फरीदाबादः जिले के किसान विष्णु नेपियर घास की खेती कर इन दिनों चर्चा में हैं. मामूली लागत में उगने वाली नेपियर घास से एक ओर जहां किसान मालामाल हो रहे हैं. वहीं पशु सेहतमंद हो रहे हैं. प्रति एकड़ 15 से 20 हजार की लागत में 10 साल तक हरे चारे का उत्पादन हो रहा है. किसान अगर खुद के पशुओं के लिए नेपियर की खेती करें तो 50 पैसे प्रति किलो से भी कम लागत है. एक एकड़ नेपियर घास से 25-30 पशुओं को साल भर पशु चारा मिलेगा.
सस्ते में सालों भर हरा चाराः नेपियर घास कई मायनों में फायदेमंद है. खासकर पशुपालन करने वाले किसानों के लिए. यह एक तेजी से बढ़ने वाली घास है जो प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होती है. इससे पशुओं का वजन बढ़ता है और दूध उत्पादन में सुधार होता है. किसान विष्णु ने कहा कि अगर आप पशुओं को भूसा खिलाएंगे तो वह आपको 15 से 20 रुपए किलो पड़ता है. वहीं आपको यह घास सस्ती पड़ेगी.
सालाना 400 क्विंटल घास का होता है उत्पादनः इसकी खासियत है कि यह केवल पानी के सहारे 20-25 दिनों में तैयार हो जाती है. एक एकड़ से लगभग 300-400 क्विंटल घास का उत्पादन होता है. कटाई के बाद इसकी शाखाएं स्वतः फिर से उगने लगती हैं. इस घास के खाने के बाद गाय अपना दूध का उत्पादन बढ़ा देती है. नेपियर घास को मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और मिट्टी के कटाव को कम करने के लिए सीमांत भूमि और ढलानों में लगाया जाता है. किसान विष्णु ने बताया कि यह कई क्षेत्रों में कागज उत्पादन का मुख्य स्रोत भी है. नेपियर घास का उपयोग मुख्य रूप से मक्का और ज्वार उत्पादक क्षेत्रों में एकीकृत कीट प्रबंधन रणनीति में भी किया जाता है.
नेपियर घास से लाभ
- एक बार बिजाई करें 10 साल तक फसल काटें
- इससे 12 माह हरा चारा मिलता है
- एक एकड़ में 15-20 हजार की लागत
- एक एकड़ में सालाना 2 लाख से ज्यादा आय
- एक एकड़ से साल भर 30 पशुओं के चारा
- एक साल में 6-7 बार फसल की कटाई
- नेपियर घास बीमारी मुक्त है
- मौसम की मार से नेपियर घास मुक्त है
- किसान को प्रति किलो चारा पर लागत 50 पैसे से कम
- भूसा 15 रुपये प्रति के अनुपात में काफी सस्ता
- पशुओं के लिए यह पौष्टिक आहार है
- नेपियर घास को पशु चाव से खाते हैं
- इसमें विटामिन, खनीज सहित अन्य पोषक तत्वों से भरपूर है
- पशुपालन में लागत में कमी
- कम पानी में बेहतर उत्पादन