रतलाम: अब बड़े पर्दे की फिल्म रतलाम के स्थानीय कलाकार और निर्माता बना रहे हैं. बड़े पर्दे और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रतलाम में बनी आधा दर्जन फिल्में रिलीज भी हो चुकी हैं. जिसके बाद अब रतलाम के लोकल कलाकारों को लेकर बनाई फिल्म टेक्निकल टीचर बड़े पर्दे पर रिलीज होने जा रही है. बालिका शिक्षा और बाल विवाह विषय पर बनी फिल्म का फर्स्ट प्रीमियर में ही शहर के गणमान्य नागरिकों और प्रेस जगत के लोगों ने पसंद किया है. खास बात यह है कि फिल्म के डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, कलाकार, गायक और संगीतकार सहित संपूर्ण टीम रतलाम की ही है.
निर्माता-निर्देशक से लेकर सभी कलाकार स्थानीय
स्थानीय प्रतिभाओं को अब मुंबई या बड़े शहरों में जाने की बजाय रतलाम शहर में ही अभिनय, गायन और अन्य कलाओं के लिए अच्छे प्लेटफार्म मिल रहे हैं. रतलाम के फिल्म निर्माता हरीश दर्शन शर्मा, राजा कटारिया और राजेंद्र सिंह राठौर जैसे कई युवा और अनुभवी लोग फिल्म मेकिंग में रतलाम का नाम रोशन कर रहे हैं. इन फिल्मों को यहीं पर जुटाए गए संसाधनों और रिकॉर्डिंग स्टूडियो में बनाया गया है. वर्तमान में रतलाम के हरीश दर्शन शर्मा ने बालिका शिक्षा और बाल विवाह पर समाज को संदेश देने के लिए टेक्निकल टीचर नाम की फिल्म बनाई है, जिसमें स्थानीय कलाकारों को मौका दिया गया है. जिसमें यहां की स्थानीय कुमकुम शर्मा, नेहा पंवार, आकांक्षा शर्मा, प्रकाश गोलानी, मनोज जोशी, राजेंद्र व्यास, पवन मुजावदिया सहित कई कलाकारों ने जबरदस्त अभिनय का परिचय दिया है.
बालिका शिक्षा और बाल विवाह पर नई फिल्म
फिल्म के निर्माता निर्देशक हरीश दर्शन शर्मा ने बताया कि "यह एक दसवीं कक्षा की बालिका और शहर से ग्रामीण क्षेत्र में पढ़ाने आई शिक्षिका की कहानी है. कैसे एक शिक्षिका ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल का माहौल बदल देती है और समाज की कुरीतियों से भी लड़ती है." फिल्म में काम करने वाली स्थानीय कलाकार नेहा पंवार का भी कहना है कि "उन्हें रतलाम में रहकर ही अपनी कला और अभिनय का परिचय फिल्मी दुनिया से करने का अवसर मिला है. खासबात यह भी है कि अच्छे विषय की फिल्म बनाने के लिए करोड़ों रुपए के बजट की जरूरत नहीं होती है. सीमित संसाधनों में अच्छे विषय पर टेक्निकल टीचर जैसी फिल्म बनाकर यहां के फिल्म निर्माता ने यह साबित भी किया है."

रतलाम की फिल्मी दुनिया
बीते 20 सालों से रतलाम के अलग-अलग फिल्मकार फिल्म बनाकर रतलाम को फिल्मी दुनिया के नक्शे पर ला चुके हैं. जिसमें रतलाम के प्रमोद गुगालिया, राजा कटारिया, हरीश दर्शन शर्मा ,राजेंद्र सिंह राठौर और युवा पीढ़ी के हिमांशु श्रीवास्तव, कमलेश पाटीदार ,सुरेंद्र सिंह डोडिया एवं सुभाष पटेल शामिल हैं. रतलाम का अपना फिल्मीस्तान डेवलप कर रहे हैं. इन सभी फिल्मकारों की फिल्में दूरदर्शन, बड़े पर्दे और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो चुकी है. मालवा मराठा, बेखबर, स्ट्रीट सिंगर, मेरी शान है वर्दी, थारो म्हारो प्रेम, अहमियत और टेक्निकल टीचर यह उन फिल्मों के नाम हैं जो रतलाम में रतलाम के ही फिल्म निर्माताओं द्वारा बनाई गई है.

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छोटे शहर में भी बन सकती हैं बड़ी फिल्में
इन फिल्मकारों ने न केवल यह साबित किया है कि छोटे शहरों में भी बड़े पर्दे की फिल्में बनाई जा सकती हैं वहीं स्थानीय कलाकारों को एक प्लेटफार्म दिया है जो बॉलीवुड में जाकर अपनी प्रतिभा नहीं दिखा पाए. रतलाम में अलग-अलग निर्माताओं और संगीतकारों द्वारा रिकॉर्डिंग स्टूडियो और एडिटिंग स्टूडियो बनाए गए हैं. जहां फिल्मों की डबिंग से लेकर एडिटिंग और सभी तकनीकी कार्य किए जा रहे हैं.