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हाथियों के दीदार का बेस्ट डेस्टिनेशन बना बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, ऐसे बदली सूरत - BANDHAVGARH TIGER RESERVE

मध्य प्रदेश के शहडोल संभाग के उमरिया जिले में स्थित है, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व. इसकी पहचान यूं तो बाघों की दहाड़ के लिए है, लेकिन इन दिनों यह हाथियों की चिंघाड़ खूब सुनने को मिल रहा है.

Bandhavgarh Tiger Reserve
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बढ़े हाथी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : April 3, 2025 at 6:17 PM IST

Updated : April 3, 2025 at 7:44 PM IST

5 Min Read

शहडोल(अखिलेश शुक्ला) : यूं तो भारत में हाथी केरल, कर्नाटक और असम जैसी जगहों पर पाए जाते हैं. बांदीपुर और राजाजी नेशनल पार्क भी हाथियों के लिए फेमस हैं. लेकिन जिस तरह मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की संख्या बढ़ रही है, हम कह सकते हैं कि यह हाथियों को देखने का बेस्ट डेस्टिनेशन बनता जा रहा है.

बांधवगढ़ में दिखने लगे हाथी

खुले जंगल में जिस तरह से बाघों को देखना बेहद रोमांचकारी होता है, ठीक उसी तरह अब उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों को भी देखा जा सकता है. कुछ साल पहले हाथी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को अपना स्थाई पता बना चुके हैं, और अब वे यहां के अलग-अलग क्षेत्रों में नजर भी आने लग गए हैं. जिनको देखकर पर्यटक भी काफी उत्साहित हो रहे हैं.

Elephants in Bandhavgarh Tiger Reserve
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथी (ETV Bharat)

अलग-अलग झुंड में घूम रहे हाथी

कुछ साल पहले जब बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों का प्रवेश हुआ तो अपनी आक्रामक प्रवृत्ति की वजह से सुर्खियों में रहे. लेकिन धीरे-धीरे कुछ समय गुजर जाने के बाद वे इस जगह को पसंद करने लगे हैं. वे छोटे-छोटे झुंड में बंट कर रहते हैं और बाँधवगढ़ के अलग-अलग क्षेत्रों में नज़र आने लगे हैं.

Elephants in Bandhavgarh Tiger Reserve
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथी (ETV Bharat)

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उपसंचालक पीके वर्मा बताते हैं "बांधवगढ़ में अब हाथी अलग-अलग क्षेत्र में घूम रहे हैं. यहां बहुतायत में बांस के जंगल हैं, जो हाथियों का पसंदीदा भोजन है. पीने के लिए पानी की भी पर्याप्त व्यवस्था है, जहां वे पानी पी रहे हैं. ये हाथी टाइगर रिजर्व के अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग ग्रुप्स में बंटे हुए हैं. कहीं छोटे ग्रुप में हैं तो कहीं-कहीं 25 के ग्रुप में घूम रहे हैं."

Elephants in Bandhavgarh Tiger Reserve
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथी (ETV Bharat)

वह आगे बताते हैं "जंगल में वन्य प्राणियों के लिए मौसम के हिसाब से अलग-अलग स्थितियां होती हैं. सांभर से लेकर हाथी तक अलग-अलग सीजन में इनके ग्रुप में बदलाव होता रहता है. गर्मी में पानी और खाने की उपलब्धता कम होती है तो ये छोटे-छोटे ग्रुप में बंट जाते हैं. बरसात होने पर वे इकट्ठे होने लगते हैं. मतलब वन्य प्राणियों में अलग प्रवृत्ति होती है, जो सीजन के हिसाब से बदलती रहती है." वर्तमान में बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व में जो हाथी दिखाई दे रहे हैं उनका बफर जोन में कम ही आना जाना होता है, लेकिन पर्यटकों को ये कोर जोन के सभी रेंजों में दिखाई दे रहे हैं.

Elephants in Bandhavgarh Tiger Reserve
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथी (ETV Bharat)

समय के साख पर्यटकों के साथ रच बस गए हाथी

उपसंचालक पीके वर्मा बताते हैं "अब हाथी भी पर्यटकों के साथ रच-बस गए हैं. जब ये बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में आए थे तो लोग इन्हें देखने पर भगाने के लिए हल्ला-गुल्ला करते थे.. पटाखे फोड़ते थे.. डंडा लेकर दौड़ाने की कोशिश करते थे. उन्हें छेड़ने की कोशिश करते थे जिससे हाथी भी घबराए हुए थे और आक्रामक हो जाते थे. एक्सपर्ट्स को बुलाया गया. लोगों की ट्रेनिंग करवाई गई. कई हाथी एक्सपर्टस NGO को बुलाया गया लोगों को समझाया गया. जिसके बाद अब लोगों ने उस चीज को समझा. और इसका असर ये हुआ कि जो हाथी कभी आक्रामक थे वे धीरे-धीरे शांत स्वभाव के हो गए और अब तो पर्यटकों के बीच उग्र भी नहीं हो रहे हैं. साथ ही हमारी कोशिश होती है कि जो हाथी किसानों की फसलों का नुकसान कर रहे हैं उनकी भरपाई जल्द से जल्द करवा दी जाए."

बांधवगढ़ में कितने हाथी ?

वह बताते हैं "बांधवगढ़ में लगभग 50 से 55 के आसपास हाथी हैं. मादा हाथी ग्रुप लीडर होती है. ये हाथी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में साल 2018 में पहुंचे थे. इनकी संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है क्योंकि ये बांधवगढ़ को अपना नया घर बना चुके हैं. और उसकी वजह यह भी है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व एक घना जंगल है. यहां हाथियों के लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन और पानी उपलब्ध है. जहां भोजन और पानी की पर्याप्त उपलब्धता होगी, मानव दखल कम होगा वहां हाथी बड़ी आसानी से रहेंगे."

हाथियों को लेकर सख्त निर्देश

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उपसंचालक पीके वर्मा बताते हैं "हाथियों को लेकर सफारी के दौरान जो जिप्सी वालो और गाइड्स को निर्देश दिया गया है कि जब भी सड़क या कहीं नज़दीक हाथी दिखे तो उनसे एक निश्चित डिस्टेंस बनाकर रखें. एक डिस्टेंस बनाकर ही वहां से वापस हो लें, उनके नजदीक जाने का रिस्क बिल्कुल भी ना लें, क्योंकि इससे पर्यटकों के जान को खतरा हो सकता है.

हाथियों देखने बांधवगढ़ बन रहा बेस्ट डेस्टिनेशन

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व अब धीरे-धीरे खुले जंगल में हाथियों को देखने का बेस्ट डेस्टिनेशन बनता जा रहा है. यूं तो भारत में हाथी केरल, कर्नाटक और असम जैसी जगहों पर पाए जाते हैं. साथ ही उनके लिए बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान और राजाजी नेशनल पार्क बहुत फेमस हैं लेकिन जिस तरह से मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की संख्या बढ़ रही है ये हम कह सकते हैं कि यह हाथियों को देखने का बेस्ट डेस्टिनेशन बनता जा रहा है.

शहडोल(अखिलेश शुक्ला) : यूं तो भारत में हाथी केरल, कर्नाटक और असम जैसी जगहों पर पाए जाते हैं. बांदीपुर और राजाजी नेशनल पार्क भी हाथियों के लिए फेमस हैं. लेकिन जिस तरह मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की संख्या बढ़ रही है, हम कह सकते हैं कि यह हाथियों को देखने का बेस्ट डेस्टिनेशन बनता जा रहा है.

बांधवगढ़ में दिखने लगे हाथी

खुले जंगल में जिस तरह से बाघों को देखना बेहद रोमांचकारी होता है, ठीक उसी तरह अब उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों को भी देखा जा सकता है. कुछ साल पहले हाथी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को अपना स्थाई पता बना चुके हैं, और अब वे यहां के अलग-अलग क्षेत्रों में नजर भी आने लग गए हैं. जिनको देखकर पर्यटक भी काफी उत्साहित हो रहे हैं.

Elephants in Bandhavgarh Tiger Reserve
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथी (ETV Bharat)

अलग-अलग झुंड में घूम रहे हाथी

कुछ साल पहले जब बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों का प्रवेश हुआ तो अपनी आक्रामक प्रवृत्ति की वजह से सुर्खियों में रहे. लेकिन धीरे-धीरे कुछ समय गुजर जाने के बाद वे इस जगह को पसंद करने लगे हैं. वे छोटे-छोटे झुंड में बंट कर रहते हैं और बाँधवगढ़ के अलग-अलग क्षेत्रों में नज़र आने लगे हैं.

Elephants in Bandhavgarh Tiger Reserve
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथी (ETV Bharat)

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उपसंचालक पीके वर्मा बताते हैं "बांधवगढ़ में अब हाथी अलग-अलग क्षेत्र में घूम रहे हैं. यहां बहुतायत में बांस के जंगल हैं, जो हाथियों का पसंदीदा भोजन है. पीने के लिए पानी की भी पर्याप्त व्यवस्था है, जहां वे पानी पी रहे हैं. ये हाथी टाइगर रिजर्व के अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग ग्रुप्स में बंटे हुए हैं. कहीं छोटे ग्रुप में हैं तो कहीं-कहीं 25 के ग्रुप में घूम रहे हैं."

Elephants in Bandhavgarh Tiger Reserve
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथी (ETV Bharat)

वह आगे बताते हैं "जंगल में वन्य प्राणियों के लिए मौसम के हिसाब से अलग-अलग स्थितियां होती हैं. सांभर से लेकर हाथी तक अलग-अलग सीजन में इनके ग्रुप में बदलाव होता रहता है. गर्मी में पानी और खाने की उपलब्धता कम होती है तो ये छोटे-छोटे ग्रुप में बंट जाते हैं. बरसात होने पर वे इकट्ठे होने लगते हैं. मतलब वन्य प्राणियों में अलग प्रवृत्ति होती है, जो सीजन के हिसाब से बदलती रहती है." वर्तमान में बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व में जो हाथी दिखाई दे रहे हैं उनका बफर जोन में कम ही आना जाना होता है, लेकिन पर्यटकों को ये कोर जोन के सभी रेंजों में दिखाई दे रहे हैं.

Elephants in Bandhavgarh Tiger Reserve
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथी (ETV Bharat)

समय के साख पर्यटकों के साथ रच बस गए हाथी

उपसंचालक पीके वर्मा बताते हैं "अब हाथी भी पर्यटकों के साथ रच-बस गए हैं. जब ये बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में आए थे तो लोग इन्हें देखने पर भगाने के लिए हल्ला-गुल्ला करते थे.. पटाखे फोड़ते थे.. डंडा लेकर दौड़ाने की कोशिश करते थे. उन्हें छेड़ने की कोशिश करते थे जिससे हाथी भी घबराए हुए थे और आक्रामक हो जाते थे. एक्सपर्ट्स को बुलाया गया. लोगों की ट्रेनिंग करवाई गई. कई हाथी एक्सपर्टस NGO को बुलाया गया लोगों को समझाया गया. जिसके बाद अब लोगों ने उस चीज को समझा. और इसका असर ये हुआ कि जो हाथी कभी आक्रामक थे वे धीरे-धीरे शांत स्वभाव के हो गए और अब तो पर्यटकों के बीच उग्र भी नहीं हो रहे हैं. साथ ही हमारी कोशिश होती है कि जो हाथी किसानों की फसलों का नुकसान कर रहे हैं उनकी भरपाई जल्द से जल्द करवा दी जाए."

बांधवगढ़ में कितने हाथी ?

वह बताते हैं "बांधवगढ़ में लगभग 50 से 55 के आसपास हाथी हैं. मादा हाथी ग्रुप लीडर होती है. ये हाथी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में साल 2018 में पहुंचे थे. इनकी संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है क्योंकि ये बांधवगढ़ को अपना नया घर बना चुके हैं. और उसकी वजह यह भी है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व एक घना जंगल है. यहां हाथियों के लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन और पानी उपलब्ध है. जहां भोजन और पानी की पर्याप्त उपलब्धता होगी, मानव दखल कम होगा वहां हाथी बड़ी आसानी से रहेंगे."

हाथियों को लेकर सख्त निर्देश

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उपसंचालक पीके वर्मा बताते हैं "हाथियों को लेकर सफारी के दौरान जो जिप्सी वालो और गाइड्स को निर्देश दिया गया है कि जब भी सड़क या कहीं नज़दीक हाथी दिखे तो उनसे एक निश्चित डिस्टेंस बनाकर रखें. एक डिस्टेंस बनाकर ही वहां से वापस हो लें, उनके नजदीक जाने का रिस्क बिल्कुल भी ना लें, क्योंकि इससे पर्यटकों के जान को खतरा हो सकता है.

हाथियों देखने बांधवगढ़ बन रहा बेस्ट डेस्टिनेशन

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व अब धीरे-धीरे खुले जंगल में हाथियों को देखने का बेस्ट डेस्टिनेशन बनता जा रहा है. यूं तो भारत में हाथी केरल, कर्नाटक और असम जैसी जगहों पर पाए जाते हैं. साथ ही उनके लिए बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान और राजाजी नेशनल पार्क बहुत फेमस हैं लेकिन जिस तरह से मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की संख्या बढ़ रही है ये हम कह सकते हैं कि यह हाथियों को देखने का बेस्ट डेस्टिनेशन बनता जा रहा है.

Last Updated : April 3, 2025 at 7:44 PM IST
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