवैध रूप से मोटी रकम वसूल कर मुआवजा व नियोजन नीति का लाभ दिया है.

इसके बाद डीसी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सिमरिया एसडीओ सन्नी राज के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम गठित कर आरोपों की उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया था. साथ ही इस फर्जीवाड़े में शामिल अधिकारियों व कर्मियों के साथ-साथ नियोजन नीति का लाभ उठाने वाले साजिशकर्ताओं पर भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया. इसके बाद टीम ने मामले की जांच की. सिमरिया एसडीओ के नेतृत्व में गठित जांच टीम द्वारा जांच रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी गई है. जांच रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.

टीम द्वारा सौंपे गए विस्तृत जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि टंडवा अंचल अधिकारी व कर्मियों ने सीसीएल पिपरवार के कर्मचारियों व पदाधिकारियों से मिलीभगत कर फर्जी वंशावली, फर्जी लगान रसीद, हुकुमनामा व फर्जी जमाबंदी निर्गत कर सीसीएल में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया है. इतना ही नहीं अंचल व सीसीएल कर्मचारियों व पदाधिकारियों ने साजिश के तहत अधिग्रहित क्षेत्र के बाहरी लोगों को पिपरवार क्षेत्र में नियोजन नीति के तहत मुआवजा व नियोजन का लाभ भी दिलाया है.

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अंचल कर्मचारियों ने क्षेत्र के गैर मजरुआ वाले खास खाता की जमीन का फर्जी लगान रसीद व हुकुमनामा तैयार कर गलत तरीके से जमीन का निबंधन कर लिया है. इतना ही नहीं अवैध जमाबंदी के आधार पर वंशावली तैयार कर बाहरी लोगों को नियोजन नीति व मुआवजा का लाभ दिया गया है. जांच टीम ने यह भी बताया है कि सीसीएल के अधिग्रहण क्षेत्र से बाहर के लोगों ने संगठित तरीके से फर्जी व मनगढ़ंत दस्तावेजों के आधार पर भूमि सत्यापन कराकर सीसीएल में फर्जी तरीके से नौकरी व मुआवजा प्राप्त किया है. फर्जी तरीके से सीसीएल में नौकरी प्राप्त करने वाले 22 लोगों की पहचान कर उन पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर सीसीएल में नौकरी व मुआवजा प्राप्त करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.

छह सदस्यीय जांच टीम द्वारा सौंपे गये जांच रिपोर्ट के अनुसार संबंधित परियोजनाओं में विभिन्न परियोजनाओं के तहत भूमि अधिग्रहण करने में सीसीएल ने बड़े पैमाने पर लापरवाही बरती है. जिसके कारण एक संगठित गिरोह द्वारा तैयार फर्जी कागजात व जाली हस्ताक्षर के साथ ही फर्जी जांच रिपोर्ट का प्रयोग कर संबंधित अधिकारियों व कर्मियों द्वारा विस्थापितों व परिवारों को दिए जाने वाले मुआवजा व नौकरी के प्रावधानों से लेकर प्रशासन व सीसीएल के साथ-साथ स्थानीय विस्थापितों को सुनियोजित तरीके से धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया है.

इतना ही नहीं इनके द्वारा क्षेत्र से बाहर के संगठित गिरोह के षडयंत्रकारी सफेदपोश लोगों को गलत तरीके से नौकरी व मुआवजा राशि दिलवाई गई है. जांच रिपोर्ट के अनुसार संगठित गिरोह द्वारा किए गए इस कृत्य में कुछ सरकारी कर्मचारियों व पदाधिकारियों के साथ-साथ सीसीएल के अधिकारियों व कर्मियों की संलिप्तता स्पष्ट रूप से साबित हुई है.

टंडवा क्षेत्र के सीसीएल के पिपरवार परियोजना में नौकरी व मुआवजा राशि वितरण में बड़े पैमाने पर हुए फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद उपायुक्त रमेश घोलप काफी सख्त नजर आ रहे हैं. डीसी ने फर्जीवाड़े में शामिल कर्मचारियों व पदाधिकारियों की पहचान कर उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करने के लिए अपर समाहर्ता अरविंद कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम का अलग से गठन किया है.

यह टीम अंचल कार्यालय के साथ समन्वय कर सभी संदिग्ध मामलों के दस्तावेजों का पुनः सत्यापन कर धोखाधड़ी के दोषी अन्य पदाधिकारियों व कर्मचारियों की पहचान करने के साथ ही फर्जी तरीके से सीसीएल में नौकरी पाने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने तथा दोषी सीसीएल कर्मचारियों व अधिकारियों की पहचान कर उनके विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करेगी. दस्तावेजों के सत्यापन के बाद टीम जांच रिपोर्ट डीसी को सौंपेगी.

डीसी ने कहा है कि जमीन के बदले नौकरी व मुआवजा से वंचित रह गए योग्य लाभुकों को नियमानुसार नौकरी व मुआवजा का लाभ दिलाने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह कृतसंकल्पित है. ऐसे गंभीर धोखाधड़ी के मामलों में संलिप्त व्यक्तियों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में इस गिरोह में शामिल सफेदपोश षड्यंत्रकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा.

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चतरा: जिले के कोयलांचल टंडवा अंचल में सीसीएल के पिपरवार क्षेत्र में नियोजन और जमीन के मुआवजे में बड़ी अनियमितता की शिकायत के बाद सिमरिया एसडीओ सन्नी राज के नेतृत्व में उपायुक्त रमेश घोलप द्वारा गठित छह सदस्यीय टीम की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इसके बाद जांच टीम ने फर्जी तरीके से नौकरी व मुआवजा पाने वाले 22 सीसीएलकर्मियों व जांच के दायरे में आए अज्ञात सफेदपोश साजिशकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है.

साथ ही सीसीएल में जमीन के बदले नियोजन नीति के तहत नौकरी व मुआवजा पाने वालों की सूची तैयार कर उनके कागजात की दोबारा जांच की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. मामले में अनियमितता के खुलासे के बाद डीसी रमेश घोलप ने अंचल से जारी सभी नियोजन कागजात की जांच की जिम्मेदारी अपर महाधिवक्ता अरविंद कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम को सौंपी है.

जानकारी देते चतरा डीसी (Etv Bharat)

दरअसल, किसानों ने डीसी से शिकायत की थी कि टंडवा अंचल कार्यालय ने सीसीएल पिपरवार क्षेत्र के लिए जारी वंशावली, भूमि सत्यापन प्रमाण पत्र व भू नक्शा में छेड़छाड़ कर बाहरी लोगों से अवैध रूप से मोटी रकम वसूल कर मुआवजा व नियोजन नीति का लाभ दिया है.

इसके बाद डीसी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सिमरिया एसडीओ सन्नी राज के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम गठित कर आरोपों की उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया था. साथ ही इस फर्जीवाड़े में शामिल अधिकारियों व कर्मियों के साथ-साथ नियोजन नीति का लाभ उठाने वाले साजिशकर्ताओं पर भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया. इसके बाद टीम ने मामले की जांच की. सिमरिया एसडीओ के नेतृत्व में गठित जांच टीम द्वारा जांच रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी गई है. जांच रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.

टीम द्वारा सौंपे गए विस्तृत जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि टंडवा अंचल अधिकारी व कर्मियों ने सीसीएल पिपरवार के कर्मचारियों व पदाधिकारियों से मिलीभगत कर फर्जी वंशावली, फर्जी लगान रसीद, हुकुमनामा व फर्जी जमाबंदी निर्गत कर सीसीएल में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया है. इतना ही नहीं अंचल व सीसीएल कर्मचारियों व पदाधिकारियों ने साजिश के तहत अधिग्रहित क्षेत्र के बाहरी लोगों को पिपरवार क्षेत्र में नियोजन नीति के तहत मुआवजा व नियोजन का लाभ भी दिलाया है.

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अंचल कर्मचारियों ने क्षेत्र के गैर मजरुआ वाले खास खाता की जमीन का फर्जी लगान रसीद व हुकुमनामा तैयार कर गलत तरीके से जमीन का निबंधन कर लिया है. इतना ही नहीं अवैध जमाबंदी के आधार पर वंशावली तैयार कर बाहरी लोगों को नियोजन नीति व मुआवजा का लाभ दिया गया है. जांच टीम ने यह भी बताया है कि सीसीएल के अधिग्रहण क्षेत्र से बाहर के लोगों ने संगठित तरीके से फर्जी व मनगढ़ंत दस्तावेजों के आधार पर भूमि सत्यापन कराकर सीसीएल में फर्जी तरीके से नौकरी व मुआवजा प्राप्त किया है. फर्जी तरीके से सीसीएल में नौकरी प्राप्त करने वाले 22 लोगों की पहचान कर उन पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर सीसीएल में नौकरी व मुआवजा प्राप्त करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.

छह सदस्यीय जांच टीम द्वारा सौंपे गये जांच रिपोर्ट के अनुसार संबंधित परियोजनाओं में विभिन्न परियोजनाओं के तहत भूमि अधिग्रहण करने में सीसीएल ने बड़े पैमाने पर लापरवाही बरती है. जिसके कारण एक संगठित गिरोह द्वारा तैयार फर्जी कागजात व जाली हस्ताक्षर के साथ ही फर्जी जांच रिपोर्ट का प्रयोग कर संबंधित अधिकारियों व कर्मियों द्वारा विस्थापितों व परिवारों को दिए जाने वाले मुआवजा व नौकरी के प्रावधानों से लेकर प्रशासन व सीसीएल के साथ-साथ स्थानीय विस्थापितों को सुनियोजित तरीके से धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया है.

इतना ही नहीं इनके द्वारा क्षेत्र से बाहर के संगठित गिरोह के षडयंत्रकारी सफेदपोश लोगों को गलत तरीके से नौकरी व मुआवजा राशि दिलवाई गई है. जांच रिपोर्ट के अनुसार संगठित गिरोह द्वारा किए गए इस कृत्य में कुछ सरकारी कर्मचारियों व पदाधिकारियों के साथ-साथ सीसीएल के अधिकारियों व कर्मियों की संलिप्तता स्पष्ट रूप से साबित हुई है.

टंडवा क्षेत्र के सीसीएल के पिपरवार परियोजना में नौकरी व मुआवजा राशि वितरण में बड़े पैमाने पर हुए फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद उपायुक्त रमेश घोलप काफी सख्त नजर आ रहे हैं. डीसी ने फर्जीवाड़े में शामिल कर्मचारियों व पदाधिकारियों की पहचान कर उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करने के लिए अपर समाहर्ता अरविंद कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम का अलग से गठन किया है.

यह टीम अंचल कार्यालय के साथ समन्वय कर सभी संदिग्ध मामलों के दस्तावेजों का पुनः सत्यापन कर धोखाधड़ी के दोषी अन्य पदाधिकारियों व कर्मचारियों की पहचान करने के साथ ही फर्जी तरीके से सीसीएल में नौकरी पाने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने तथा दोषी सीसीएल कर्मचारियों व अधिकारियों की पहचान कर उनके विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करेगी. दस्तावेजों के सत्यापन के बाद टीम जांच रिपोर्ट डीसी को सौंपेगी.

डीसी ने कहा है कि जमीन के बदले नौकरी व मुआवजा से वंचित रह गए योग्य लाभुकों को नियमानुसार नौकरी व मुआवजा का लाभ दिलाने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह कृतसंकल्पित है. ऐसे गंभीर धोखाधड़ी के मामलों में संलिप्त व्यक्तियों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में इस गिरोह में शामिल सफेदपोश षड्यंत्रकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा.

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