शिमला: हिमाचल में अब जल्द ही विमल नेगी की मौत के पीछे रहे कारणों का खुलासा होगा. ऊर्जा सचिव राकेश कंवर ने हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले से जुड़ी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को सौंप दी है. 66 पन्नों की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी.
सीएम सुक्खू अब विमल नेगी मौत मामले पर आगे उठाए जाने वाले कदम को लेकर निर्णय लेंगे. ऊर्जा सचिव राजेश कंवर वर्तमान में मुख्यमंत्री के सचिव पद की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं. इस तरह से अब आने वाले समय में सतर्कता और विभागीय जांच किए जाने को लेकर संभावना जताई जा रही है. ऊर्जा ब्रांच के अधिकारियों ने मामले की हर बिंदु की समीक्षा की थी. बता दें कि 8 अप्रैल को अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने रिपोर्ट राकेश कंवर सौंपी थी.
कब्जे में लिया गया रिकॉर्ड
मुख्यमंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि प्रदेश सरकार की एजेंसियां किसी भी तरह के पेचीदा मामलों की जांच करने में सक्षम हैं. विमल नेगी मौत मामले में अभी दो तरह की जांच चल रही है. सरकार ने इस मामले की प्रशासनिक जांच अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा से करवाई है. दूसरी जांच शिमला पुलिस की एसआईटी कर रही है. वहीं, विपक्ष विमल नेगी की मौत को लेकर सरकार पर हमलावर है और लगातार सीबीआई जांच की मांग की जा रही है. पुलिस इस मामले में हरिकेश मीणा, देसराज सहित ऊर्जा निगम के अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों से लंबी पूछताछ कर चुकी है. इस मामले में कई रिकॉर्ड भी कब्जे में लिए जा चुके हैं. पिछले छह महीनों में विमल नेगी और उनकी ब्रांच के डील किए गए मामलों का पूरा पूरा रिकॉर्ड खंगाला गया है. ऐसे में विमल नेगी की ओर से साइन की गई फाइलों और उस पर की गई नोटिंग को रिपोर्ट में शामिल गया है. इस मामले में पेखूबेला परियोजना को लेकर जो आरोप लगाए जा रहे थे, वो सब गलत साबित हुए हैं. विमल नेगी जब ट्रांसफर होकर ऊर्जा निगम आए थे, तब तक पेखूबेला परियोजना बनकर तैयार हो चुकी थी.
कब क्या-क्या हुआ
- विमल नेगी 10 मार्च को लापता हुए थे.
- परिवार के सदस्यों ने शिमला में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी.
- 18 मार्च को विमल नेगी का शव बिलासपुर के गोबिंद सागर झील में मिला था.
- 19 मार्च को एम्स में शव का पोस्टमार्टम किया गया था.
- 19 मार्च को परिवार के सदस्यों ने बीसीएस में स्थित हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड कार्यालय के बाहर शव रखकर प्रदर्शन किया था.
- 19 मार्च को रात के समय सरकार ने एफआइआर दर्ज की थी. इसी दिन हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के निदेशक देसराज को निलंबित किया गया.
- 19 मार्च को हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा को सरकार ने छुट्टी पर भेज दिया था.
- 20 मार्च को विधानसभा में यह मामला उठा. सरकार ने इस पर अपना सरकार ने सदन में अपना स्पष्टीकरण दिया.
- 20 मार्च को ही भाजपा ने विमल नेगी मौत मामले पर सीबीआई जांच को लेकर सदन में हंगामा किया था.
- देसराज की हाइकोर्ट में जमानत याचिका रद्द हुई. उसके बाद 4 अप्रैल को सुप्रीमकोर्ट से उन्हें राहत मिली.
- 3 अप्रैल को अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने आईएएस अधिकारी हरिकेश मीणा से सचिवालय में 3 घंटे पूछताछ की थी.
- 3 अप्रैल को भाजपा ने विमल नेगी मौत मामले को लेकर कैंडल मार्च निकाला था.
- 7 अप्रैल को आईएएस अधिकारी हरिकेश मीणा को 7 हाइकोर्ट से अग्रिम जमानत मिली.
- 8 अप्रैल को सरकार ने ऊर्जा निगम के निदेशक कार्मिक व वित्त शिवम प्रताप सिंह को भी हटाया. उनके स्थान पन एचएएस अधिकारी की तैनाती की गई.
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