आगरा: ताजनगरी आगरा में फर्जी बैनामे से भूमि बेचने और जिल्द-बही से प्रपत्र गायब करने का एक और मामला सामने आया है. जिसमें घोखाधड़ी, कूटरचित प्रपत्र तैयार करने समेत अन्य धाराओं में तत्कालीन प्रभारी उप निबंधक पंचम, तहसील कर्मचारियों समेत आठ लोगों के विरुद्ध न्यायिक आदेश पर शाहगंज थाना में मुकदमा दर्ज किया गया है.
एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर मंगलवार को फर्जी बैनामा मामले में नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. इसमें साक्ष्य संकलन के बाद आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि आलमगंज, लोहामंडी निवासी प्रबल प्रताप सिंह ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया था. जिसमें मौजा बसई निवासी रफीक अहमद, सराय ख्वाजा निवासी समीर रजा खान, चावली, सदर निवासी देवेश कुमार शर्मा, मधु नगर निवासी अजय कुमार शर्मा, जेपी कालोनी वेस्ट अर्जुन नगर निवासी अशोक कुमार सिंह, उप निबंधक कार्यालय, सदर पंचम तहसील सदर के प्रभारी प्रकाश, नारायण और कार्यालय के तत्कालीन अधिकारी और कर्मचारियों को आरोपित बनाया था.
पीड़ित प्रबल प्रताप सिंह ने लोहामंडी थाना पुलिस को बताया कि सितंबर 1998 में 0.1397 हेक्टेयर भूमि को रफीक अहमद से 2.40 लाख रुपये में खरीदी थी. जिसके विक्रय में 20 हजार रुपये स्टांप शुल्क भी अदा किया था.
प्रबल प्रताप सिंह का आरोप है कि आरोपितों ने कूटरचित प्रपत्र तैयार करके मेरी संपत्ति नाविक सहकारी आवास समिति लिमिटेड के सचिव समीर रजा खान ने जून 2024 में देवेश कुमार शर्मा को बेच दी. जिसमें अजय कुमार और अशोक कुमार गवाह बने. फर्जी प्रपत्रों में समीर रजा खान ने संपत्ति को रफीक अहमद से अप्रैल 2003 में खरीदना दर्शाया.
इसके साथ ही विक्रय अनुबंध पत्र एवं बही संख्या उप निबंधक कार्यालय के किस कक्ष या तल पर पंजीकृत किया गया है. जिसकी कोई जिक्र नहीं था. ऐसे में रफीक अहमद से किस आधार पर विक्रय किया. इसका भी उल्लेख नहीं किया. जिसकी शिकायत करने पर उप निबंधक कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारियों ने इसकी जांच तक नहीं कराई थी. प्रबल प्रताप सिंह का आरोप है कि आरोपियों ने पत्रावलियों को गायब करके अभिलेखों में हेराफेरी की.
ये भी पढ़ेंः बुलाने पर नहीं आई तो अश्लील वीडियो किया वायरल; एक साल तक 4 लड़कों ने किशोरी को किया ब्लैकमेल