राजनांदगांव: इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ को नया कुलपति मिल गया है. राज्यपाल रमेन डेका और कुलाधिपति ने प्रोफेसर लवली शर्मा को विश्वविद्यालय का नया कुलपति नियुक्त किया है. लवली शर्मा संगीत में डॉक्टर इन लिटरेचर की मानद उपाधि से सम्मानित हैं. प्रोफेसर लवली शर्मा की यह नियुक्ति विश्वविद्यालय अधिनियम 1956 (संशोधन) और 2021 की धारा 12 (1) के अंतर्गत हुई है.
लवली शर्मा बनीं कुलपति: खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय पिछले कुछ सालों से विवादों में घिरा रहा है. आरोप है कि पूर्व कुलपति डॉ ममता चंद्राकर के कार्यकाल से ही विश्वविद्यालय की कार्यशैली सवालों में घिरती रही है. आरोप है कि पूर्व कुलपति के पास पद के मुताबिक जरुरी योग्यता जो कम से कम दस सालों का होता है उससे कम का अनुभव रहा. आरोप ये भी है कि इसके बावजूद उनको इस पद पर नियुक्त किया गया. उनकी नियुक्ति की आलोचना भी होती रही.

पूर्व कुलपति डॉ ममता चंद्राकर: पूर्व कुलपति के कार्यकाल के बाद विश्वविद्यालय में पर्मानेंट कुलपति की नियुक्ति नहीं हुई थी. कई महीनों से कुलपति का प्रभार संभागायुक्त के पास था. जिससे विश्वविद्यालय प्रशासन में स्थायित्व की कमी महसूस की जा रही थी. ऐसे में प्रोफेसर लवली शर्मा की नियुक्ति को विश्वविद्यालय के लिए एक बढ़िया कदम के तौर पर देखा जा रहा है.
कौन हैं संगीत महाविद्यालय की नई कुलपति: वर्तमान में प्रोफेसर लवली शर्मा दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट,आगरा में प्रोफेसर के पद पर काम कर रही हैं. प्रोफेसर लवली शर्मा का संगीत के क्षेत्र में लंबा अनुभव है. संगीत के क्षेत्र में उनकी डिग्री और संगीत से जुड़ा तजुर्बा काफी ज्यादा है. प्रोफेसर लवली शर्मा सितार वादन के क्षेत्र में पढ़ाने का लंबा अनुभव रखती हैं. प्रोफेसर लवली शर्मा संगीत के अलावा कई और क्षेत्रों में सक्रिय हैं. लवली शर्मा चिकित्सा, संगीत से इलाज(म्यूजिक थेरेपिस्ट), संगीत की पढ़ाई, संगीत से जुड़े घरानों की जानकारी, लोक परंपरा पर अच्छी पकड़ रखती हैं. इन विषयों से जुड़े उनके 26 रिसर्च और 7 किताबें भी प्रकाशित हो चुकी हैं. सितार की मैहर परंपरा में प्रोफेसर लवली शर्मा ने प्रशिक्षण भी लिया है.

राजभवन का आदेश: राजभवन की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि उनका कार्यकाल विश्वविद्यालय अधिनियम और परिनियमों के अनुसार ही होगा. राजभवन की ओर से जारी आदेश की कॉपी मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा सचिव, दुर्ग संभागायुक्त और विश्वविद्यालय के कुलसचिव को भेज दिया गया है.