भागलपुर: बिहार के भागलपुर के नवगछिया में पुलिस और एसटीएफ को बड़ी सफलता मिली है. एसटीएफ और नवगछिया पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में आतंक के पर्याय बन चुके गुरुदेव उर्फ फूफा जी का अंत हुआ. पूर्णिया के रहने वाले गुरुदेव मंडल उर्फ फूफा जी को एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया है.
खूंखार फूफा जी का आतंक खत्म: दरअसल एसटीएफ को गुप्त सूचना मिली कि रंगरा थाना इलाके के मुरली में सोनैया धार के पास अपराधियों का समूह है. सूचना पर एसटीएफ ने नवगछिया पुलिस का सहयोग लेते हुए देर रात (23 मई) तकरीबन एक बजे अपराधियों को घेरा. जिसके बाद अपराधियों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी.

सामने से कमर और सीने में मारी गोली: अंधेरे का फायदा उठाकर 6 अपराधी भाग निकले. एसटीएफ ने कुख्यात गुरुदेव मंडल को घेर लिया. जैसे ही उसने पुलिस पर फायरिंग की कोशिश की, पुलिस ने सामने से सीने में और कमर में गोली मार दी. दो गोली उसे लगी है, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गयी.
बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में था: एसटीएफ ने फूफा जी के शव के पास से हथियार भी बरामद किया है. बताया यह भी जा रहा है कि वह किसी बड़ी घटना को अंजाम देने या किसी बड़े चेहरे को निशाना बनाने की कोशिश में था.

फूफा जी का आपराधिक इतिहास: योजना बनाने के लिए ये लोग रंगरा इलाके के सोनैया धार के समीप इकट्ठा हुए थे, जिसकी सूचना एसटीएफ को मिली थी. गुरुदेव उर्फ फूफा जी का आपराधिक इतिहास है. पूर्णिया भागलपुर के अलग-अलग थानों में इसके खिलाफ करीब 15 केस दर्ज हैं.
कार्बाइन और एक कट्टा बरामद : इसके साथ ही पूर्णिया और आसपास जिले से भी डिटेल मांगा गया है. पुलिस ने एक कार्बाइन और एक कट्टा बरामद किया है. बड़ी घटना को अंजाम देने से पहले कुख्यात का खात्मा हो गया है. नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में पूरी वीडियोग्राफी के साथ शव का पोस्टमार्टम कराया गया. एनकाउंटर के बाद मृतक की बहन अस्पताल पहुंची और दहाड़ मारकर रोने लगी.

2018 में परिवार से बेदखल: इधर उसके भाई मनोज मंडल ने बताया कि 2017 के नौवें महीने में उसने गलत काम करना शुरू किया था, जिसको लेकर समझाया बुझाया भी गया था. लेकिन जब उसने नहीं माना तो 2018 में उसे परिवार से बेदखल कर दिया गया. कितना भी समझाने पर वह नहीं समझता था.
"हमें फोन आया था कि गुरुदेव मंडल की मौत हो गई है. हमें उससे कोई मतलब नहीं था. उसके कारण पुलिस हमें परेशान करती थी. 2017 में उसे धमदाहा में पकड़ा गया था. तब से ही वह घर से बाहर है. हम उससे कभी नहीं मिले."- मनोज मंडल, गुरुदेव का भाई
'आत्मरक्षा में पुलिस ने की फायरिंग'- एसपी: एनकाउंटर मामले में नवगछिया की एसपी प्रेरणा कुमार ने बताया कि सूचना मिली थी की फरार कुख्यात अपराधी गुरुदेव मंडल अपने साथियों के साथ नई आपराधिक घटना को लेकर योजनाएं बना रहा है. सूचना पर रंगरा थाना डीआईयू की टीम और एसटीएफ की ओर से संयुक्त रूप से रेड की गई. इस दौरान अपराधियों के द्वारा पुलिस पर फायरिंग की गई, जिसको लेकर आत्मरक्षा के लिए पुलिस ने भी फायरिंग की.
"फायरिंग में गुरुदेव मंडल मारा गया. उसके साथ जो थे वह भाग निकले. इसका आपराधिक इतिहास रहा है. हमारे पास 15 केस उपलब्ध हैं. इसके साथ ही पूर्णिया और आसपास जिले से भी डिटेल मांगा गया है. एफएसएल की टीम को भी बुलाया गया था. टीम ने एक कार्बाइन और एक कट्टा बरामद किया गया है. बड़ी घटना को अंजाम देने से पहले कुख्यात का खात्मा हो गया."- प्रेरणा कुमार, एसपी, नवगछिया
आईजी का बयान: वहीं आईजी विवेक कुमार ने कहा कि "सूचना पर नवगछिया पुलिस और पटना एसटीएफ की टीम ने छापेमारी की. इस दौरान अपराधियों द्वारा अवरोध पैदा किया गया. इसके बाद क्रॉस फायरिंग हुई जिसमें पूर्णिया के गुरुदेव मंडल की मृत्यु हुई है. आपराधिक पृष्ठभूमि देखते हुए पुलिस के लिए यह बहुत बड़ी सफलता है."
लूट और हत्या के मामले: बता दें कि गुरुदेव मंडल उर्फ फूफा जी ने चार सितंबर 2017 को धमदाहा में लूट की घटना को अंजाम दिया था. इसके बाद से वह बड़ी बड़ी घटनाओं को अंजाम देने लगा था. सबसे ज्यादा लूट की घटना को उसने अंजाम दिया. एक बार ट्रक चालक की हत्या में इसका नाम सामने आया.
2022 में एसडीपीओ पर हमला: पूर्णिया के धमदाहा थाना में भी इसपर दर्जन भर मामले दर्ज हैं. इसके साथ कुख्यात गुरुदेव पर हत्या लूट छिनतई के कई मामले दर्ज हैं. वह फूफा जी गिरोह चलाता था. साल 2022 में भी पुलिस से मुठभेड़ में गुरुदेव के पैर में गोली लगी थी. गुरुदेव ने तत्कालीन एसडीपीओ दिलीप कुमार पर हमला किया था, जिसमे एसडीपीओ बाल बाल बच गए थे. उन दिनों अप्रैल मई के बीच लगातार तीन लूटकांड में शामिल गुरुदेव मण्डल की तलाश पुलिस को थी.
गुरुदेव मंडल ने की थी अंधाधुंध फायरिंग: तत्कालीन एसपी सुशांत सरोज को सूचना मिली थी कि नवगछिया जीरोमाइल के समीप कुछ अपराधी लूट की योजना बना रहे हैं. ऐसे में एसपी ने त्वरित एसडीपीओ के नेतृत्व में टीम गठित की उसके बाद अपराधियों को पकड़ने पहुची तो सभी अपराधी तेजी से भागने लगे. पुलिस ने कदवा कंचनपुर तक उसका पीछा किया था. इस दौरान गुरुदेव मंडल दोनों हाथों से कट्टा से फायरिंग कर रहा था. कुल 15 राउंड फायरिंग की थी. पुलिस ने भी कई राउंड फायरिंग की एसडीपीओ दिलीप कुमार ने निशाना लगाकर गुरुदेव के पैर में गोली मार दी, जिसमें वह घायल हो गया था.
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