ETV Bharat / state

कोविड में बेरोजगार हुए इंजीनियर ने बनाया सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म, 150 करोड़ से ज्यादा का किया लेनदेन, 3 जने पकड़े - ONLINE BETTING GANG BUSTED

पुलिस ने ऑनलाइन सट्टेबाजी से 150 करोड़ से ज्यादा का लेनदेन करने के आरोप में तीन लोगों को पकड़ा है.

Betting accused in police custody
पुलिस गिरफ्त में सट्टेबाजी के आरोपी (ETV Bharat Alwar)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : June 3, 2025 at 4:48 PM IST

3 Min Read

अलवर: जिले में लगातार साइबर अपराध की कमर तोड़ रही अलवर पुलिस ने क्रिकेट और ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़े एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश कर इससे जुड़े मुख्य 3 आरोपियों को हिरासत में लिया है. इस गिरोह का मास्टरमाइंड सॉफ्टवेयर इंजीनियर नितिन पालीवाल बताया जा रहा है, जो 2021 में कोरोना महामारी के दौरान बेरोजगार हो गया था. इसके बाद इसने अपने साथी इंजीनियरों के साथ ऑनलाइन सट्टेबाजी का प्लेटफार्म तैयार किया. पुलिस जांच में अभी तक 150 करोड़ से ज्यादा का लेनदेन मिला है. पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी. एडिशनल एसपी डॉ. तेजपाल सिंह ने बताया कि पुलिस को आशंका है कि गिरफ्त में आया गिरोह, किसी बड़े नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है. बड़ी मात्रा में राशि का लेनदेन हुआ है, इसके चलते एजेंसियों को भी इसके बारे में सूचित किया जाएगा.

एडिशनल एसपी डॉक्टर तेजपाल सिंह ने बताया कि कुछ समय पहले साइबर सेल को मिली गोपनीय सूचना के आधार पर एक विशेष टीम का गठन किया गया. इस टीम में उद्योग नगर थाना अधिकारी व साइबर सेल की टीम ने मिलकर कार्रवाई को अंजाम दिया. इस प्रकरण में तीन आरोपी नितिन पालीवाल, महेश शर्मा व पीयूष शर्मा को हिरासत में लिया गया. उन्होंने बताया कि गिरफ्त में आए तीनों आरोपी इंजीनियर हैं. आरोपी मिलकर अलवर में सट्टेबाजी का गिरोह संचालित करते थे.

बेरोजगार हुए इंजीनियर ने कैसे किया करोड़ों का खेल, देखें वीडियो (ETV Bharat Alwar)

पढ़ें: Online Gaming or Gambling : मोबाइल बना सट्टेबाजी का अड्डा, जानें कैसे युवाओं को फंसाते हैं बुकी

उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग होने के चलते आरोपियों ने खुद ने अपनी वेबसाइट डेवलप की. डॉक्टर तेजपाल सिंह ने बताया कि आरोपी वर्चुअल करेंसी को क्रिएट कर इससे जुड़े लोगों में डिस्ट्रीब्यूशन करते हैं. आईडी पासवर्ड के माध्यम से प्लेयर्स इसमें एक्सेस लेते हैं. इसके बाद वर्चुअल करेंसी को खरीदकर ट्रांसफर करते हैं. पैसे के ट्रांसफर के लिए हवाला व बैंक अकाउंट का सहारा लेते हैं. इसके बाद आईपीएल सहित अन्य खेल में सट्टा लगाते हैं.

पढ़ें: क्रिकेट विश्वकप में ऑनलाइन सट्टेबाजी का खेल, कार और किराए के फ्लैट में लगवाते हैं सट्टा, पुलिस ने 6 को पकड़ा - Rajasthan Hindi News

एडिशनल एसपी ने बताया कि आरोपियों ने 150 करोड़ रुपए की वर्चुअल करेंसी जनरेट की. पुलिस को डेढ़ सौ करोड़ रुपए के पैसे के ट्रांजैक्शन का ही अंदेशा है. भारी मात्रा में राशि का उपयोग होने के चलते एजेंसियों को भी सूचित किया जाएगा. आरोपियों ने करीब 30 से ज्यादा वेबसाइट को सट्टेबाजी के लिए डेवलप किया. साथ ही 60 हजार आईडी जनरेट किए. जो अभी एक्टिव हैं. आरोपियों के कब्जे से 6 मोबाइल, 2 लैपटॉप, हार्ड ड्राइव, 15 एटीएम कार्ड व गाड़ी जब्त की गई है. महादेव ऐप की तर्ज पर ही आरोपी अपने गिरोह को राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित अन्य जगहों पर संचालित कर रहे थे. आरोपियों को 6 जून तक रिमांड पर लिया गया है.

अलवर: जिले में लगातार साइबर अपराध की कमर तोड़ रही अलवर पुलिस ने क्रिकेट और ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़े एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश कर इससे जुड़े मुख्य 3 आरोपियों को हिरासत में लिया है. इस गिरोह का मास्टरमाइंड सॉफ्टवेयर इंजीनियर नितिन पालीवाल बताया जा रहा है, जो 2021 में कोरोना महामारी के दौरान बेरोजगार हो गया था. इसके बाद इसने अपने साथी इंजीनियरों के साथ ऑनलाइन सट्टेबाजी का प्लेटफार्म तैयार किया. पुलिस जांच में अभी तक 150 करोड़ से ज्यादा का लेनदेन मिला है. पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी. एडिशनल एसपी डॉ. तेजपाल सिंह ने बताया कि पुलिस को आशंका है कि गिरफ्त में आया गिरोह, किसी बड़े नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है. बड़ी मात्रा में राशि का लेनदेन हुआ है, इसके चलते एजेंसियों को भी इसके बारे में सूचित किया जाएगा.

एडिशनल एसपी डॉक्टर तेजपाल सिंह ने बताया कि कुछ समय पहले साइबर सेल को मिली गोपनीय सूचना के आधार पर एक विशेष टीम का गठन किया गया. इस टीम में उद्योग नगर थाना अधिकारी व साइबर सेल की टीम ने मिलकर कार्रवाई को अंजाम दिया. इस प्रकरण में तीन आरोपी नितिन पालीवाल, महेश शर्मा व पीयूष शर्मा को हिरासत में लिया गया. उन्होंने बताया कि गिरफ्त में आए तीनों आरोपी इंजीनियर हैं. आरोपी मिलकर अलवर में सट्टेबाजी का गिरोह संचालित करते थे.

बेरोजगार हुए इंजीनियर ने कैसे किया करोड़ों का खेल, देखें वीडियो (ETV Bharat Alwar)

पढ़ें: Online Gaming or Gambling : मोबाइल बना सट्टेबाजी का अड्डा, जानें कैसे युवाओं को फंसाते हैं बुकी

उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग होने के चलते आरोपियों ने खुद ने अपनी वेबसाइट डेवलप की. डॉक्टर तेजपाल सिंह ने बताया कि आरोपी वर्चुअल करेंसी को क्रिएट कर इससे जुड़े लोगों में डिस्ट्रीब्यूशन करते हैं. आईडी पासवर्ड के माध्यम से प्लेयर्स इसमें एक्सेस लेते हैं. इसके बाद वर्चुअल करेंसी को खरीदकर ट्रांसफर करते हैं. पैसे के ट्रांसफर के लिए हवाला व बैंक अकाउंट का सहारा लेते हैं. इसके बाद आईपीएल सहित अन्य खेल में सट्टा लगाते हैं.

पढ़ें: क्रिकेट विश्वकप में ऑनलाइन सट्टेबाजी का खेल, कार और किराए के फ्लैट में लगवाते हैं सट्टा, पुलिस ने 6 को पकड़ा - Rajasthan Hindi News

एडिशनल एसपी ने बताया कि आरोपियों ने 150 करोड़ रुपए की वर्चुअल करेंसी जनरेट की. पुलिस को डेढ़ सौ करोड़ रुपए के पैसे के ट्रांजैक्शन का ही अंदेशा है. भारी मात्रा में राशि का उपयोग होने के चलते एजेंसियों को भी सूचित किया जाएगा. आरोपियों ने करीब 30 से ज्यादा वेबसाइट को सट्टेबाजी के लिए डेवलप किया. साथ ही 60 हजार आईडी जनरेट किए. जो अभी एक्टिव हैं. आरोपियों के कब्जे से 6 मोबाइल, 2 लैपटॉप, हार्ड ड्राइव, 15 एटीएम कार्ड व गाड़ी जब्त की गई है. महादेव ऐप की तर्ज पर ही आरोपी अपने गिरोह को राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित अन्य जगहों पर संचालित कर रहे थे. आरोपियों को 6 जून तक रिमांड पर लिया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.