रामनगर: उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढिकाला पर्यटन जोन में इन दिनों एक घायल बाघ देखा जा रहा है. बाघ घायल अवस्था में ही जंगल में घूम रहा है. जिसे लेकर कॉर्बेट प्रशासन सतर्क हो गया है. प्रशासन द्वारा इस बाघ पर पैनी नजर रखी जा रही है. उसकी निगरानी के लिए हाथी से पेट्रोलिंग, पैदल गश्त और कैमरा ट्रैप का उपयोग किया जा रहा है.
जानकारी देते हुए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने बताया कि हमारी पेट्रोलिंग टीम ने ढिकाला क्षेत्र में एक घायल बाघ को देखा है.उसके पिछले पैर में स्पष्ट रूप से चोट के निशान देखे गए हैं. हमारी वेटनरी टीम उसकी सतत निगरानी कर रही है. फिलहाल बाघ सामान्य रूप से चल-फिर रहा है. लेकिन अगर बाघ की स्थिति में सुधार नहीं हुआ या उसे किसी प्रकार की चिकित्सीय सहायता की आवश्यकता महसूस हुई तो मुख्य वन्यजीव वार्डन से अनुमति लेकर घायल बाघ का रेस्क्यू किया जाएगा. फिर उसे कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढेला स्थित रेस्क्यू सेंटर में उपचार के लिए शिफ्ट किया जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि बाघ स्वयं ही रिकवर कर जाए. ताकि उसे इंसानी हस्तक्षेप की जरूरत न पड़े. लेकिन वन्यजीव संरक्षण के नियमों के अंतर्गत यदि पशु की जान खतरे में हो तो रेस्क्यू करना अनिवार्य हो जाता है. उन्होंने बताया कि बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कई तरीके अपनाए हैं. जिसमें कैमरा ट्रैप के माध्यम से बाघ की हर गतिविधि रिकॉर्ड की जा रही है. वन विभाग के कर्मचारी हाथियों पर सवार होकर गश्त कर रहे हैं. इसके अलावा पैदल पेट्रोलिंग के जरिए भी बाघ की स्थिति का लगातार जायजा लिया जा रहा है. रिजर्व की वेटनरी टीम हर दिन बाघ की सेहत की समीक्षा कर रही है.
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