पूर्णिया: बिहार में अक्सर पुल और पुलिया के निर्माण को लेकर भ्रष्टाचार और लापरवाही की खबरें सामने आती रही हैं, लेकिन इस बार मामला कुछ अलग है. मामला पूर्णिया जिले के नगर निगम क्षेत्र से जुड़ा हुआ है.
कारी कोसी बनी समस्या: रहमतनगर वार्ड-4 के रहने वाले स्थानीय लोग बताते हैं कि कारी कोसी नदी उनके लिए समस्या का कारण है. बताते हैं कि नदी के ओर उनलोगों की 200 बीघा भूमि खेती के लिए है, जहां पहुंचने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बारिश में लोग खेत में नहीं जा पाते हैं.
सांसद विधायक ने नहीं बनवाया पुल: लोग बताते हैं कि रोज-रोज जान जोखिम में डालकर खेत जाना पड़ता है. स्थानीय किसान बताते हैं कि इन समस्या से लंबे समय से जूझ रहे हैं, लेकिन नेताओं की ओर से सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. सांसद विधायक ने कारी कोसी नदी पर पुल निर्माण की मांग की लेकिन काम नहीं हुआ. इसी सब समस्या को देखते हुए स्थानीय लोगों ने एक फैसला लिया.
80 प्रतिशत पुल निर्माण पूरा: स्थानीय 100 से अधिक किसानों ने चंदा इकट्ठा करना शुरू किया. चंदा इक्ट्ठा करने के बाद खुद से नदी पर पुल बनाने का निर्णय लिया. सभी किसान ने अपनी हैसियत के अनुसार 50 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक चंदा लिया. इस चंदा से पुल निर्माण का 80 प्रतिशत काम पूरा हो गया. 20 प्रतिशत काम बचा है, जिसे पूरा करना है.

जेसीबी लेकर पहुंचा प्रशासन: हालांकि स्थानीय लोग बताते हैं कि जिला प्रशासन इस पुल को अवैध बता रहा है. नगर निगम को जैसे ही पुल निर्माण की सूचना मिली प्रशासन जेसीबी लेकर पुल तोड़ने के लिए पहुंच गए. इसपर किसान आक्रोशित हो गए और पुल तोड़ने का विरोध करने लगे.
किसानों को मिलेगी मदद: लोगों ने कहा कि यह पुल किसानों के लिए एक वरदान है. कहा कि सरकार ने तो नहीं बनाया लेकिन हमलोगों ने बनाया तो उसे तोड़ने की कोशिश की जाती है. बारिश के समय में उस पार जाने में काफी समस्या होती है. समाजसेवी कहते हैं कि यह पुल पैदल चलने के लिए बनाया गया है. इससे किसानों को मदद मिलेगी.

"कारी कोसी नदी की धार पर यह पुल बनाया गया है. बारिश के दौरान नदी में पानी बढ़ जाती है तो लोग और मजदूर खेत में नहीं जा पाते हैं. दोगुना मजदूरी देने के बाद भी नहीं जाते. इसलिए पुल निर्माण का फैसला लिया गया. लोगों ने चंदा देकर पुल बनवाया." -स्थानीय लोग
चंदा कर बनवाया पुल: लोग बताते हैं कि इस नदी को पार करने में कई बार हादसे भी हो चुके है. कई लोग डूब चुके हैं. घटना के बाद स्थानीय प्रशासन भी आते हैं. लोग लंबे समय से यहां पुल बनाने की मांग कर रहे हैं जब प्रशासन ने नहीं बनाया तो चंदा इकट्ठा कर पुल बनाया.
जांच का विषय: स्थानीय वार्ड पार्षद बताते हैं कि जिस जगह पर पुल बना है, वहां 300 से 400 बीघे खेती की जमीन है. खेत से पहले नदी पड़ती है. लोगों को आने जाने में समस्या है. ग्रामीण कहते हैं कि वे लोग खुद के चंदा से पुल बनवा रहे हैं. इसमें कितनी सच्चाई है ये जांच का विषय है.
"प्रशासन इसकी जांच कर रही है. ग्रामीण कहते हैं कि वे लोग निजी जमीन में पुल बनवा रहे हैं. इसकी जांच होगी तो मामला साफी होगा की क्या मामला है?" -राजीव राय, वार्ड पार्षद
जांच में खुलासा: वहीं नगर आयुक्त कहते हैं कि जिला प्रशासन की ओर से इसकी जानकारी दी गयी थी. नगर आयुक्त ने बताया कि वार्ड नंबर 4 बिनटोली शमशान घाट पर एक अवैध रूप से पुल निर्माण की जानकारी मिली. इसकी जांच करायी गयी है.

अवैध तरीके से पुल का निर्माण: देखने से प्रतीत हो रहा है पुल नदी की धार पर बनाया गया है. इसकी जानकारी जल संसाधन विभाग को भी दी गयी थी जिसमें अनभिज्ञता जाहिर की गयी. कहा कि नगर निगम प्रशासन को दिए बिना अवैध तरीके से पुल का निर्माण किया गया है.
"अमीन को नक्शा के अनुरूप मांपी कर रिपोर्ट की मांग की है. अगर निजी जमीन पर है तो कागजात प्रस्तुत करें. जल संसाधन विभाग से जब इस बात की जानकारी ली गई तो उन्हें भी इस बात की जानकारी नहीं है. इसपर प्रशासन जांच करेगी. नदी बीचो-बीच बने यह पुल पूरी तरह अवैध है. इसलिए कार्रवाई की जा रही है." -कुमार मंगलम, नगर आयुक्त
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