गया : प्रवर्तन निदेशालय ने मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने पटना की विशेष अदालत में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है.
पूर्व कुलपति के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट : प्रवर्तन निदेशालय, पटना ने मगध विश्वविद्यालय, गया के पूर्व कुलपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में शिकंजा कस दिया है. ईडी ने उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया है. अदालत ने इस मामले को संज्ञान में ले लिया है.
ED, Patna has filed Prosecution Complaint (PC) in connection with money laundering case related to Disproportionate Assets (DA) Case of Dr.Rajendra Prasad, former Vice Chancellor, Magadh University. The PC is filed against 4 accused namely Dr. Rajendra Prasad, Dr. Ashok Kumar…
— ED (@dir_ed) April 18, 2025
मनी लॉन्ड्रिंग का है मामला : यह आरोप पत्र आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है. इस चार्जशीट में डॉ. राजेंद्र प्रसाद के साथ उनके पुत्र डॉ. अशोक कुमार, भाई अवधेश प्रसाद और प्यारी देवी के नाम भी शामिल हैं. डॉ. राजेंद्र प्रसाद पर आरोप है कि उन्होंने कुलपति रहते हुए भारी भ्रष्टाचार किया था. ईडी ने यह आरोप पत्र 15 अप्रैल को विशेष अदालत, पटना में दाखिल किया था, जिसे उसी दिन कोर्ट ने संज्ञान में लिया.
चार लोगों के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज : ईडी के बयान के मुताबिक, ''डॉ. राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अभियोजन शिकायत दर्ज की गई है. इस शिकायत में चार आरोपी हैं – डॉ. राजेंद्र प्रसाद, उनके पुत्र डॉ. अशोक कुमार, उनके भाई अवधेश प्रसाद और प्यारी देवी कल्याण वेलफेयर ट्रस्ट. आरोप है कि इस ट्रस्ट के माध्यम से अवैध संपत्ति को वैध दिखाने की कोशिश की गई थी.''
विशेष निगरानी इकाई से मिली थी जानकारी : ईडी की यह कार्रवाई बिहार पुलिस की विशेष निगरानी इकाई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर की गई है. 16 नवंबर 2021 को विशेष निगरानी इकाई ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ धारा 120B, 420 IPC, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था.
2.66 करोड़ की अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप : सितंबर 2019 से नवंबर 2021 तक कुलपति पद पर रहते हुए डॉ. प्रसाद ने 2.66 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित की. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने विशेष अदालत से अनुमति लेकर कई ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया और छापेमारी की थी.
65 लाख की संपत्ति जब्त : इस मामले में जांच एजेंसी ने पहले भी कई स्थानों पर छापेमारी कर लगभग 65 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की थी. 2021 में एसवीयू की छापेमारी के दौरान पूर्व कुलपति के महंगे कपड़े, जैसे कि पैंट, शर्ट, बेल्ट, कोट, टाई और कुर्ता-पजामा तक सीज कर लिए गए थे.
बेटे और ट्रस्ट के नाम पर की गई संपत्ति : जांच में यह भी सामने आया है कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने अवैध पैसे का इस्तेमाल अपने बेटे और आरपी कॉलेज के नाम पर नकद भुगतान कर संपत्ति अर्जित करने में किया. यह कॉलेज उनके भाई अवधेश प्रसाद द्वारा संचालित किया जा रहा है. ईडी के अनुसार, इन संपत्तियों को बाद में प्यारी देवी मेमोरियल वेलफेयर ट्रस्ट को पट्टे पर ट्रांसफर कर दिया गया, जिसका मलकाना हक भी उन्हीं के परिवार के पास है. ईडी का दावा है कि इस ट्रस्ट के बैंक खाते में नकद जमा कर इसे वैध आय के रूप में दिखाने की कोशिश की गई थी.
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