नारायणपुर/दंतेवाड़ा/बालोद: विश्व पर्यावरण दिवस पर वन विभाग ने रैली के बाद रामकृष्ण मिशन खेल मैदान में पौधरोपण किया गया. नगर पालिका अध्यक्ष इंद्र प्रसाद बघेल ने 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान की अपील की. वहीं आश्रम के महाराज ने फलदार वृक्षों का महत्व बताया. दंतेवाड़ा में भी विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर वन मंदिर वाटिका में स्कूली बच्चों ने फलदार पौधे लगाए. इस मौके पर बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण का प्रण भी लिया. लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक करने की भी बात कही.
विश्व पर्यावरण दिवस: 5 जून, विश्व पर्यावरण दिवस पर नारायणपुर में वन विभाग ने जनजागरूकता रैली का आयोजन किया. इस रैली के माध्यम से "प्लास्टिक फ्री इनवायरमेंट" का संदेश दिया गया. नगर के प्रमुख स्थलों पर साफ सफाई अभियान भी चलाया गया. रैली के बाद रामकृष्ण मिशन आश्रम संस्थान के खेल परिषद मैदान में खाली स्थान पर पौधरोपण किया गया. इस दौरान शहर के जनप्रतिनिधियों और विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी रही.
"प्रकृति सुरक्षा" का संदेश: नगर पालिका अध्यक्ष इंद्र प्रसाद बघेल ने वृक्ष लगाकर "प्रकृति सुरक्षा" का संदेश दिया. उन्होंने जिलेवासियों से एक पेड़ मां के नाम 2.0 अभियान से जुड़ने की अपील की. बघेल ने कहा कि हर व्यक्ति यदि अपनी मां के नाम एक पौधा लगाए, तो ये प्रकृति के प्रति एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
रामकृष्ण मिशन आश्रम: वहीं रामकृष्ण मिशन आश्रम के महाराज ने कहा कि शहरों में हरियाली की जगह अब कंक्रीट के जंगलों ने ले ली है. हम ऐसे पौधों के रोपण पर जोर दे रहे हैं, जो फल देने वाले हों, जिससे ना सिर्फ पर्यावरण संरक्षण संभव हो, बल्कि ग्रामीण गरीबों के लिए आय का साधन भी बन सके.
वृक्षारोपण केवल एक दिवस की रस्म नहीं, बल्कि यह रोजाना किए जाने वाले सत्कर्मों में शामिल होना चाहिए. फलदार वृक्षों से शाकाहारी वन्य जीवों को भी प्राकृतिक आहार उपलब्ध हो सकेगा: स्वामी व्याप्तानंद जी,सचिव, रामकृष्ण मिशन आश्रम
वन विभाग द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए विविध गतिविधियां आयोजित की गई हैं. हम आने वाले समय में और अधिक पौधारोपण व जनसहभागिता को प्रेरित करेंगे: शशिगानंद के, डीएफओ, नारायणपुर
वृक्षारोपण का संकल्प: लोगों ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस पर नारायणपुर में आयोजित यह कार्यक्रम केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि पर्यावरण के प्रति बढ़ते सामाजिक उत्तरदायित्व का प्रतीक बनकर सामने आया. 'एक पेड़ मां के नाम' जैसी पहलें न केवल भावनात्मक जुड़ाव लाती हैं, बल्कि प्रकृति संरक्षण में भी आम जनता की भागीदारी सुनिश्चित करती हैं. शहरवासियों का यह भी कहना है कि वृक्षारोपण केवल दिवस विशेष तक सीमित न रहे, बल्कि यह जन आंदोलन बने.
वन मंदिर वाटिका में बच्चों ने लगाए पौधे: दंतेवाड़ा में भी वन मंदिर वाटिका टेकनार सहित जिले के अंदरूनी इलाकों में अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस मनाया गया. स्कूली बच्चों ने स्कूल आश्रम और अन्य स्थानों पर आम, कदम, नारियल के पेड़ लगाए. अधिकारी कर्मचारियों ने भी कलेक्टर कैंपस में पौधारोपण कर पर्यावरण दिवस मनाया.
वन मंडल अधिकारी वर्मा ने बताया कि हमारा उद्देश्य पौधरोपण करना ही नहीं बल्कि लगाए गए पौधों को संरक्षित रखने का भी है. वन विभाग स्कूली बच्चों को कैंप लगाकर जानकारी देता है. पर्यावरण दिवस पर पौधा लगाने की तकनीक भी बताते हैं ताकि वह पौधा लगाने के बाद उसे संरक्षित भी रख पाएं. हम लोगों से पर्यावरण दिवस के मौके पर अपील करते हैं कि हर एक व्यक्ति एक पौधा जरूर लगाए, ताकि हम प्रकृति को संजोय रखने में अपना योगदान दे सकें.
बालोद में हुई अनोखी पहल: बालोद जिले के कोषागोंदी गांव में भी विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक अनोखी पहल की गई. हर उत्सव में पौधारोपण करने का संकल्प लेते हुए स्कूल परिसर में पौधारोपण किया गया. पूरे गांव में पौध बांटे भी गए. सभी को संकल्प दिलाया गया कि हम यदि कोई भी शुभ कार्य करेंगे तो पूजा अर्चना के साथ एक पौधे का रोपण करेंगे, क्योंकि इस बढ़ती हुई गर्मी और ग्लोबल वार्मिंग के बीच धरती का श्रृंगार करना बेहद आवश्यक है.