नई दिल्ली: डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली (एयूडी) के करमपुरा परिसर में ग्लोबल स्टडीज में पढ़ रही छात्रा को चाकलेट का रैपर कक्षा में फेंकने पर सहपाठियों की प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा. कक्षा के बाद वाट्सअप ग्रुप पर छात्रा को अलग-अलग तरीके से मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया. इससे छात्रा की तबीयत बिगड़ गई और उसे स्वजन ने अस्पताल में भर्ती कराया. साथ ही पूरे मामले की शिकायत विश्वविद्यालय प्रशासन से की गई है. विश्वविद्यालय ने जांच के आदेश दिए हैं. छात्र संगठन एसएफआइ ने एबीवीपी के सदस्यों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है. एबीवीपी ने सारे आरोप मनगढ़ंत बताए हैं.
दरअसल, एयूडी के करमपुरा परिसर में शनिवार को ग्लोबल स्टडी दि्वतीय वर्ष में पढ़ने वाली छात्रा ने गलती से चॉकलेट का रैपर कक्षा में डाल दिया. इसके बाद सहपाठी छात्रों ने उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. उसे चॉकलेट रैपर उठाकर सफाई करने के लिए दबाव बनाया गया. कुछ छात्रों का कहना है कि छात्रा घबराकर सफाईकर्मी को बुलाने गई तो फिसलकर गिर गई और उसके पांव में चोट आ गई. इसके बाद वह घर चली गई. लेकिन, घर जाने पर कक्षा के वाट्सअप ग्रुप पर तरह-तरह के संदेश भेजकर व मीम्स बनाकर उसे प्रताड़ित किए जाने लगा. एक छात्रा नादिया ने बताया कि रात में एक नया नंबर ग्रुप पर जोड़ा गया. उसके जरिये मीम्स बनाकर छात्रा को प्रताड़ित किया गया. इससे वह परेशान हो गई. वह अपनी मां के साथ रहती है.
एयूडी प्रशासन को शिकायत: नादिया ने आरोप लगाया कि छात्रा ने खुदकुशी की कोशिश की. हालांकि, पुलिस ने कोई शिकायत मिलने से इन्कार किया है. छात्रा की तबीयत बिगड़ने पर उसकी मां उसे नजदीकी अस्पताल में लेकर पहुंची. जहां उसको उपचार दिया गया. इसके बाद ई-मेल के जरिये एयूडी प्रशासन को शिकायत भेजी गई. नादिया ने कहा कि कुछ सहपाठी छात्रा को पसंद नहीं करते और हर बार उसे निशाना बनाते हैं. बहाना ढूंढ़कर उसे परेशान करते हैं.
स्टूडेंट्स फेडरेशन आफ इंडिया (एसएफआइ) ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों पर प्रताड़ना में शामिल होने का आरोप लगाया है. एबीवीपी दिल्ली के प्रदेश मंत्री सार्थक शर्मा ने कहा कि एयूडी में घटित हुई घटनाओं को लेकर एसएफआइ द्वारा एबीवीपी पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से गलत एवं छात्रों को भ्रमित करने वाले हैं.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हमेशा से किसी भी परिसर में एक स्वस्थ एवं तनावमुक्त शैक्षणिक वातावरण के लिए प्रतिबद्ध रही है, ऐसे में हर परिसर से विलुप्त हो रहे अस्तित्वविहीन वामपंथी संगठन एसएफआइ का आरोप लगाना एबीवीपी की छवि को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास मात्र भर है, जिसकी हम कड़ी निंदा करते हैं. पूरे घटनाक्रम की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए. एयूडी प्रशासन ने आधिकारिक तौर पर ई-मेल से शिकायत मिलने की पुष्टि की है. एक बयान में कहा है कि प्राक्टोरियल बोर्ड को जांच के आदेश दिए गए हैं. जांच के बाद दोषी छात्रों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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