चंडीगढ़: हरियाणा में आज से बिजली दर मंहगी हो गई है. 3 साल बाद बिजली की दरें 20 से 40 पैसे प्रति यूनिट बढ़ा दी गई. हरियाणा बिजली विनियामक आयोग की ओर से वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जारी टैरिफ दरें 1 अप्रैल से ही लागू होंगी. बिजली निगमों का 4520 करोड़ रुपए के करीब का घाटा पूरा करने के लिए एचईआरसी ने बिजली की दरों में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है. इससे 81 लाख उपभोक्ताओं की जेब पर असर पड़ेगा.
जानिए नया रेट: किसानों के लिए बिजली प्रति यूनिट 6.48 रुपए से बढ़ाकर 7.35 रुपए कर दिया गया है. हालांकि, सरकार किसानों से 10 पैसे प्रति यूनिट ही लेती है. ऐसे में सरकार पर सब्सिडी का बोझ बढ़ेगा. वहीं, इंडस्ट्री के लिए भी बिजली दरों में इजाफा हुआ है. हाई टेंशन लाइन सप्लाई में 30 से 35 पैसे और छोटे कारखानों की एलटी सप्लाई में 10 से 15 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी हुई है. बल्क सप्लाई की दरें 40 पैसे तक बढ़ी है. बिजली दरें बढ़ने से करीब 81 लाख उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा. इसके साथ ही अलग कैटेगरी के लिए बनाए गए स्लैब में भी बदलाव किया गया है.
300 यूनिट तक खपत वालों को होगा फायदा: हरियाणा सरकार ने इस बार तीन स्लैब बनाए हैं. बात अगर अगर घरेलू कनेक्शन की करें तो घरेलू कनेक्शन में खपत 150 यूनिट तक है, तो बिल 412.50 रुपए तक आता था. हालांकि अब नए स्लैब में 30 रुपए ज्यादा चुकाने होंगे. हालांकि 300 यूनिट तक खपत वाले घरों को नए स्लैब में फायदा होगा. पहले 151-250 यूनिट पर 5.25 रुपए थे. अब ये दर 300 यूनिट तक पर लगेगी.
इंडस्ट्री के लिए महंगी हो गई बिजली: बात अगर इंडस्ट्री की करें तो बल्क सप्लाई के टैरिफ में कीमतों में इजाफा किया गया है. 11 केवी की सप्लाई के लिए 6 रुपये 65 पैसे प्रति यूनिट से बढ़ाकर 6 रुपए 95 पैसे प्रति यूनिट किया गया है. 33 केवी के कनेक्शन में 6 रुपये 55 पैसे की बजाय अब 6 रुपये 85 पैसे प्रति यूनिट अदा करना होगा.
मीटर कनेक्शन वाले किसानों के लिए टैरिफ में कमी: किसानों को राहत देने के लिए मीटर कनेक्शन वाली कृषि श्रेणी के लिए टैरिफ में कमी की गई है. इसमें लोड के अनुसार मासिक न्यूनतम शुल्क को मौजूदा टैरिफ 200 रुपए प्रति बीएचपी प्रति वर्ष से घटाकर 180 और 144 रुपए प्रति बीएचपी प्रति वर्ष किया गया है.
200 यूनिट से अधिक खर्च पर देना होगा एफएसए: हरियाणा सरकार ने फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट को साल 2026 तक पहले ही बढ़ा दिया है. बिजली उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट बिजली बिल के हिसाब से 47 पैसे अतिरिक्त एफएसए देना होगा. 200 यूनिट से अधिक बिजली की खपत पर 94.47 रुपए अतिरिक्त भुगतान करना होगा. इस फैसले का कारण बिजली निगमों पर बढ़ रहे डिफॉल्टिंग अमाउंट को बताया जा रहा है. हालांकि 200 यूनिट से कम बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को एफएसए का भुगतान नहीं करना है.
बता दें कि इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने साल 2022-23 में 150 यूनिट तक की खपत पर 25 पैसे यूनिट रेट बढ़ाए थे.
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