कोरबा: शहर से दूर जिले के वनांचल ब्लॉक करतला के किसान खूबसूरत कमल फूल की खेती कर रहे हैं. बांधापाली के पास गांव किनारा में दूर से ही एक गुलाबी रंग का तालाब दिखता है. इस गांव के किसान अपने तालाब में कमल के फूल की खेती कर रहे हैं.
कमल के पत्ते, बीज और जड़ तक उपयोगी: सामान्य तौर पर किसी भी तरह की फसल को लगाने से जितना फायदा किसानों को होता है, उससे तीन गुना अधिक मुनाफा कमल फूल की खेती से किसान अर्जित कर सकते हैं. कमल फूल को बेहद शुभ और पूजा में उपयोग होने वाले फूल के तौर पर देखा जाता है. इसके पत्तों से लेकर बीज भी और जड़ तक में औषधीय गुण होते हैं.
3 साल से कर रहे हैं फूलों की खेती, सब्जी के तौर पर भी इस्तेमाल: किसान दिनेश ने बताया कि वह पिछले तीन साल से विभिन्न प्रकार के फूलों की खेती कर रहे हैं. पिछले तीन वर्ष से कमल के फूल की खेती भी शुरू की है. कमल फूल की मार्केट में अच्छी खासी डिमांड रहती है. खासतौर पर दिवाली और इसके आसपास कमल फूल की मांग बढ़ जाती है. कमल के फूल के तने और जड़ को सब्जी के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.

एक फसल, तीन गुना मुनाफा: कमल के फूल में से कमल गट्टा भी प्राप्त होता है. यह मार्केट में काफी अच्छे दाम पर बिकता है. कमल फूल की खेती करने से किसान को एक ही फसल से तीन गुना अधिक मुनाफा हो रहा है.

ग्रामीण करते हैं मदद: कमल फूल को लेकर एक कहावत है कि 'कीचड़ में ही कमल खिलता है', लेकिन इसकी सुनियोजित खेती के लिए तालाब के आसपास का वातावरण कुछ स्वच्छ भी होना चाहिए. कमल फूल की खेती को अंजाम तक पहुंचने में गांव घिनारा के ग्रामीण भी सहयोग करते हैं. वह तालाब में निस्तार के लिए जरूर आते हैं, लेकिन कमल फूलों को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते और तालाब को स्वच्छ रखने में भी गांव वाले मदद करते हैं? जिसके कारण ही इस तालाब में कमल फूल की खेती संभव हो रही है.
कमल फूल से कई तरह के फायदे: कमल के फूल से कई प्रोडक्ट मिलते हैं, जिनमें फूल, पत्तियां, बीज और भूमिगत तने (मृणाल) प्रमुख हैं. इन सभी का उपयोग भोजन, औषधि और धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है. कमल फूल की जड़ों को काटकर सलाद या अन्य व्यंजनों में भी इस्तेमाल किया जाता है. कमल के पत्तों का उपयोग भोजन को लपेटने के लिए भी किया जाता है. वर्तमान परिवेश में शहरवासी कमल फूल संयोगवश ही देख पाते हैं लेकिन ग्रामीण परिवेश में इसकी सुनियोजित खेती की जा रही है.
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