टोंक : जलझूलनी एकादशी पर नवाबी शहर टोंक में मंदिरों से ठाकुर जी के बयाण मेला स्थल चतुर्भुज तालाब के लिए गली-मोहल्लों से होकर गाजे बाजे के साथ निकले और जल विहार किया. टोंक में सालों से आयोजित होते आए इस मेले में सबसे अलग रुतबा होता है लाल बत्ती लगे काला बाबा के डोले का, जिसे कोतवाल साहब का डोला भी कहा जाता है. युवाओं के जोश का प्रतीक यह डोला अलग ही अंदाज में भागता दौड़ता और आकर्षण का केंद्र होता है. इसके लिए कोई नियम नहीं होता है.
एक ओर जहां शहर के सभी मंदिरों के डोले एक लाइन में कतार बंद चलते हुए जल विहार करते हैं. वहीं, दूसरी ओर काला बाबा का डोला कभी आगे कभी पीछे, कभी इधर और कभी उधर भागता नजर आता है. इसके साथ ऊर्जावान युवाओं की पूरी एक फौज होती है, जो कभी जोश कम नहीं होने देती है. मेले के अवसर पर चतुर्भुज तालाब में हजारों श्रदालुओं की भीड़ उमड़ी और तालाब पर ठाकुर जी को जल विहार करवाया गया.
भगवान श्रीकृष्ण की श्याम रंग मूर्ति : ग्रामीण मोहनलाल शर्मा के अनुसार पुरानी टोंक काला बाबा क्षेत्र में स्थित मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की श्यामवरण प्रतिमा के कारण ही इस क्षेत्र का नाम काला बाबा मोहल्ला पड़ा. हर साल यहां इसी हैरतअंगेज करतब के बावजूद देव विमान में विराजमान की जाने वाले ठाकुरजी की प्रतिमा नीचे नहीं गिरी. चमत्कार के कारण काला बाबा कोतवाल देव विमान अपनी पहचान रखता है. यह सबसे आगे चलता है, जो मुखिया की भूमिका निभाता है. लोग इसे कोतवाल डोला कहने लगे और यह नाम चर्चित हो गया. इसी दौरान पुलिस कप्तान की तरह इस डोले पर भी लाल बत्ती लगा दी।
यह है परंपरा : जलझूलनी एकादशी पर शहर में सामूहिक रूप से डोल (देव विमानों) की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली जाती है. दोपहर बाद विभिन्न मंदिरों से देव विमानों को सजाकर लोग गाजे-बाजे के साथ निकालते हैं. ऐतिहासिक चतुर्भुज तालाब की पाल स्थित चारभुजनाथ मंदिर से जुड़े रोहिताश्व कुमावत ने बताया कि पुरानी टोंक के काला पंचकुइयां दरवाजा क्षेत्र में एकत्रित होकर चतुर्भुज तालाब पहुंचते हैं. वहां ठाकुरजी को स्नान करवाया जाता था. इसके बाद आरती होती है. जलझूलनी एकादशी पर शहर के विभिन्न मंदिरों से देव-विमान निकलते हैं और उन्हें देखने के लिए मेला लगता है.
सुरक्षा के माकूल इंतजाम : एडिशनल एसपी ज्ञान प्रकाश ने बताया कि टोंक में आयोजित मेले में एक ओर जहां हर ठाकुर जी के डोले के साथ पुलिस के जवान चले और गली मोहल्लों से लेकर चौराहों ओर मेला स्थल पर पुलिस का भारी जाप्ता तैनात किया गया. वहीं, मेला स्थल चतुर्भुज तालाब से लेकर शहर के रास्तों पर ड्रोन उड़ाकर रास्ते के मकानों की छतों को चेक किया गया. इसके साथ ही टोंक मेला स्थल पर इस बार चतुर्भुज तालाब में पानी अधिक होने पर SDRF के 10 सदस्यों की एक टीम मोटर बोट और अन्य संसाधनों के साथ तैनात नजर रही.