देवघर: यहां की पुनासी जलापूर्ति परियोजना कई दशकों से क्रियान्वित है. वर्ष 1982 में इस परियोजना की शुरुआत की गई थी लेकिन अभी तक यह प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाया है. एकीकृत बिहार सरकार के समय में ही यह परियोजना शुरू हुई थी, लेकिन बिहार सरकार के बाद झारखंड राज्य का भी गठन हो गया. लेकिन अभी तक यह प्रोजेक्ट अधूरा पड़ा है.
पुनासी के निवासी एवं राजद के वरिष्ठ कार्यकर्ता हैदर खान बताते हैं कि करीब 30 करोड़ से शुरू हुई यह परियोजना पिछले चार दशक में करीब साढ़े तीन हजार करोड़ के एस्टीमेट तक पहुंच चुकी है. लेकिन लोगों को इसका लाभ अभी भी नहीं मिल रहा है. उन्होंने बताया कि आए दिन जिले के अधिकारी पुनासी जल परियोजना में विस्थापित हुए लोगों की समस्या सुनते हैं और सिर्फ आश्वासन देते रहते हैं. पुनासी विस्थापित समन्वय समिति के वरिष्ठ सदस्य सैयद खान बताते हैं कि पिछले चालीस वर्षों से ज्यादा समय से यह डैम बनाया जा रहा है. चालीस वर्षों में करीब आठ सौ परिवार के लोगों की जमीन अधिग्रहण की गई लेकिन अधिग्रहण के बदले सिर्फ पांच सौ परिवार के लोगों को ही पुनः विस्थापित किया गया है बाकी परिवार के लोग आज भी मुआवजे के लिए भटक रहे हैं.
ईटीवी भारत की टीम ने जब स्थानीय लोगों से बात की तो लोगों ने कहा कि जमीन अधिग्रहण कर ली गई है, लेकिन अभी तक कई लोगों को जमीन के पैसे नहीं मिले हैं. वहीं स्थानीय एवं वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता विजय यादव ने बताया कि पुनासी जलापूर्ति योजना में सबसे ज्यादा प्रभावित पड़रिया, पुनासी और तेतरिया गांव के लोग हुए हैं. उन्होंने कहा कि शुरुआत के दौर में यह कहा गया था कि जिनकी भी जमीन पुनासी जलापूर्ति योजना में ली जा रही है, उस परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी दी जाएगी. लेकिन अभी तक किसी भी विस्थापित को नौकरी नहीं मिली है.

इसे लेकर देवघर के पूर्व विधायक एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता नारायण दास ने कहा कि यह योजना में देरी होने का मुख्य कारण विपक्ष ही है. वह जब विधायक थे तो कई बार विधानसभा में पुनासी जलापूर्ति योजना की समस्या को उठाए थे. लेकिन झामुमो, राजद और कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि एकीकृत बिहार में जब लालू यादव मुख्यमंत्री हुआ करते थे और सिंचाई मंत्री जयप्रकाश यादव हुआ करते थे तो उस वक्त यह काम पूरा हो सकता था लेकिन इस पर सिर्फ राजनीति होती है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पुनासी प्रोजेक्ट पर कभी भी राजनीति नहीं की है इसीलिए आने वाले वक्त में वह पुनासी में विस्थापितों और सिंचाई एवं पेयजल के काम को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए आवाज उठाते रहेंगे.
बता दें कि यह परियोजना पूरी होने के बाद देवघर, सारवा, मोहनपुर, सरैयाहाट व सोनारायठाढी के किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिल पाएगा. वहीं सिंचाई के साथ-साथ शहरी क्षेत्र में पीने की हो रही दिक्कतों में भी खासी कमी आएगी.
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