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गहलोत बोले-वसुंधरा में ईमानदारी है तो ईआरसीपी का सच सामने लाएं, वे सिर्फ झालावाड़ की बात करें, यह ठीक नहीं - GEHLOT TARGETS VASUNDHARA RAJE

पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने वसुंधरा राजे के झालावाड़ में पानी की किल्लत को लेकर दिए बयान पर नाराजगी जाहिर की है.

Ashok Gehlot and Tikaram Jully meeting people
लोगों से मिलते अशोक गहलोत और टीकाराम जूली (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : April 11, 2025 at 1:51 PM IST

5 Min Read

जयपुर: राजस्थान में गर्मी के तल्ख होते तेवर के बीच पानी की किल्लत के मुद्दे पर सियासी पारा उफान पर है. वसुंधरा राजे ने झालावाड़ में पानी की किल्लत के मुद्दे को लेकर अफसरशाही को फटकार लगाते हुए सरकार पर निशाना साधा है. अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह कहकर वसुंधरा राजे पर निशाना साधा कि वे दो बार सीएम रही हैं. उनका केवल झालावाड़ की बात करना सही नहीं है. उन्हें तो ईआरसीपी-पीकेसी (अब रामसेतु) परियोजना का सच सबके सामने लाना चाहिए. गहलोत ने जयपुर में मीडिया से मुखातिब होते हुए यह बात कही है. दरअसल, अशोक गहलोत और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली शुक्रवार को ज्योतिबा फुले जयंती पर सहकार भवन स्थित ज्योतिबा फुले की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे थे.

गहलोत क्यों बोले, वसुंधरा दिखाए राजनीतिक ईमानदारी (ETV Bharat Jaipur)

वसुंधरा को पता है नए एमओयू में दम नहीं: मीडिया के सवाल के जवाब में गहलोत ने कहा, वसुंधरा राजे दो बार सीएम रही हैं. उन्होंने पूरी स्टडी की है. उन्हें पता है कि ईआरसीपी-पीकेसी का जो नया एमओयू हुआ है. उसमें कोई दम नहीं है. गहलोत बोले- उनकी वसुंधरा राजे से शिकायत है कि वे दो बार सीएम रहीं और अब केवल झालावाड़ की बात कर रही हैं, यह गलत है. अगर उनमें राजनीतिक ईमानदारी है, तो प्रेस कांफ्रेंस कर ईआरसीपी-पीकेसी के नए एग्रीमेंट की सच्चाई सबको बतानी चाहिए.

पढ़ें: मदन राठौड़ का बयान, 'वसुंधरा राजे ने गलत बात नहीं कही, अधिकारी के बचाव में कार्यकर्ताओं को डैमेज नहीं करेंगे'

गहलोत ने यह भी कहा कि वसुंधरा राजे को यह भी साफ करना चाहिए कि उन्होंने (वसुंधरा राजे ने) ईआरसीपी का जो मसौदा तैयार करवाया था. उसमें ज्यादा दम था या अब जो पीकेसी (रामसेतु) के नाम से समझौता हुआ है. उसमें ज्यादा दम है. गहलोत ने आगे कहा कि वसुंधरा राजे के समय बनी ईआरसीपी परियोजना में हमारी सरकार ने कोई छेड़छाड़ नहीं की थी और उसी प्रस्ताव को आगे बढ़ाया था. उनमें राजनीतिक ईमानदारी है तो वे पूरे राजस्थान की बात करें, सिर्फ झालावाड़ की बात नहीं करें.

पढ़ें: वसुंधरा के भजनलाल सरकार पर हमले के बाद केंद्र का एक्शन, तत्काल मांगी रिपोर्ट - WATER PROBLEM CONTROVERSY

सरकार खुद मान रही 9 साल कुछ नहीं होगा: ईआरसीपी-पीकेसी (रामसेतु) जल परियोजना के मुद्दे पर अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार को भी आड़े हाथ लिया है. उन्होंने कहा ईआरसीपी जिसे पहले पीकेसी और अब रामसेतु नाम दिया गया है. यह सब बकवास है. सरकार खुद यह स्वीकार कर रही है कि अगले 9 साल तक तो कुछ होने वाला नहीं है. फिर नाम बदलकर जनता को क्यों बेवकूफ बनाया जा रहा है.

पढ़ें: पेयजल संकट पर अधिकारियों पर बरसीं वसुंधरा राजे, बोलीं- पीएम ने दिए 42 हजार करोड़, पाई-पाई का हिसाब दो - VASUNDHRA RAJE ON PHED

छुआछूत पर अभियान क्यों नहीं चलाता आरएसएस: नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के मंदिर में जाने के बाद भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा द्वारा गंगाजल छिड़कने से उपजे विवाद पर उन्होंने कहा, उसकी तो हम सब ने निंदा की है. छुआछूत मनावता पर कलंक है. आरएसएस अपने आप को सांस्कृतिक संगठन कहता है. आरएसएस देशभर में छुआछूत को खत्म करने के लिए अभियान क्यों नहीं चलाता है. अभी उनकी विचारधारा से जुड़े दल (भाजपा) की सरकार है. मोहन भागवत आगे आकर क्यों नहीं कहते कि वे छुआछूत को खत्म कर देंगे.

दलित-आदिवासी हिंदू तो छुआछूत क्यों: गहलोत बोले, वे (भाजपा-आरएसएस) मानते हैं कि दलित वर्ग के लोग भी हिंदू हैं और आदिवासी भी हिंदू हैं. वे सबको हिंदू मानते हैं तो हिंदुओं के साथ आपस में जो छुआछूत हो रही है. उसकी जिम्मेदारी किसकी बनती है. वैसे तो यह पूरे समाज की जिम्मेदारी है. लेकिन आरएसएस, जिसकी विचारधारा की आज सरकार है. तो इससे अच्छा मौका कब आएगा छुआछूत को खत्म करने का. आरएसएस सब काम छोड़कर देश से आह्वान करें कि हम चाहेंगे कि हिंदू आपस में छुआछूत की भावना नहीं रखे.

हमारा आरोप गलत तो साबित करे भाजपा-आरएसएस: गहलोत ने आगे कहा, आप मंदिर में जाओ और गंगाजल छिड़काया जाए. यह बीजेपी और आरएसएस की मानसिकता को प्रकट करता है. यह हमारा आरोप है. अगर यह आरोप गलत है तो आरएसएस और भाजपा को आगे आकर स्पष्ट करना चाहिए कि हम जो कह रहे हैं. वह गलत है. गहलोत बोले, उन्हें कहना चाहिए कि वे इसके खिलाफ हैं और छुआछूत को बर्दाश्त नहीं करेंगे. जो छुआछूत करते हैं. वह मानवता पर कलंक है. ऐसा नहीं होता तो हमें यही लगेगा कि आरएसएस और भाजपा में छुआछूत और भेदभाव की भावना है. इसीलिए मंदिरों में इस प्रकार की हरकतें होती हैं.

मजबूती से लागू होंगे कांग्रेस अधिवेशन के फैसले: उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि गुजरात में कांग्रेस का शानदार अधिवेशन हुआ है. वहां जो फैसले लिए गए हैं, वे मजबूती से लागू होंगे. आज देश को कांग्रेस के रूप में मजबूत विपक्ष की जरूरत है. कांग्रेस की एक मजबूत विचारधारा है. कांग्रेस का और मजबूत होकर उभरना जरूरी है. क्योंकि सरकार आज धमकी देती है. पत्रकारों-साहित्यकारों को देशद्रोही बताया जाता है. यह फासिस्ट सोच है. जिससे मुकाबला करने वाली कांग्रेस अकेली पार्टी है. उन्होंने कहा, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने जो विजन तैयार किया है. उसका बूथ स्तर तक असर दिखेगा.

जयपुर: राजस्थान में गर्मी के तल्ख होते तेवर के बीच पानी की किल्लत के मुद्दे पर सियासी पारा उफान पर है. वसुंधरा राजे ने झालावाड़ में पानी की किल्लत के मुद्दे को लेकर अफसरशाही को फटकार लगाते हुए सरकार पर निशाना साधा है. अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह कहकर वसुंधरा राजे पर निशाना साधा कि वे दो बार सीएम रही हैं. उनका केवल झालावाड़ की बात करना सही नहीं है. उन्हें तो ईआरसीपी-पीकेसी (अब रामसेतु) परियोजना का सच सबके सामने लाना चाहिए. गहलोत ने जयपुर में मीडिया से मुखातिब होते हुए यह बात कही है. दरअसल, अशोक गहलोत और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली शुक्रवार को ज्योतिबा फुले जयंती पर सहकार भवन स्थित ज्योतिबा फुले की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे थे.

गहलोत क्यों बोले, वसुंधरा दिखाए राजनीतिक ईमानदारी (ETV Bharat Jaipur)

वसुंधरा को पता है नए एमओयू में दम नहीं: मीडिया के सवाल के जवाब में गहलोत ने कहा, वसुंधरा राजे दो बार सीएम रही हैं. उन्होंने पूरी स्टडी की है. उन्हें पता है कि ईआरसीपी-पीकेसी का जो नया एमओयू हुआ है. उसमें कोई दम नहीं है. गहलोत बोले- उनकी वसुंधरा राजे से शिकायत है कि वे दो बार सीएम रहीं और अब केवल झालावाड़ की बात कर रही हैं, यह गलत है. अगर उनमें राजनीतिक ईमानदारी है, तो प्रेस कांफ्रेंस कर ईआरसीपी-पीकेसी के नए एग्रीमेंट की सच्चाई सबको बतानी चाहिए.

पढ़ें: मदन राठौड़ का बयान, 'वसुंधरा राजे ने गलत बात नहीं कही, अधिकारी के बचाव में कार्यकर्ताओं को डैमेज नहीं करेंगे'

गहलोत ने यह भी कहा कि वसुंधरा राजे को यह भी साफ करना चाहिए कि उन्होंने (वसुंधरा राजे ने) ईआरसीपी का जो मसौदा तैयार करवाया था. उसमें ज्यादा दम था या अब जो पीकेसी (रामसेतु) के नाम से समझौता हुआ है. उसमें ज्यादा दम है. गहलोत ने आगे कहा कि वसुंधरा राजे के समय बनी ईआरसीपी परियोजना में हमारी सरकार ने कोई छेड़छाड़ नहीं की थी और उसी प्रस्ताव को आगे बढ़ाया था. उनमें राजनीतिक ईमानदारी है तो वे पूरे राजस्थान की बात करें, सिर्फ झालावाड़ की बात नहीं करें.

पढ़ें: वसुंधरा के भजनलाल सरकार पर हमले के बाद केंद्र का एक्शन, तत्काल मांगी रिपोर्ट - WATER PROBLEM CONTROVERSY

सरकार खुद मान रही 9 साल कुछ नहीं होगा: ईआरसीपी-पीकेसी (रामसेतु) जल परियोजना के मुद्दे पर अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार को भी आड़े हाथ लिया है. उन्होंने कहा ईआरसीपी जिसे पहले पीकेसी और अब रामसेतु नाम दिया गया है. यह सब बकवास है. सरकार खुद यह स्वीकार कर रही है कि अगले 9 साल तक तो कुछ होने वाला नहीं है. फिर नाम बदलकर जनता को क्यों बेवकूफ बनाया जा रहा है.

पढ़ें: पेयजल संकट पर अधिकारियों पर बरसीं वसुंधरा राजे, बोलीं- पीएम ने दिए 42 हजार करोड़, पाई-पाई का हिसाब दो - VASUNDHRA RAJE ON PHED

छुआछूत पर अभियान क्यों नहीं चलाता आरएसएस: नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के मंदिर में जाने के बाद भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा द्वारा गंगाजल छिड़कने से उपजे विवाद पर उन्होंने कहा, उसकी तो हम सब ने निंदा की है. छुआछूत मनावता पर कलंक है. आरएसएस अपने आप को सांस्कृतिक संगठन कहता है. आरएसएस देशभर में छुआछूत को खत्म करने के लिए अभियान क्यों नहीं चलाता है. अभी उनकी विचारधारा से जुड़े दल (भाजपा) की सरकार है. मोहन भागवत आगे आकर क्यों नहीं कहते कि वे छुआछूत को खत्म कर देंगे.

दलित-आदिवासी हिंदू तो छुआछूत क्यों: गहलोत बोले, वे (भाजपा-आरएसएस) मानते हैं कि दलित वर्ग के लोग भी हिंदू हैं और आदिवासी भी हिंदू हैं. वे सबको हिंदू मानते हैं तो हिंदुओं के साथ आपस में जो छुआछूत हो रही है. उसकी जिम्मेदारी किसकी बनती है. वैसे तो यह पूरे समाज की जिम्मेदारी है. लेकिन आरएसएस, जिसकी विचारधारा की आज सरकार है. तो इससे अच्छा मौका कब आएगा छुआछूत को खत्म करने का. आरएसएस सब काम छोड़कर देश से आह्वान करें कि हम चाहेंगे कि हिंदू आपस में छुआछूत की भावना नहीं रखे.

हमारा आरोप गलत तो साबित करे भाजपा-आरएसएस: गहलोत ने आगे कहा, आप मंदिर में जाओ और गंगाजल छिड़काया जाए. यह बीजेपी और आरएसएस की मानसिकता को प्रकट करता है. यह हमारा आरोप है. अगर यह आरोप गलत है तो आरएसएस और भाजपा को आगे आकर स्पष्ट करना चाहिए कि हम जो कह रहे हैं. वह गलत है. गहलोत बोले, उन्हें कहना चाहिए कि वे इसके खिलाफ हैं और छुआछूत को बर्दाश्त नहीं करेंगे. जो छुआछूत करते हैं. वह मानवता पर कलंक है. ऐसा नहीं होता तो हमें यही लगेगा कि आरएसएस और भाजपा में छुआछूत और भेदभाव की भावना है. इसीलिए मंदिरों में इस प्रकार की हरकतें होती हैं.

मजबूती से लागू होंगे कांग्रेस अधिवेशन के फैसले: उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि गुजरात में कांग्रेस का शानदार अधिवेशन हुआ है. वहां जो फैसले लिए गए हैं, वे मजबूती से लागू होंगे. आज देश को कांग्रेस के रूप में मजबूत विपक्ष की जरूरत है. कांग्रेस की एक मजबूत विचारधारा है. कांग्रेस का और मजबूत होकर उभरना जरूरी है. क्योंकि सरकार आज धमकी देती है. पत्रकारों-साहित्यकारों को देशद्रोही बताया जाता है. यह फासिस्ट सोच है. जिससे मुकाबला करने वाली कांग्रेस अकेली पार्टी है. उन्होंने कहा, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने जो विजन तैयार किया है. उसका बूथ स्तर तक असर दिखेगा.

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