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पर्यावरण संरक्षण पर योगी सरकार दे रही जोर, स्वच्छ ऊर्जा से चलाई जा रहीं 33 हजार भूजल परियोजनाएं - ENVIRONMENTAL PROTECTION IN UP GOVT

यूपी में जल जीवन मिशन के तहत ही लगभग 41 हजार योजनाएं संचालित हैं. योगी सरकार इनमें सौर उर्जा का उपयोग करना चाहती है.

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सरकारी योजनाओं में पर्यावरण संरक्षण पर जोर (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 7, 2024, 8:01 PM IST

लखनऊ: प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण (environmental protection in up) को लेकर गंभीरता से काम कर रही है. यही कारण है कि सरकारी योजनाओं में इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि प्रदेश सरकार द्वारा अब तक उठाए गए कदमों से 13 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन कम होगा. इसके साथ ही बिजली आपूर्ति में हो रहे खर्च में भी कमी आएगी.

इससे सरकारी धन भी बचेगा, जिसे अन्य योजनाओं में लगाकर विकास के काम किए जा सकेंगे. प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत ही लगभग 41 हजार योजनाएं संचालित हैं. सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा परियोजनाओं में सौर उर्जा का उपयोग हो, जिससे पर्यावरण संरक्षण की मंशा को भी बल मिलता है.

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यूपी में जल जीवन मिशन के तहत ही लगभग 41 हजार योजनाएं संचालित हैं (Photo Credit- ETV Bharat)
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने जल जीवन मिशन को लेकर अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की और उन्हें सरकार की मंशा से अवगत कराते हुए सरकारी योजनाओं में पर्यावरण संरक्षण के उपायों को ध्यान में रखने का निर्देश दिया. इस अवसर पर अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में जल जीवन मिशन की कुल 40,951 योजनाएं संचालित हैं, जिसमें फेज-1 के तहत सतही भूजल स्रोत आधारित 204 योजनाएं, विद्युत आधारित भूजल 7,504 योजनाएं, फेज-4 के तहत सतही स्त्रोत आधारित 14 योजनाएं और सौर ऊर्जा आधारित भूजल की 33,229 योजनाएं शामिल हैं.

योगी सरकार द्वारा जल जीवन मिशन की 33,229 योजनाओं को संचालन होने से प्रदेश सरकार को योजना काल में लगभग एक लाख करोड़ रुपये की बचत होगी. मिशन की 33,229 योजनाओं को सौर ऊर्जा से संचालित करने के लिए लगभग 900 मेगावाट के सोलर पैनल लगाए गए हैं. केंद्र सरकार द्वारा इस इनोवेशन को बेस्ट प्रैक्टिसेज के रूप में चिह्नित किया गया है. सौर ऊर्जा आधारित योजनाओं के निर्माण से प्रतिवर्ष लगभग 13 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)का उत्सर्जन कम होगा. वहीं आगामी तीस वर्ष में 390 लाख कार्बन क्रेडिट अर्जित किया जा सकेगा.

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आगामी तीस वर्ष में 390 लाख कार्बन क्रेडिट अर्जित किया जा सकेगा. (Photo Credit- ETV Bharat)
केंद्र सरकार ने योगी सरकार की इस अभिनव पहल को बेस्ट प्रैक्टिसेज के रूप में चिह्नित किया है. यह पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल बन गया है, जो अन्य राज्यों को भी अक्षय ऊर्जा अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश न केवल जल जीवन मिशन के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित कर रहा है, बल्कि पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी निभा रहा है. सौर ऊर्जा आधारित योजनाएं न केवल ऊर्जा की लागत कम कर रही हैं, बल्कि प्रदेश को एक "ग्रीन स्टेट" के रूप में उभरने में मदद कर रही हैं.

ये भी पढ़ें- लखनऊ दुबग्गा ब्लास्ट मामला: बीट प्रभारी और सिपाही निलंबित, लापरवाही बरतने पर डीसीपी ने की कार्रवाई

लखनऊ: प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण (environmental protection in up) को लेकर गंभीरता से काम कर रही है. यही कारण है कि सरकारी योजनाओं में इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि प्रदेश सरकार द्वारा अब तक उठाए गए कदमों से 13 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन कम होगा. इसके साथ ही बिजली आपूर्ति में हो रहे खर्च में भी कमी आएगी.

इससे सरकारी धन भी बचेगा, जिसे अन्य योजनाओं में लगाकर विकास के काम किए जा सकेंगे. प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत ही लगभग 41 हजार योजनाएं संचालित हैं. सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा परियोजनाओं में सौर उर्जा का उपयोग हो, जिससे पर्यावरण संरक्षण की मंशा को भी बल मिलता है.

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यूपी में जल जीवन मिशन के तहत ही लगभग 41 हजार योजनाएं संचालित हैं (Photo Credit- ETV Bharat)
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने जल जीवन मिशन को लेकर अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की और उन्हें सरकार की मंशा से अवगत कराते हुए सरकारी योजनाओं में पर्यावरण संरक्षण के उपायों को ध्यान में रखने का निर्देश दिया. इस अवसर पर अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में जल जीवन मिशन की कुल 40,951 योजनाएं संचालित हैं, जिसमें फेज-1 के तहत सतही भूजल स्रोत आधारित 204 योजनाएं, विद्युत आधारित भूजल 7,504 योजनाएं, फेज-4 के तहत सतही स्त्रोत आधारित 14 योजनाएं और सौर ऊर्जा आधारित भूजल की 33,229 योजनाएं शामिल हैं.

योगी सरकार द्वारा जल जीवन मिशन की 33,229 योजनाओं को संचालन होने से प्रदेश सरकार को योजना काल में लगभग एक लाख करोड़ रुपये की बचत होगी. मिशन की 33,229 योजनाओं को सौर ऊर्जा से संचालित करने के लिए लगभग 900 मेगावाट के सोलर पैनल लगाए गए हैं. केंद्र सरकार द्वारा इस इनोवेशन को बेस्ट प्रैक्टिसेज के रूप में चिह्नित किया गया है. सौर ऊर्जा आधारित योजनाओं के निर्माण से प्रतिवर्ष लगभग 13 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)का उत्सर्जन कम होगा. वहीं आगामी तीस वर्ष में 390 लाख कार्बन क्रेडिट अर्जित किया जा सकेगा.

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आगामी तीस वर्ष में 390 लाख कार्बन क्रेडिट अर्जित किया जा सकेगा. (Photo Credit- ETV Bharat)
केंद्र सरकार ने योगी सरकार की इस अभिनव पहल को बेस्ट प्रैक्टिसेज के रूप में चिह्नित किया है. यह पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल बन गया है, जो अन्य राज्यों को भी अक्षय ऊर्जा अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश न केवल जल जीवन मिशन के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित कर रहा है, बल्कि पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी निभा रहा है. सौर ऊर्जा आधारित योजनाएं न केवल ऊर्जा की लागत कम कर रही हैं, बल्कि प्रदेश को एक "ग्रीन स्टेट" के रूप में उभरने में मदद कर रही हैं.

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