बक्सर: बिहार के बक्सर में चौंकाने वाला मामला सामने आया, जब पुलिस लाइन में गृह रक्षक भर्ती के दौरान एक फर्जी दरोगा को गिरफ्तार किया गया. ये शख्स खुद को भोजपुर जिले के साइबर थाने का सब इंस्पेक्टर बताकर पुलिस केंद्र में प्रवेश करने का प्रयास कर रहा था. उसने पुलिसकर्मियों को भ्रमित करने और रौब झाड़ने की कोशिश की, लेकिन ड्यूटी पर तैनात जवान की सतर्कता और वरीय अधिकारियों की त्वरित कार्रवाई के कारण असलियत सामने आ गई.
कौन है फर्जी दारोगा: जांच में फर्जी दारोगा का असली नाम मोहम्मद ध्यानचंद अली निकला, जो बक्सर के नावानगर थाना क्षेत्र के शिवपुर (केसठ) गांव का निवासी है. घटना बीते 30 मई सुबह करीब 5 बजे की है. बक्सर पुलिस लाइन के गेट नंबर 01 पर ड्यूटी पर तैनात जवान अजय कुमार ने एक शख्स को एक अभ्यर्थी के साथ गृह रक्षक भर्ती कैंप में प्रवेश करने से रोक दिया था.
फर्जी दारोगा झार रहा था रौब: बताया जा रहा है कि शख्स खुद को भोजपुर साइबर थाने का सब इंस्पेक्टर मोहम्मद अली बताकर रौब दिखाने लगा. जवान ने सूझबूझ दिखाते हुए उसे कंट्रोल रूम में बिठाया और वरीय अधिकारियों को सूचना दी. पूछताछ में संदिग्ध ने पहले पुलिस केंद्र परिसर की तस्वीरें चोरी-छिपे अपने मोबाइल से खींची थी और फिर पंडाल तक पहुंच गया, जहां कई वरीय अधिकारी मौजूद थे.
फर्जी दारोगा के भ्रामक दावे: जब अधिकारियों को संदेह हुआ, तो उन्होंने कड़ाई से पूछताछ शुरू की. शुरुआत में संदिग्ध ने खुद को "अमीर सुबहानी" और "संख्यायिक पदाधिकारी भोजपुर" बताया, लेकिन गहन पूछताछ में उसने अपना असली नाम मोहम्मद ध्यानचंद अली स्वीकार किया. जांच से स्पष्ट हुआ कि वह न तो पुलिसकर्मी है और न ही किसी सरकारी पद पर कार्यरत है. उसने फर्जी तरीके से पुलिस अधिकारी बनकर पुलिसकर्मियों और अभ्यर्थियों को धमकाने और भ्रमित करने की कोशिश की थी.
शख्स के पास से क्या कुछ हुआ बरामद: पुलिस ने मोहम्मद ध्यानचंद अली को हिरासत में लेने के बाद उसकी तलाशी ली, जिसमें उसके पास से दो मोबाइल फोन और एक स्मार्ट वॉच बरामद हुई. उसे मुफस्सिल थाने को सौंप दिया गया, जहां उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. इसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. इटाढ़ी गुमटी प्रभारी चंदन कुमार ने पुष्टि की कि इस मामले की गहन जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसका पुलिस केंद्र में प्रवेश करने और तस्वीरें लेने का असली मकसद क्या था.
"इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है. वो पुलिस केंद्र में पहुचकर, वहां की तस्वीर लेने और खुद को पुलिस अधिकारी क्यों बता रहा था इसकी जांच की जा रही है. घटना के पीछे की असली वजह क्या है? इसका पता लगाया जा रहा है."- चंदन कुमार, गुमटी प्रभारी, इटाढ़ी
बिहार में फर्जी अधिकारियों की बाढ़: यह कोई पहला मामला नहीं है जब बिहार में फर्जी पुलिस अधिकारी पकड़ा गया हो. हाल के समय में बिहार के विभिन्न जिलों से ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां लोग खुद को दारोगा, डीएसपी या एसपी बताकर लोगों को ठगने और धमकाने की कोशिश करते हैं. भोजपुर जिले में भी हाल ही में एक फर्जी दरोगा राकेश कुमार सिंह को गिरफ्तार किया गया था, जो डेढ़ साल तक रोहतास और भोजपुर में लोगों को धोखा देता रहा.
पुलिस की सतर्कता और आगे की जांच: बक्सर पुलिस की त्वरित कार्रवाई और जवान अजय कुमार की सतर्कता ने इस फर्जी दरोगा को समय रहते पकड़ लिया, जिससे कोई बड़ा नुकसान होने से बच गया. पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि मोहम्मद ध्यानचंद अली का इस तरह की गतिविधियों में पहले भी कोई इतिहास रहा है या नहीं. इस घटना ने पुलिस प्रशासन को और सतर्क रहने के लिए प्रेरित किया है.
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